*बीएचईएल ने ±800 केवी, 6000 मेगावाट भादला-फतेहपुर एलसीसी एचवीडीसी टर्मिनल स्टेशन के साथ-साथ भादला और फतेहपुर में एसी ट्रांसमिशन के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किए*

हरिद्वार। भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल) ने हिताची एनर्जी इंडिया लिमिटेड के साथ कंसोर्टियम साझेदारी में, राजस्थान पार्ट I पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड, जो अदानी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड (एईएसएल) की 100% स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है, के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके अंतर्गत 6,000 मेगावाट, ±800 केवी, बाई-पोल और द्विदिशात्मक हाई-वोल्टेज डायरेक्ट करंट (एचवीडीसी) टर्मिनल्स को डिज़ाइन और कार्यान्वित किया जाएगा, जिससे राजस्थान के भादला से उत्तर प्रदेश के औद्योगिक और परिवहन केंद्र फतेहपुर तक नवीकरणीय ऊर्जा का पारेषण होगा।

आशा है कि यह एचवीडीसी लिंक परियोजना वर्ष 2029 तक पूरी हो जाएगी तथा 2030 तक अक्षय ऊर्जा से 500 गीगावाट बिजली प्राप्त करने के राष्ट्रीय मिशन में महत्वपूर्ण योगदान देगी। उल्लेखनीय है कि, एक मजबूत एचवीडीसी सिस्टम द्विदिशात्मक बिजली प्रवाह नियंत्रण और ग्रिड स्थिरता सुनिश्चित करता है, जो भारत में नवीकरणीय ऊर्जा की तीव्र गति से एकीकरण को पूरा करने के लिए आवश्यक है। यह परियोजना भारत सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल के प्रति बीएचईएल की निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

गौरतलब है कि यह बीएचईएल को आवंटित चौथी अल्ट्रा हाई वोल्टेज डायरेक्ट करंट (यूएचवीडीसी) ट्रांसमिशन परियोजना अनुबंध है। कंपनी ने पहले से ही उत्तर-पूर्व आगरा ±800 केवी, 6,000 मेगावाट, मल्टी टर्मिनल एचवीडीसी लिंक, और ±800 केवी, 6,000 मेगावाट रायगढ़-पुगलूर एचवीडीसी लिंक का निष्पादन किया है और वर्तमान में हिताची एनर्जी इंडिया लिमिटेड (पूर्व में एबीबी) के साथ संयुक्त रूप से ±800 केवी, 6,000 मेगावाट खावड़ा-नागपुर एचवीडीसी लिंक का निष्पादन कर रही है।

इस परियोजना के लिए, अन्य उपकरणों और प्रणालियों के अतिरिक्त, बीएचईएल अपने भोपाल प्लांट से कनवर्टर ट्रांसफार्मर, शंट रिएक्टर, फिल्टर बैंक कैपेसिटर, एमवी स्विचगियर और इन्सट्रूमेंट ट्रांसफॉर्मर तथा अपने इलेक्ट्रॉनिक्स डिवीजन, बेंगलुरु से थाइरिस्टर वाल्व की आपूर्ति करेगा। इन वाल्वों का उपयोग भादला में एसी पावर को डीसी पावर में परिवर्तित करने के लिए किया जाएगा ताकि इसे 950 किमी से अधिक की एचवीडीसी ट्रांसमिशन लाइन पर प्रेषित किया जा सके और फिर फतेहपुर छोर पर बिजली के निष्कर्षण के लिए इसे वापस एसी में परिवर्तित किया जा सके। इनके अतिरिक्त, कंपनी का ट्रांसमिशन बिजनेस ग्रुप, फतेहपुर टर्मिनल पर विशाल आकार की 765 केवी/400 केवी बिजली निकासी प्रणाली तथा भादला और भादला एक्सटेंशन में 400 केवी एसी सब-स्टेशन का डिजाइन, आपूर्ति और स्थापना करेगा।

भारतीय ग्रिड में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी समाधानों की उत्पत्ति की शुरुआत से ही, बीएचईएल, भारत में प्रमुख एचवीडीसी परियोजनाओं जैसे रिहंद-दादरी, चंद्रपुर-पड़घे, बलिया-भिवाड़ी, उत्तर पूर्व-आगरा और रायगढ़-पुगलुर एचवीडीसी लिंक के निर्माण से जुड़ा हुआ है, और 800 केवी तक के एचवीडीसी उत्पादों के लिए विनिर्माण सुविधाएं स्थापित की हैं।

भारत में बिजली उत्पादन और पारेषण क्षेत्र में बीएचईएल निर्विवाद रूप से अग्रणी है। बिजली पारेषण के क्षेत्र में, बीएचईएल ईएचवी सबस्टेशन, एचवीडीसी कनवर्टर स्टेशन और पावर सिस्टम स्टडीज द्वारा समर्थित एफएसीटीएस समाधानों के लिए अवधारणा से लेकर कमीशनिंग तक टर्नकी परियोजनाओं का कार्यान्वयन करता है।

By Shashi Sharma

Shashi Sharma Working in journalism since 1985 as the first woman journalist of Uttarakhand. From 1989 for 36 years, she provided her strong services for India's top news agency PTI. Working for a long period of thirty-six years for PTI, he got her pen ironed on many important occasions, in which, by staying in Tehri for two months, positive reporting on Tehri Dam, which was in crisis of controversies, paved the way for construction with the power of her pen. Delivered.

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