*सीबीआरआई रुड़की ने राजस्थान के स्वाइपुरा से ‘स्मार्ट विलेज’ पहल का शुभारंभ किया*

• प्रधानमंत्री के ‘विकसित भारत @2047’ के विज़न के अनुरूप मिशन-मोड परियोजना

• जलवायु-सहनशील, आजीविका-केंद्रित एवं डिजिटल प्रौद्योगिकियों का एकीकृत कार्यान्वयन

• 14 सीएसआईआर प्रयोगशालाओं के वैज्ञानिकों द्वारा आवश्यकता-आधारित प्रौद्योगिकी आकलन

भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) द्वारा संचालित “स्मार्ट गाँव” मिशन मोड परियोजना का शुभारंभ आज राजस्थान के पाली जिले के सवाईपुरा गाँव में किया गया। यह पहल प्रधानमंत्री के “विकसित भारत- 2047” के विज़न के अनुरूप ग्रामीण भारत के समग्र एवं सतत विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस मिशन का औपचारिक शुभारंभ सांसद, पाली, श्री पी. पी. चौधरी, तथा डॉ. (श्रीमती) एन. कलैसेल्वी, महानिदेशक, सीएसआईआर एवं सचिव, डीएसआईआर, नई दिल्ली द्वारा किया गया। इस अवसर पर श्री भीमराज भाटी, विधायक, पाली विधानसभा क्षेत्र; प्रो. प्रदीप कुमार रमनचरला, निदेशक, सीएसआईआर–केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान; डॉ. पी. सी. पंचारिया, निदेशक, सीएसआईआर–सीरी सहित जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, ग्राम प्रतिनिधि, गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि तथा विभिन्न सीएसआईआर प्रयोगशालाओं के वैज्ञानिक उपस्थित रहे।

कार्यक्रम के दौरान 14 सीएसआईआर प्रयोगशालाओं के वैज्ञानिकों द्वारा सवाईपुरा गाँव में विस्तृत आवश्यकता आकलन सर्वेक्षण किया गया, जिसके आधार पर “स्मार्ट गाँव” मिशन के अंतर्गत उपयुक्त तकनीकों की पहचान की गई। इस अवसर पर आयोजित तकनीकी प्रदर्शनी में जलवायु-संवेदी एवं आजीविका-आधारित समाधानों का प्रदर्शन किया गया, जिनमें आवास एवं अधोसंरचना (कूल रूफ तकनीक, कम लागत आवास, ग्रामीण सड़कें), नवीकरणीय ऊर्जा एवं जल प्रबंधन (सौर ऊर्जा प्रणाली, अपशिष्ट जल एवं फीकल स्लज उपचार, सुरक्षित पेयजल समाधान), कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र (औषधीय एवं सुगंधित फसलें, मधुमक्खी पालन, मिलेट मूल्य संवर्धन, स्मार्ट कृषि यंत्र), ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, जैवअपघट्य उत्पाद, बायोगैस एवं कम्पोस्टिंग, डिजिटल एवं एआई-सक्षम प्रणालियाँ (स्मार्ट ऊर्जा प्रबंधन, वन्यजीव–मानव संघर्ष न्यूनीकरण, स्वास्थ्य निगरानी, दुग्ध गुणवत्ता विश्लेषण) तथा भूजल आकलन से संबंधित तकनीकें शामिल रहीं। इन सभी समन्वित तकनीकी नवाचारों का उद्देश्य ग्रामीण जीवन की गुणवत्ता में सुधार, आजीविका सुदृढ़ीकरण, पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देना तथा सवाईपुरा गाँव को एक आदर्श स्मार्ट गाँव के रूप में विकसित करना है, जो राष्ट्रीय मिशनों एवं योजनाओं के अनुरूप हो। डॉ. किशोर एस. कुलकर्णी, प्रधान वैज्ञानिक, सीएसआईआर–सीबीआरआई, रुड़की; सीएसआईआर स्मार्ट गाँव मिशन के नोडल समन्वयक के रूप में कार्यरत हैं। कार्यक्रम के दौरान बाल रक्षा भारत, नई दिल्ली के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर भी हस्ताक्षर किए गए, जो इस परियोजना के क्रियान्वयन भागीदार के रूप में कार्य करेगा।

कार्यक्रम के अंत में सवाईपुरा गाँव के ग्रामीणों ने विभिन्न सीएसआईआर प्रयोगशालाओं के वैज्ञानिकों के साथ संवाद किया और प्रस्तावित तकनीकी समाधानों पर अपने विचार साझा किए। इस आयोजन का समन्वय डॉ. चन्दन स्वरुप मीना, श्री राजेश कुमार शर्मा तथा उनकी टीम द्वारा किया गया। सीएसआईआर–सीबीआरआई से डॉ. अजय चौरसिया, डॉ. ताबिश आलम, डॉ. नवीन, श्री चक्रधर सहित अन्य वैज्ञानिक, तकनीकी अधिकारी एवं परियोजना सहायक भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे।


By Shashi Sharma

Shashi Sharma Working in journalism since 1985 as the first woman journalist of Uttarakhand. From 1989 for 36 years, she provided her strong services for India's top news agency PTI. Working for a long period of thirty-six years for PTI, he got her pen ironed on many important occasions, in which, by staying in Tehri for two months, positive reporting on Tehri Dam, which was in crisis of controversies, paved the way for construction with the power of her pen. Delivered.

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