*जीएसटी कम होने से आर्थिक गतिविधियां हुईं तेज : बी सुमिदा*

– *एक राष्ट्र, एक कर योजना से कर प्रणाली में हुआ सुधार*

– *भारत-रूस व्यापार में जनसंचार की अहम भूमिका : मिशेल मास्लोव*

– *पब्लिक रिलेशन सोसाइटी आफ इंडिया (पीआरएसआई) के तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन का दूसरा दिन*

देहरादून। पब्लिक रिलेशन सोसाइटी आफ इंडिया (पीआरएसआई) के तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन में देश और प्रदेश के विकास और चुनौतियों से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर मंथन चल रहा है। अधिवेशन के दूसरे दिन के तीसरे सत्र में जीसीटी के लिए ‘पाजिटिव इंपैक्ट आन इकानोमिक प्रोसेपेक्टिव आफ इंडिया‘ विषय पर मंथन हुआ। इसमें बताया गया कि एक राष्ट्र, एक कर लागू होने से देश में आर्थिक सुधार हुआ है और देश के परिदृश्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।

*भारतीय राजस्व सेवा की वरिष्ठ अधिकारी कस्टम कमिश्नर बी सुमिदा देवी ने* वन नेशन वन टेक्स और जीएसटी के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि जीएसटी घटने से उद्योगों को कर भार में कमी, इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ, और अनुपालन में आसानी जैसे सकारात्मक प्रभाव मिले हैं, जिससे व्यवसायों की लागत घटी और मुनाफा बढ़ा है। वहीं एक देश, एक कर प्रणाली ने कई अप्रत्यक्ष करों को हटाकर एक समान बाजार, पारदर्शिता, और लॉजिस्टिक्स में सुधार किया, जिससे व्यापार आसान हुआ। उन्होंने कहा कि जीएसटी दरें घटने से उद्योगों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। जीसीटी दरें कम होने सेलागत में कमी और मुनाफा वृद्धि हुई है। कम कर दरों से छोटे व्यापारियों को अधिक लाभ हुआ, जिससे वे अपने व्यवसाय में निवेश कर पाए और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिला है। कुशल लॉजिस्टिक्स के कारण कृषि उत्पादों के परिवहन की लागत घटी, जिससे थोक विक्रेताओं और किसानों को फायदा हुआ।

*इस मौके पर इंडियन इंस्टीट्यूट आफ पब्लिक रिलेशन के संस्थापक मेजर अतुल देव ने* परम्परागत पीआर से लेकर आधुनिक दौर में पीआर टूल्स के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि डिजिटल युग में पब्लिक रिलेशन के सामने कई चुनौतियां हैं। उनके लिए सोशल मीडिया के माध्यम से ब्रांड निर्माण और उसके प्रबंधन की चुनौती है। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी के विकास से पीआर का वैश्वीकरण हो रहा है। जनसंचार ने गति और पहुंच में क्रांति ला दी है, लेकिन इसके साथ ही फेक न्यूज़, प्राइवेसी और सामाजिक ध््राुवीकरण जैसी गंभीर चुनौतियां भी पैदा हुई हैं, जिनका समाधान आवश्यक है। कार्यक्रम की अध्यक्षता एसपी सिंह उपाध्यक्ष पीआरआई एस के देहरादून चैप्टर के कुशल प्रबंधन की सराहना की और कहा कि अगले वर्ष यह सम्मेलन भुवनेश्वर में होगा और वहां के चैप्टर को और अधिक मेहनत करनी होगी।

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*भारत-रूस के बीच बेहतर जनसंचार की वकालत*

पीआरएसआई के अधिवेशन के दूसरे दिन के चौथे सत्र में भारत-रूस व्यापार संबंधों को प्रगाढ़ करने की दिशा में मंथन किया गया। इस सत्र को वीआईपीएस न्यू दिल्ली की डीन प्रोफेसर चारुलता सिंह ने मोडरेट किया। मंथन के दौरान मॉस्लोव एजेंसी के डायरेक्टर जनरल मिशेल मास्लोव, डिजिटल एजेंसी इंटेरियम की इंटरशेनल मैनेजर मिस यूलिया देवीदेनको और एना तालानीना ने भारत-रूस के संबंधों के बारे में विस्तृत बातचीत की। मास्लोव ने कहा कि दोनों देश परम्परागत दोस्त हैं। उन्होंने भारत के आर्थिक सुधारों की सराहना की और कहा कि भारत एक समृद्ध देश के तौर पर उभर रहा है। भारत और रूस के बीच परम्परागत सैन्य संबंधों के अलावा अब फार्मा, एग्रीकल्चर, टूरिज्म और खाद्य उत्पादों के बीच व्यापार बढ़ रहा है। उन्होंने कहा दोनों देशों के बीच यदि पब्लिक रिलेशन बेहतर हो जाएं तो जो भाषाई दिक्कत है और जानकारी का अभाव है, उसे दूर किया जा सकता है। यूलिया और एना ने रूस की डिजिटल सेवाओं और सोशल मीडिया के बारे में जानकारी दी।

*05 पुस्तकों का किया गया विमोचन*

पीआरएसआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजीत पाठक, मॉस्लोव एजेंसी के डायरेक्टर जनरल मिशेल मास्लोव ने छठवें सत्र की अध्यक्षता की। इस सत्र में 05 पुस्तकों का विमोचन किया गया। वहीं इस मौके पर डॉ अमिता व डॉ संतोष कुमार वघेल की पुस्तक हस्ती मिटती नहीं उनकी-एक कारवां जो बढ़ता रहा का विमोचन किया गया। वहीं बद्रा चैेप्टर के राजेश जी की पुस्तक विकसित भारत व जंनसंपर्क का भी विमोचन किया गया। वहीं भोपाल के डॉ पंकज मिश्रा की पुस्तक जनसामन्य में कानून संबधी खबरों में समाचार पत्रों की भूमिका पर लिखी गई पुस्तक का भी विमोचन किया गया। इसके साथ ही मीडिया मैनेजमैंट-मेजर पॉलिटिक्ल मध्यप्रदेश शोध पत्र का भी विमोचन किया गया।

*पीआरएसआई के अधिवेशन में बिखरे लोक संस्कृति के रंग*

पीआरएसआई के अधिवेशन में देर शाम को उत्तराखंड के लोक संस्कृति के रंग बिखरे। इस मौके पर गढ़वाली, कुमाऊं और जौनसारी गीतों ने समां बांधा। देश के विभिन्न राज्यों से आए प्रतिनिधि यहां की संस्कृति से रूबरू हुए। इस मौके युवा दिलों की धड़कन सौरभ मैठाणी, विवेक नौटियाल, रेनूबाला और विपिन कुमार के गीतों पर देशभर के प्रतिनिधि भी थिरके। वहीं, हंसा ग्रुप और अल्मोड़ा स्वाल घाटी रंगमंच ने छोलिया नृत्य की शानदार प्रस्तुतियां दीं।


By Shashi Sharma

Shashi Sharma Working in journalism since 1985 as the first woman journalist of Uttarakhand. From 1989 for 36 years, she provided her strong services for India's top news agency PTI. Working for a long period of thirty-six years for PTI, he got her pen ironed on many important occasions, in which, by staying in Tehri for two months, positive reporting on Tehri Dam, which was in crisis of controversies, paved the way for construction with the power of her pen. Delivered.

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