*मा.मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में संवेदनशील क्षेत्रों में बढ़ेगी निगरानी, मानव-वन्यजीव संघर्ष पर जिला प्रशासन अलर्ट,*

*मानव-वन्यजीव संघर्ष की सूचनाओं पर तुरंत कार्रवाई के लिए डीएम ने बनवाया त्वरित रिस्पांस ग्रुप,*

*मानव-वन्यजीव संघर्ष रोकने को हाईटेक कदम, डीएम ने आधुनिक उपकरणों के लिए बजट किया मंजूर*

*संवेदनशील क्षेत्रों में गश्त बढ़ाने के लिए वन विभाग को अतिरिक्त मैनपावर और वाहन भी,*

*राईका होरावाला क्षेत्र में गुलदार का भय, छात्रों की सुरक्षा में डीएम ने स्कूल समय में बदलाव के दिए निर्देश*

*मानव-वन्यजीव संघर्षः अब तक के प्रयासों और चुनौतियों पर डीएम ने की गहन समीक्षा*

*देहरादून ।मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण को लेकर जिलाधिकारी सविन बंसल ने शनिवार को ऋषिपर्णा सभागार में संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। जिसमें विभागों द्वारा अब तक किए गए प्रयासों, उनकी आवश्यकताओं और सामने आ रही चुनौतियों पर गहन विचार-विमर्श किया गया। साथ ही वन्यजीवों की आवाजाही वाले क्षेत्रों में चेतावनी संकेतक लगाने, रात्रि गश्त बढ़ाने, त्वरित सूचना तंत्र को मजबूत करने तथा संवेदनशील क्षेत्रों में स्थानीय लोगों को सतर्क करने के निर्देश दिए गए।

जिलाधिकारी ने कहा कि मानव-वन्यजीव संघर्ष एक गंभीर समस्या है, जिसके समाधान के लिए सभी विभागों को समन्वय के साथ कार्य करना होगा। उन्होंने संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष सर्तकता बरतने, नियमित निगरानी बढ़ाने तथा त्वरित प्रक्रिया प्रणाली को और सुदृढ करने के निर्देश दिए।

जिलाधिकारी ने संवेदनशील क्षेत्रों एवं रिहायशी इलाकों से जंगली जानवरों को दूर भगाने के लिए सेंसर्स बेस्ड तेज आवाज करने वाले उपकरण एनाइडर, सोलर लाइट, कैमरे, फोकस लाइट सहित अन्य आधुनिक उपकरणों की खरीद के लिए मौके पर ही वन विभाग को बजट की स्वीकृति प्रदान की। साथ ही संवदेनशील क्षेत्रों में सतत गश्त बढ़ाने हेतु मैनपावर और वाहनों की डिमांड शीघ्र उपलब्ध कराने को कहा। उन्होंने कहा कि नियमित गश्त से समय रहते घटनाओं को रोका जा सकता है।

जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि कही पर भी मानव-वन्यजीव संघर्ष से जुड़ी सूचनाओं के तुरंत आदान प्रदान के लिए त्वरित रिसपोंस ग्रुप बनाया जाए। गु्रप में सीएमओ, पुलिस, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन के अधिकारियों को शामिल किया जाए। मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटना होने पर रिसपोंस टीम तत्काल मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित करें। ताकि जन-हानि और वन्यजीवों को नुकसान से बचाया जा सके और पीड़ित को त्वरित उपचार एवं राहत पहुंचायी जा सके। जिलाधिकारी ने कहा कि सहसपुर ब्लाक के राइका होरावाला क्षेत्र में गुलदार के भय से छात्रों की सुरक्षा के दृष्टिगत स्कूल का समय भी बदला जाएगा।

बैठक में डीएफओ ने बताया कि जनपद देहरादून में वन विभाग के अंतर्गत 84059.2 है0 वन क्षेत्र है, जिसमें 49871.88 है0 वन क्षेत्र आरक्षित है। जिले में वर्ष 2010 से 2025 तक वन्यजीवों के हमले में मानव मृत्यु के प्रकरणों में 91 लाख, मानव घायल के प्रकरणों में 17 लाख, फसल क्षति में 85.58 लाख का मुआवजा धनराशि वितरित की गई है। इस वर्ष अभी तक मानव वन्य जीव संघर्ष के कारण 04 लोगों की मृत्यु और 08 लोग जख्मी हुए है। मानव वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए विभाग द्वारा सोलर फेंसिंग, हाथी रोधी सुरक्षा खाई खुदान, सतत गश्त, जन जागरूकता गोष्ठी तथा वन्यजीवों के वास स्थल का सुधार कार्य किए गए है। उन्होंने संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा उपकरणों, मैनपावर और वाहनों कमी की समस्या भी रखी। जिस पर जिलाधिकारी ने विभाग को बजट की स्वीकृत प्रदान करते हुए प्रोएक्टिव तरीके से मानव वन्यजीव संघर्ष पर नियंत्रित करने के निर्देश दिए।

बैठक में डीएफओ अमित कंवर, डीएफओ मयंक गर्ग, डीएफओ वैभव कुमार सिंह, एसएलएओ स्मृता परमार, एसडीएम अपर्णा ढ़ौडियाल, सीओ मनोज असवाल, तहसीलदार रूपसिंह, एसीएफ अभिषेक मैठाणी, सरिता भट्ट, डीडीएमओ ऋषभ कुमार सहित वर्चुअल माध्यम से अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।


By Shashi Sharma

Shashi Sharma Working in journalism since 1985 as the first woman journalist of Uttarakhand. From 1989 for 36 years, she provided her strong services for India's top news agency PTI. Working for a long period of thirty-six years for PTI, he got her pen ironed on many important occasions, in which, by staying in Tehri for two months, positive reporting on Tehri Dam, which was in crisis of controversies, paved the way for construction with the power of her pen. Delivered.

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