विशेष उक्त खबर प्रदेश स्तर पर प्रस्तावित हेतु निवेदन है,
पूर्व जस्टिस वीबी शर्मा ने उत्तराखंड अधिवक्ता परिषद देवभूमि की प्रदेश स्तरीय दो दिवसीय बैठक में संबोधन किया,
वर्तमान में न्याय व्यवस्था के सामने कई चुनौतीयां है जस्टिस विवेक भारती शर्मा
हरिद्वार। पूर्व से हमारे कानून में बहुत जटिलताएं हैं,जो वर्तमान भारतीय न्याय व्यवस्था के सामने चुनौतियां के रुप में विद्यमान हैं, ऐसी स्थिति में वकीलों को आगे बढ़कर समाधान करना होगा। उत्तराखंड हाईकोर्ट नैनीताल के पूर्व न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा ने उत्तराखंड अधिवक्ता परिषद देवभूमि के दो दिवसीय बैठक में” न्याय व्यवस्था के सामने चुनौती; विषय पर संबोधित कर उक्त विचार रखें।
रविवार को प्रेमनगर आश्रम स्थित गोवर्धन हॉल में बैठक को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता व पूर्व जस्टिस शर्मा ने कहा कि अंग्रेजों ने कानून अपनी सत्ता को मजबूत करने के लिए बनाया था, भारत देश कहीं नही था। वर्ष 1935में जो कानून में बदलाव हुए वह बहुत कम रहे थे। पूर्ण आजादी के बाद भी वहीं कानून व्यवस्था चलती रही है। उन्होंने कहा कि भारतीय न्याय व्यवस्था के सामने भूत, वर्तमान व भविष्य में चुनौतियां मौजूद है, जिसपर न्यायपालिका, विधायिका व अधिवक्ताओं को विचार विमर्श करना चाहिए। हम सभी अपने कर्तव्यों का पालन कर न्याय व्यवस्था के उद्देश्य प्राप्त कर सकते हैं। न्याय व्यवस्था निष्पक्ष होनी चाहिए,अन्यथा व्यवस्था से विश्वास उठने पर समाज व राष्ट में अराजकता व विद्रोह की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। कहा कि न्याय व्यवस्था के सुधार में बहुत कमी है,जिससे हमारे प्रयासों को सही परिणाम की धीमी गति है अभी लक्ष्य दूर है इसलिए अधिक सुधारों की आवश्यकता है। प्रत्येक अधिवक्ता को वादकारी को शीध्र न्याय दिलाने के लिए केस पर चर्चा करें, क्योंकि देखने में आता है कि वकील अपने वादकारियों से केस पर चर्चा नहीं करते हैं जिससे आप अपनी सही बात जज के सामने नही रख पाते जिससे हम वादकारी को उचित न्याय नहीं दिला पाने में सफल नही हो रहे है। पूर्व जस्टिस शर्मा ने कहा कि अपने 19 वर्ष के अधिवक्ता के तौर पर व 20 वर्ष न्यायिक अधिकारी के पद पर कार्य करते हुए न्याय व्यवस्था में सुधार की कमी मौजूद है। न्याय व्यवस्था को मजबूत करने के लिए केस की पेंडेंसी खत्म,जजों की कमी पूरी व समुचित संसाधन की आवश्यकता जरूरी है।
जन केंद्रित न्याय वितरण प्रणाली विषय पर बतौर अतिथि दिल्ली यूनिवर्सिटी की प्रोफ़ेसर सीमा सिंह ने बताया कि अधिवक्ता परिषद के अथक प्रयास से प्राचीन कानून पुस्तक ज्यूरिस प्रूडेंस को विषय के रूप में दिल्ली यूनिवर्सिटी ने अपने पाठयक्रम में शामिल कर लिया है।अतिथि राष्ट्रीय मंत्री चरण सिंह ने श्रद्धेय दत्तोपंत ठगडी के वर्ष 1992 से स्थापित अधिवक्ता परिषद निरंतर कानूनी क्षेत्र में सुधार व देश हित के मुद्दों पर समाज का मार्गदर्शन कर रहा है। यूपी व उत्तराखंड प्रदेश संयोजक विपिन कुमार ने मंच संचालन किया। बैठक की अध्यक्षता दिनेश सिंह पंवार ने की। साथ ही, वर्तमान कार्यकारिणी को भंग कर पुन प्रदेशाध्यक्षा जानकी सूर्या, प्रदेश महामंत्री अनुज कुमार शर्मा व कोषाध्यक्ष संदीप टंडन की घोषणा की गई है।
जल्द ही, उक्त पदाधिकारी समस्त प्रदेश कार्यकारिणी का गठन करेंगे।कार्यक्रम में आरएसएस प्रांत प्रचारक डॉ शैलेन्द्र,सह जिला कार्यवाह भूपेंद्र,राष्ट्रीय मंत्री चरण सिंह,प्रदेश संयोजक विपिन कुमार,प्रदेश अध्यक्ष जानकी सूर्या,उपाध्यक्ष राजेश सिंह राठौर,प्रदेश महामंत्री अनुज कुमार शर्मा,जिला अध्यक्ष दीपक ठाकुर,महामंत्री प्रियंका वर्मा,कुशलपाल सिंह चौहान,तेजेन्द्र गर्ग,दीपक भारद्वाज,पंकज दत्त शर्मा,शिवकुमार भामा,अमरीश कुमार,भूपेंद्र चौहान,आदेश चौहान,संजय चौहान,कुणाल शर्मा,दिनेश पंवार,विनीत कुमार,रेणु डॉली उपाध्याय,शिवानी बंसला,तोशी चौहान,सुमति जखमोला,योगमाया कश्यप,वैभव,अरविंद श्रीवास्तव,लोकेश दक्ष,महेश चौहान,ऋषिपाल, टिहरी से खेमराज सेमवाल, लक्ष्मीप्रसाद उनियाल व ओंकार मौजूद रहे।