देहरादून-ब्रह्माकुमारीज धर्म प्रभाग की अंतरराष्ट्रीय चेयरपर्सन रही राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी प्रेम लता बहन का आंठवा स्मृति दिवस ‘मर्यादा दिवस’के रूप में सुभाष नगर देहरादून में मनाया गया।राजयोगिनी प्रेम बहन जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करने व उनकी याद में मधुर गीत गायन से शुरू हुए समारोह में मुख्य वक्ता ब्रह्माकुमारीज युवा प्रभाग की चेयरपर्सन राजयोगिनी बीके चन्द्रिका दीदी ने कहा कि जीवन मूल्य केवल मनुष्य योनि में ही प्राप्त किए जा सकते है।
उन्हें अपने सारगर्भित उदबोधन में कहा कि प्रेम बहन को उनके परिजनों द्वारा उनके जीवन को बचाने के लिए परमात्मा शिव को सौंप दिया था,उन्ही की बदौलत वे अपना 75 वर्ष तक का जीवन पूर्ण कर पाई।उन्होंने कहा कि हर कोई कर्म की कलम से अपना भाग्य लिखता है।नरक को स्वर्ग बनाने के लिए भगवान की धरा पर आना पड़ता है।युग परिवर्तन के माध्यम से ही हम इस विश्व नाटक में अपनी अपनी भूमिका का निर्वहन कर रहे है।जिसमे हमे हीरो की भूमिका निभानी है।लेकिन यह तभी संभव है जब तन,मन,धन,जन्म व जीवन सकारात्मक व सार्थक हो,व्यर्थ से कभी हम सफल नही हो सकते।हमे वर्तमान में जीना सीखना चाहिए, जिसके लिए भगवान को अपने साथ रखना होगा।साथ ही स्वस्थ तन,मन की समर्थ दिनचर्या व विनाशी-अविनाशी धन की गति जानते हुए हम मूल्य आधारित आध्यात्मिक जीवन जियेंगे तो प्रेम बहन जैसा जीवन जिया जा सकता है।
उत्तराखंड सरकार के राज्य मंत्री स्तर श्यामवीर सैनी ने मुख्य अतिथि के रूप में कहा कि शक्ति स्वरूपा ब्रह्माकुमारीज बहनो की प्रेरणा से जीवन बदल जाता है।उन्होंने कहा कि जीवन जीने की कला वास्तव मे ब्रह्माकुमारीज बहनो और भाईयो के सम्पर्क में आकर सीखी जा सकती है।उन्होंने मन के संतुलन को जीवन का संतुलन बताया व प्रेरक कथा के माध्यम से सुसंस्कारों पर जोर दिया।उन्होंने ब्रह्माकुमारीज संस्था को देश और समाज की हितरक्षक बताया।उन्होंने अपने जीवन से जुड़े रौचक सार्थक संस्मरण भी सुनाये और दिनचर्या बनाने को सुखद जीवन का आधार बताया।उन्होंने नारी सम्मान की भी पैरवी की।उन्होंने भारत को देवी देवताओं का देश व उत्तराखंड की देवभूमि के रूप में विशेषता गिनाई। महामंडलेश्वर स्वामी आदिपुरी जी महाराज ने कहा कि हम सब अपने भाग्य की बदौलत यहां आए है।उन्होंने परमात्मा की इंसान को खूबसूरत कृति बताते हुए दुख सुख के भाव के कारणों को भी अभिव्यक्त किया।
स्वामी जी अपने आशीर्वचन में कहा कि लगता है आज नेतृत्व कही खो गया है।जिसे आध्यात्म के रास्ते ही पुनः प्राप्त किया जा सकता है।उन्होंने कहा कि ब्रह्माकुमारीज हमे सृष्टि के मूल का बोध करा रही है।उन्होंने प्रेम बहन जी के सद्गुणों को भी याद किया।इस अवसर पर प्रेम बहन के अनमोल महावाक्यों के साथ ही नाट्य मंचन भी किया गया।
कार्यक्रम में देहरादून सबजोनल इंचार्ज बीके मंजू दीदी,हरिद्वार सेवा केंद्र प्रभारी बीके मीना दीदी,रुड़की सेवा केंद्र प्रभारी बीके गीता दीदी,बीके तारा दीदी,बीके सोनिया बहन,बीके शीलू दीदी,रुड़की से श्रीगोपाल नारसन, अमरेश त्यागी,सूर्य कांत सैनी,बीके आरती दीदी समेत बड़ी संख्या में भाई बहनों ने भाग लिया।कुशल संचालन बीके सुशील भाई द्वारा किया गया।

By Shashi Sharma

Shashi Sharma Working in journalism since 1985 as the first woman journalist of Uttarakhand. From 1989 for 36 years, she provided her strong services for India's top news agency PTI. Working for a long period of thirty-six years for PTI, he got her pen ironed on many important occasions, in which, by staying in Tehri for two months, positive reporting on Tehri Dam, which was in crisis of controversies, paved the way for construction with the power of her pen. Delivered.

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