आदि गौरव महोत्सव 2024 का दूसरा दिन उत्तराखंड की आदिवासी विरासत का जीवंत उत्सव रहा, जिसमें आदिवासी समुदायों की समृद्ध परंपराओं, कलात्मकता और स्वाद का प्रदर्शन देखा गया। ओएनजीसी स्टेडियम में आयोजित महोत्सव के दूसरे दिन आदिवासी कारीगरों के साथ साथ आगंतुकों की उत्साहपूर्ण भागीदारी देखी गई। इस अवसर पर राजपुर के विधायक खजान दास मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे और आदिवासी संस्कृति को बढ़ावा देने के प्रयासों की प्रशंसा की।

राज्य जनजातीय शोध संस्थान (टीआरआई) उत्तराखंड द्वारा आयोजित, तीन दिवसीय महोत्सव में सुबह 11 बजे से रात 10 बजे तक प्रदर्शनियाँ खुली रहती हैं, जो आदिवासी कला, शिल्प और परंपराओं की झलक पेश करती हैं। दूसरे दिन उत्तराखंड आदिवासी सांस्कृतिक समूह और अन्य राज्यों के कलाकारों ने अपनी ऊर्जा और कलात्मकता से मंच को जीवंत कर दिया। महोत्सव में जनता के लिए एक प्रदर्शनी भी लगाई गई है। प्रदर्शनी में हस्तनिर्मित कपड़े और लकड़ी की कलाकृतियाँ से लेकर घर की सजावट और पहाड़ी मिलेट्स शामिल हैं। कार्यक्रम का दूसरा दिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ समाप्त हुआ, जिसमें जौनसारी, भोटिया, बुकसा, थारू और राजी समुदायों वाले आदिवासी समूहों ने अपनी जीवंत वेशभूषा, लयबद्ध नृत्य और भावपूर्ण संगीत से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

दर्शकों को संबोधित करते हुए विधायक खजान दास ने कहा, “आदि गौरव महोत्सव हमारे आदिवासी समुदायों की अमूल्य सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने की एक अद्भुत पहल है। इस तरह के आयोजन न केवल इन परंपराओं को संरक्षित करते हैं, बल्कि कलाकारों को अपनी प्रतिभा को दुनिया के सामने लाने का एक मंच भी प्रदान करते हैं।”

शाम का मुख्य आकर्षण प्रसिद्ध लोक गायिका माया उपाध्याय द्वारा प्रस्तुत भावपूर्ण संगीतमय प्रस्तुति थी। मंच पर उनके साथ प्रसिद्ध कलाकार नरेश बादशाह और विवेक नौटियाल ने भी प्रस्तुति दी, जिनके मनमोहक प्रदर्शन ने दर्शकों का मन मोह लिया। स्थानीय और अन्य क्षेत्रों से आए आगंतुकों ने उत्सव का हिस्सा बनने पर अपनी खुशी व्यक्त की। कार्यक्रम में आई एक कॉलेज की छात्रा नेहा सिंह ने कहा, यहां हो रहीं प्रस्तुतियां और प्रदर्शित शिल्प बहुत ही अद्भुत हैं। एक मंच पर इतनी प्रतिभा और परंपरा का जश्न मनाते देखना मेरे लिए एक अविश्वसनीय अनुभव था।

टीआरआई उत्तराखंड के निदेशक एस एस टोलिया ने इस तरह की पहल के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, ष्आदि गौरव महोत्सव सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं है; यह हमारे आदिवासी समुदायों की जीवंत विरासत का उत्सव है। कलाकारों और आगंतुकों का उत्साह इस प्रयास की सफलता को दर्शाता है। इस महोत्सव में टीआरआई उत्तराखंड के समन्वयक राजीव कुमार सोलंकी, अतिरिक्त निदेशक योगेंद्र रावत और समाज कल्याण सचिव नीरज खेरवाल सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद रहे। 17 नवंबर को महोत्सव के आखिरी दिन दूनवासी प्रसिद्ध लोक गायक किशन महिपाल और सनी दयाल के शानदार प्रदर्शन का आनंद ले सकते हैं।

टीआरआई उत्तराखंड द्वारा आयोजित आदि गौरव महोत्सव उत्तराखंड के आदिवासी समुदायों की कला, शिल्प और संस्कृति का जश्न मनाने और उसे बढ़ावा देने का एक मंच है। इसका उद्देश्य राज्य की सांस्कृतिक विरासत में प्रशंसा, एकता और गौरव को बढ़ावा देना है, जिससे आदिवासी कारीगरों और कलाकारों को पहचान और समर्थन प्राप्त करने के अवसर मिलते हैं।

By Shashi Sharma

Working in journalism since 1985 as the first woman journalist of Uttarakhand. From 1989 for 36 years, he provided his strong services for India's top news agency PTI. Working for a long period of thirty-six years for PTI, he got his pen ironed on many important occasions, in which, by staying in Tehri for two months, positive reporting on Tehri Dam, which was in crisis of controversies, paved the way for construction with the power of his pen. Delivered.

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