मां काली से घंटों बातें करते थे, रामकृष्ण परमहंस
religion,धर्म-कर्म और दर्शन – 27
religion and philosophy- 27
हिन्दुओं को मूर्तियों में जान फूंकने का विज्ञान हजारों साल पहले से मालूम था…… अटल श्रद्धा के उस अदृश्य महाविज्ञान ने आज तक हिन्दू प्रतिमाओं को जीवंत रखा है..!
डाक्टर रमेश खन्ना
वरिष्ठ पत्रकार डॉक्टर
जब सारे विश्व में एकेश्वरवाद पर आध्यात्मिक शोध चल रहे थे तब भारत में रामकृष्ण परमहंस जैसे विलक्षण संत काली की मूर्ति से घंटों बातें किया करते थे……
शुरूआती दिनों में लोग उन्हें पागल समझते थे लेकिन धीरे-धीरे लोगों को समझ आया कि रामकृष्ण के भीतर कुछ घट गया है……. काली को भोग लगाना उनकी नियमित दिनचर्या थी..! भोजन की थाली लेकर मंदिर के गर्भगृह में घुसते तो निश्चित नहीं था कि कब बाहर निकलें..एक दिन उनकी पत्नी शारदा उन्हें खोजते हुए मंदिर जा पहुंची..श्रद्धालु जा चुके थे और परमहंस गर्भगृह के भीतर भोग लगा रहे थे..दरवाजे की दरार से उन्होंने अंदर झाँका तो वे स्तब्ध रह गईं..साक्षात काली रामकृष्ण के हाथों से भोजन ग्रहण कर रहीं थीं..! उस दिन से शारदा का जीवन बदल गया..!
हिन्दुओं को मूर्तियों में जान फूंकने का विज्ञान हजारों साल पहले से मालूम था…… अटल श्रद्धा के उस अदृश्य महाविज्ञान ने आज तक हिन्दू प्रतिमाओं को जीवंत रखा है..!
डाक्टर रमेश खन्ना