मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को मुख्यमंत्री आवास में उत्तराखण्ड सी.एस.आर. डायलॉग कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम सारकोट के प्राथमिक विद्यालय में डिजिटल क्लासरूम का वर्चुअल शुभारंभ भी किया। कार्यक्रम में एक्सिस बैंक समूह के साथ राज्य के 24 विद्यालयों के डिजिटलाइजेशन के लिए तथा टोयटा के साथ पर्यावरण संरक्षण, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं सामुदायिक सशक्तिकरण के क्षेत्र में सी.एस.आर. संचालित करने के लिए एमओयू किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज देश के प्रतिष्ठित कॉर्पोरेट हाउस अपने “सोशल रिस्पांसिबिलिटी इनिशिएटिव“ के अंतर्गत उत्तराखण्ड में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पर्यावरण संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में योगदान दे रहे हैं। राज्य में आई.आई.एफ.सी.एल, मैनकाइंड, अवाना फाउंडेशन, टोयटा, नेस्ले, टीएचडीसी, आईआरसीटीसी, एचडीएफसी, ब्रिटानिया जैसी अनेक संस्थाएं विभिन्न सामाजिक गतिविधियां संचालित कर रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा राज्य में निवेश को बढ़ावा देने हेतु वर्ष 2023 में ’ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट’ का आयोजन किया गया था, जिसके अंतर्गत 3.56 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए थे।

अभी तक लगभग 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव धरातल पर उतर चुके हैं। औद्योगिक नीति, लॉजिस्टिक नीति, स्टार्टअप नीति और एमएसएमई नीति सहित 30 से अधिक नीतियां लागू कर राज्य में उद्योगों को बेहतर माहौल उपलब्ध कराने का प्रयास किया गया है। राज्य में स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए इनक्यूबेशन सेंटर की स्थापना के साथ ही स्टार्टअप्स को फंड उपलब्ध कराने हेतु 200 करोड़ रुपए के वेंचर फंड की व्यवस्था भी की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था में गुणात्मक सुधार के लिए निरंतर कार्य कर रही है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू करने वाला उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य बना। क्वालिटी एजुकेशन के लिए सभी सरकारी विद्यालयों में एन.सी.ई.आर.टी. की पाठ्यपुस्तकें अनिवार्य की गई हैं। राज्य में पहली बार 12वीं के व्यावसायिक छात्रों के लिए रोजगार मेलों का आयोजन किया गया, जिसके माध्यम से 146 विद्यार्थियों का प्रतिष्ठित कंपनियों में चयन हुआ। उत्तराखण्ड देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जहां बुनियादी शिक्षा के लिए ‘राज्य पाठ्यचर्या रूपरेखा’ तैयार की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में नकल माफियाओं पर अंकुश लगाने के लिए देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया गया है। इसके परिणामस्वरूप पिछले साढ़े 4 वर्षों में राज्य के 25 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी प्राप्त करने में सफलता मिली है। इस कानून के लागू होने के बाद से अब तक 100 से अधिक नकल माफियाओं को सलाखों के पीछे पहुंचाया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोगों को यह रास नहीं आ रहा है कि आज हमारे युवा सरकारी नौकरियों में अवसर पा रहे हैं, इसलिए वे युवाओं के भविष्य को अंधकार में धकेलने के लिए संगठित रूप से पेपर लीक कराने के षड्यंत्र रच रहे हैं। हाल ही में राज्य में पेपर लीक कराने का असफल प्रयास किया गया और उसके नाम पर अराजकता फैलाने की कोशिश की गई। उन्होंने कहा कि सरकार राज्य में नकल माफियाओं को जड़ से समाप्त किए बिना चैन से नहीं बैठेगी। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर, टोयटा के कंट्री हेड विक्रम गुलाटी, सचिव उद्योग विनय शंकर पाण्डेय, अपर सचिव मनमोहन मैनाली तथा विभिन्न कंपनियों एवं संस्थाओं के प्रतिनिधिगण मौजूद थे।

By Shashi Sharma

Shashi Sharma Working in journalism since 1985 as the first woman journalist of Uttarakhand. From 1989 for 36 years, she provided her strong services for India's top news agency PTI. Working for a long period of thirty-six years for PTI, he got her pen ironed on many important occasions, in which, by staying in Tehri for two months, positive reporting on Tehri Dam, which was in crisis of controversies, paved the way for construction with the power of her pen. Delivered.

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