हरिद्वार-विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ भागलपुर ,बिहार का वार्षिक अधिवेशन व सम्मान समारोह उत्तराखंड संस्कृत अकादमी हरिद्वार के आडिटोरियम में किया गया।संस्था के उपकुलसचिव डॉ प्रेमचंद पांडेय के संचालन में मुख्य अतिथि उत्तराखंड सरकार के राज्य मंत्री श्यामवीर सैनी,विशिष्ट अतिथि ब्रह्माकुमारीज सब जोन इंचार्ज राजयोगिनी बीके मंजू दीदी ,संस्कृत शिक्षा निदेशक डॉ आनन्द भारद्वाज, कुलपति डॉ दयानन्द जायसवाल, उपकुलपति डॉ श्रीगोपाल नारसन ,माउंट आबू ब्रह्माकुमारीज मुख्यालय से आए प्रोफेसर सतेंद्र भाई,डॉ विनोद बब्बर ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर अधिवेशन का आगाज़ किया।

गीतकार अनिल अमरोही ने सरस्वती वंदना व विद्यापीठ का कुलगीत पढ़कर वाहवाही बटोरी।अपने स्वागत भाषण में उत्तराखंड संस्कृत अकादमी के सचिव व संस्कृत शिक्षा निदेशक डॉ आनन्द भारद्वाज ने कहा कि संस्कृत भाषाओं की जननी है तो हिंदी उसकी बेटी ।उन्होंने कहा कि पुरातन काल से विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ देश दुनिया मे हिंदी की अलख जगा रही है और हिंदी के साहित्यकारों का सारस्वत सम्मान कर उन्हें प्रोत्साहित कर रही है।आर्मी स्कूल रुड़की की प्रवक्ता शिखा शर्मा द्वारा लिखित 3 पुस्तकों आत्म मंथन,श्रीगोपाल काव्यधारा में अध्यात्म व दादी और विभव का विमोचन भी इस अवसर पर किया गया।विद्यापीठ के उपकुलपति डॉ श्रीगोपाल नारसन ने अपने सम्बोधन में सभी अतिथियों व सम्मानित हो रही प्रतिभाओं की विशेषताओं का उल्लेख करते हुए मां गंगा के तट पर सरस्वती पुत्र पुत्रियों को सारस्वत सम्मान मिलना बेहद सुखद है।

उन्होंने सभागार में मौजूद ब्रह्माकुमारीज संस्था के भाई बहनों की रूहानियत व ईश्वरीय सेवा को प्रेरक बताया तथा ब्रह्माकुमारीज महासचिव बीके बृजमोहन भाई के निधन पर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए, साथ ही वरिष्ठ साहित्यकार डॉ योगेंद्र नाथ शर्मा अरुण के साहित्यिक योगदान को भी याद किया गया।मुख्य अतिथि श्यामवीर सैनी ने हिंदी सेवा के लिए विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ को भारत का गौरव बताया तो विशिष्ट अतिथि राजयोगिनी बीके मंजु दीदी ने आत्म स्वरूप में रहकर परमात्मा तक पहुंचने की राजयोग विधा की जानकारी दी और कहा ,यही इंसान से देवता बनने का मार्ग भी है।

इस अवसर पर कवि सम्मेलन का आगाज़ रुड़की के वरिष्ठ कवि सुरेंद्र कुमार सैनी ने अपनी गजल से किया।कार्यक्रम में देहरादून से आए कुंवर राज आस्थाना, छत्तीसगढ़ से वन्दना गोपाल शर्मा,करनाल से रमेश सैनी,मुजफ्फरनगर से सविता वर्मा गज़ल, पूर्व प्रधानाचार्य घनश्याम गुप्ता,पूर्व प्रधानाचार्य अशोक शर्मा आर्य,नवीन शरण निश्चल,अजय शर्मा,प्राचार्य हेमंत तिवारी, मनु शिवपुरी, बीके सुशील भाई,बीके मीना दीदी व बीके गीता दीदी,अकादमी के शोध अधिकारी हरिश्चंद्र गुरुरानी,किशोरी लाल रतूड़ी,आचार्य भानुमित्र शर्मा, आदि मौजूद रहे।