religion,धर्म-कर्म और दर्शन -116

religion and philosophy- 116

🌼रुद्राभिषेक में पार्थिव शिवलिंग निर्माण🌼

सभी कर्मकाण्डी ब्राह्मण पार्थिव शिवलिंग पूजन करने वाले ध्यान दें:—–

श्रावण मास के पुनीत अवसर पर रुद्राभिषेक कराने वाले भक्तों एवं कर्मकांडी ब्राह्मणों से विशेष आग्रह है कि पार्थिव (मिट्टी) के शिवलिंग का निर्माण शास्त्र सम्मत ही करें,

आकर्षक शिवलिंग बनाकर पेंट द्वारा लीपा_ पोती फोटोशूट करने और यजमान को प्रभावित करने के लिये शिवलिंग के मूलस्वरूप को विखण्डित न करें,
शिवलिंग को शिवलिंग ही रहने दें

नाक, कान, मूंछ, दाढ़ी बनाने की और चित्रकारी की आवश्यकता नहीं है.

निःसंदेह सनातन की कोई भी पूजा पद्धति विज्ञान सम्मत है, उसका प्रभाव हमारे जीवन पर देखने को मिलता है.

शास्त्रों में वर्णित विधि से शिवलिंग का निर्माण करें एवं चंदन रोली अक्षत भस्म पुष्प बिल्वपत्र आदि से भगवान का दिव्य श्रृंगार करें।

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पंडित जी यजमान को प्रसन्न करने के लिए और यजमान संबंधियों को फोटो भेजने के लिए शिवलिंग के मूल स्वरूप को विकृत न करें।
नियम पार्थिवलिंग के लिए हैं..!

अन्य शिवलिंग/ज्योतिर्लिंग आदि पर भी किसी भी प्रकार की चित्रकारी आदि नहीं करनी चाहिए..
जो विहित पूजन पदार्थ है उन्हीं का प्रयोग करें अन्य कोई भी पदार्थ वस्तु न उपयोग करें।।

हमारी संस्कृति को विकृत करने के लिए धीमे-धीमे प्रयास विभिन्न प्रकार से इन दिनों देखे जा रहे हैं,
हमें हमारे सांस्कृतिक मूल्यों के अनुरूप गतिविधियां करनी चाहिए , सामायिक सुधार होते रहेंगे, किंतु संस्कृति के मूल स्वरूप में परिवर्तन स्वीकार नहीं

इसलिए समग्र सनातन समाज को इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है विशेषकर सभी कर्मकाण्डी ब्राह्मण ध्यान दें:-?

उक्त विषय पर निश्चित रूप से सभी विधि निषेध मानने वाले लोग ध्यान देंगे ऐसी अपेक्षा है..
जय महादेव
कुतर्क_नही_स्वाध्याय_करे

विधि ही सफलता का मूल है………
पार्थिवेश्वर शिवलिंग की निर्माण की शास्त्रीय मर्यादा है जिसका पालन करना अतिआवश्यक है।।

*डॉ रमेश खन्ना*
*वरिष्ठ पत्रकार*
*हरीद्वार (उत्तराखंड)*

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