religion,धर्म-कर्म और दर्शन -181

religion and philosophy- 181

🏵️कामाख्या सिंदूर अथवा कामिया सिंदूर 🏵️

कामाख्या ( कामिया ) सिंदूर का महत्व:-
माँ सती के सबसे जाग्रत शक्तिपीठो में से एक है कामरूप आसाम में माँ कामाख्या शक्तिपीठ (maa Kamakhya Shaktipeeth ) जहाँ माता सती की योनी गिरी थी | यह मंदिर असम की राजधानी गुवाहाटी 8 किमी की दुरी पर नीलांचल पर्वत पर बना हुआ है |
इस मंदिर को तंत्र साधना का मुख्य पीठ बताया जाता है | इस मंदिर में माँ की मूर्ति की नही बल्कि योनी रूपी पत्थर की पूजा की जाती है |

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कामिया सिंदूर या कमिया सिंदूर(कामाख्या सिंदूर) कैसे प्राप्त होता है कामाख्या सिंदूर :
: इस मंदिर का सबसे बड़ा चमत्कार यह है की हर साल 3 दिन के लिए इस मंदिर में लगी योनी मूर्ति से रजस्व होता है |
यह कामाख्या का सिंदूर कहलाता है जो अनेको शक्तियों से युक्त होता है |
3 दिन के लिए यह मंदिर पूरी तरह बंद होता है | जिसे अम्बुबाची का मेला कहते है।
उसके बाद इस सिंदूर को भक्तो में बांटा जाता है |

यह सिंदूर वशीकरण, जादू-टोना, गृह-कलकारोबार में बाधा, रुके हुए न क लिए, कोर्ट कचेहरी,विवाह या प्रेम की समस्या या दूसरी तरह की भूत-प्रेत बाधा ,वास्तुदोष की समस्याओं को दूर करता है।

अगर आपको भी इस तरह की कोई समस्या है तो इसका इस्तेमाल अवश्य करे।
इस सिंदूर को चांदी की डिब्बी में रखकर निचे दिए गये मंत्र का 108 बार जप करना चाहिए | ऐसा करने से यह सिंदूर और भी अधिक जाग्रत हो जाता है |

!! कामाख्याये वरदे देवी नीलपर्वता वासिनी!
त्व देवी जगतं माता योनिमुद्रे नमोस्तुते!!

फिर माँ कामाख्या से विनती करे की उक्त कार्य में आपको सफलता दिलाये |इस सिंदूर में देवी माँ सती की कृपा रहती है तो आपकी सभी मनोकामनाओ की पूर्ति करने में सक्षम है।

विवाहित महिलाओं के लिए बेहद खास है ये सिंदूर, मिलता है अखंड सौभाग्य का वरदान

कामाख्या सिंदूर विवाहित महिलाओं के लिए विशेष खास माना जाता है।
शास्त्रों में वर्णन मिलता है कि जो कोई भी अटूट श्रद्धा के साथ कामाख्या सिन्दूर का प्रयोग करता है उस पर मां कामख्या की विशेष कृपा बनी रहती है।

तांत्रिको के अनुसार किसी भी शुक्रवार के दिन महिला द्वारा एक चुटकी सिंदूर लेकर उपरोक्त मंत्र को 21 बार पढ़कर अपने रोज लगने वाले सिंदूर में मिला लिया जाए ओर उसका रोज उपयोग करे , तो उन महिलाओं का सुहाग अटल रहता है ।

घर मे पति पत्नीक किसी प्रकार का कलह शांत होता है । यहां तक की तलाक कि नोबत आने पर भी सब टल जाती है।
अगर इस सिंदूर को इसी प्रकार से अभिमंत्रित करके घर के हर कोने में एक एक बिंदी लगा दी जाए तो ग्रह क्लेश भूत-बाधा एवं वास्तु के कारण होने वाले दुष्प्रभाव स्वतःही समाप्त हो जाते है ।
इसके अलावा भी ये सिंदूर बहुत सारे तांत्रिक प्रयोगों में काम आता है ।
इस सिंदूर से वशीकरण तिलक भी बनाया जाता है।
कहते है कि शुक्रवार के दिन इस सिंदूर को पीसकर एक चुटकी सिंदूर केसर चंदन पाउडर गंगाजल ,अथवा दूध हथेली पर लेकर मिलाये एवं माँ कामाख्या से प्रार्थना करे जो काम आपके मन मे है उसकी पूर्णता के लिए ।
फिर उसका तिलक करें ।
इस प्रयोग को लगातार 41 दिन तक करना है ।
कोर्ट कचहरी से संबंधित ,आप का काम अवश्य पूर्ण होता है । यह कई लोगो द्वारा आजमाया हुआ
अगर आपके साथ आर्थिक तंगी के हालात है।
पैसा आता है लेकिन रुकता नही है ।
तांत्रिको के अनुसार किसी भी शुक्रवार , सोमवर को या फिर नवरात्रि में अपने पूजाघर मे एक एक छोटा लाल चमकीला कपड़ा रखे
उसपर एक कटोरा बासमती चावल , लालफूल, 58 पैसे ,सिक्के या 58 रुपये रखे उसपर कामिया सिंदूर ओर रोली रखे उसे धूप दीप दिखाए ।

उसके बाद माँ कामाख्या से प्रार्थना करे कि माँ आप मेरे घर मे माँ लक्ष्मी रूप में हमेशा निवास करें।
उसके बाद चावल मंदिर में दान कर दे। और उसकपडे की पोटली बना कर अपनी तिजोरी में या दुकान के गल्ले में रखे।

जीवन मे कभी रुपये पैसे की कमी नही होगी।
इसके अलावा भी इस माता के महा प्रसाद से बहुत सारे प्रयोग सम्पन्न किये जाते है ।
इस सिंदूर का घर मे होना ही धन का सूचक है ।

*डॉ. रमेश खन्ना*
*वरिष्ठ पत्रकार*
*हरीद्वार (उत्तराखंड)*

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