देहरादून : राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तराखंड द्वारा चलाए जा रहे “स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान” ने स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धि दर्ज की है। 17 सितम्बर 2025 से अब तक प्रदेश में 17,803 स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जा चुके हैं। इन शिविरों में अब तक 10,40,996 लोगों की स्क्रीनिंग की गई है, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है।

हाइपरटेंशन और डायबिटीज की समय रहते पहचान

प्रदेशभर में आयोजित शिविरों में अब तक 4,65,569 लोगों की हाइपरटेंशन जांच की गई है। इसी तरह 4,38,728 लोगों की डायबिटीज स्क्रीनिंग पूरी की गई। यह आँकड़े इस बात का प्रमाण हैं कि अभियान गंभीर बीमारियों की रोकथाम में कितना अहम साबित हो रहा है।

कैंसर और एनीमिया की जांच में नई पहल

शिविरों में अब तक 4,02,271 महिलाओं की कैंसर (ओरल, सर्वाइकल और ब्रेस्ट) जांच की गई है। वहीं, 1,64,488 लोगों में एनीमिया की जांच भी सफलतापूर्वक पूरी की गई। इससे ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों की महिलाओं को विशेष लाभ मिला है।

टीबी और अन्य रोगों पर प्रभावी नियंत्रण

अभियान के अंतर्गत 88,285 लोगों की टीबी स्क्रीनिंग कराई गई। इसके अलावा 196 लोगों की सिकल सेल डिज़ीज़ स्क्रीनिंग भी की गई। यह पहल राज्य को संक्रामक रोगों पर नियंत्रण की दिशा में सशक्त बना रही है।

मातृ और शिशु स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान

गर्भवती महिलाओं की देखभाल को प्राथमिकता देते हुए 80,515 गर्भवती महिलाओं का एएनसी (ANC) चेकअप किया गया। साथ ही बच्चों के स्वास्थ्य को सुरक्षित बनाने के लिए 1,34,873 वैक्सीन डोज दी गईं। यह आंकड़े मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के क्षेत्र में सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।

काउंसलिंग और आयुष्मान कार्ड वितरण

अभियान के दौरान 5,49,383 लोगों को विभिन्न विषयों पर काउंसलिंग दी गई। इसके साथ ही 10,868 लोगों को आयुष्मान भारत/पीएम-जय कार्ड उपलब्ध कराए गए, जिससे उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिलेगा।

रक्तदान को बढ़ावा

ई-रक्तकोष पोर्टल के माध्यम से अब तक 61,996 रक्तदाताओं का पंजीकरण किया गया है और 8,240 यूनिट रक्त एकत्र किया गया है। यह उपलब्धि आपातकालीन परिस्थितियों में जीवन बचाने में मददगार साबित होगी।

स्वास्थ्य विभाग की यह पहल न केवल बीमारियों की समय रहते पहचान करने में मददगार है, बल्कि यह प्रदेश को एक “स्वस्थ उत्तराखंड” की दिशा में आगे ले जा रही है। आने वाले समय में इन स्वास्थ्य शिविरों की संख्या और बढ़ाई जाएगी, ताकि राज्य के हर गाँव और हर परिवार तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएँ पहुँच सकें।

By Shashi Sharma

Shashi Sharma Working in journalism since 1985 as the first woman journalist of Uttarakhand. From 1989 for 36 years, she provided her strong services for India's top news agency PTI. Working for a long period of thirty-six years for PTI, he got her pen ironed on many important occasions, in which, by staying in Tehri for two months, positive reporting on Tehri Dam, which was in crisis of controversies, paved the way for construction with the power of her pen. Delivered.

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