*आईआईटी रुड़की में सॉलिड स्टेट फ़िज़िक्स सिम्पोज़ियम का हुआ उद्घाटन*

– सिम्पोज़ियम का आयोजन भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर (बार्क), मुंबई द्वारा किया गया है

– भारत के एडवांस्ड मैटीरियल्स और क्वांटम रिसर्च में एक प्रमुख मील का पत्थर

– सॉलिड स्टेट फ़िज़िक्स, एनर्जी मैटीरियल्स और क्वांटम-एनेबल्ड टेक्नोलॉजीज़ पर फ्रंटियर रिसर्च पर मंथन हेतु वैश्विक वैज्ञानिकों का संगम

– फ़ोरम में क्वांटम, एनर्जी और स्ट्रैटेजिक मैटीरियल्स रिसर्च में महत्वपूर्ण उपलब्धियों का प्रदर्शन

19 दिसंबर 2025 को इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी रुड़की के कन्वोकेशन हॉल में 69वीं डिपार्टमेंट ऑफ एटॉमिक एनर्जी (डीएई) सॉलिड स्टेट फ़िज़िक्स सिम्पोज़ियम (डीएई-एसएसपीएस 2025) का औपचारिक उद्घाटन किया गया। यह आयोजन सॉलिड स्टेट फ़िज़िक्स, एडवांस्ड मैटीरियल्स तथा फ्रंटियर साइंटिफ़िक रिसर्च में उत्कृष्टता के प्रति भारत की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को पुनः स्थापित करता है।

यह प्रतिष्ठित सिम्पोज़ियम 19 से 23 दिसंबर 2025 तक आयोजित किया जा रहा है और इसका आयोजन भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर (बार्क), मुंबई द्वारा किया गया है। इसे बोर्ड ऑफ रिसर्च इन न्यूक्लियर साइंसेज़ (बीआरएनएस), डिपार्टमेंट ऑफ एटॉमिक एनर्जी (डीएई), भारत सरकार का प्रायोजन प्राप्त है। आईआईटी रुड़की इस आयोजन की मेज़बानी राष्ट्रीय एवं वैश्विक स्तर पर प्रासंगिक वैज्ञानिक अनुसंधान को आगे बढ़ाने में अपनी निरंतर भूमिका के तहत कर रहा है।

उद्घाटन सत्र में भारत के प्रमुख वैज्ञानिक संस्थानों के वरिष्ठ नेतृत्व की उपस्थिति रही। कार्यक्रम में प्रोफ़ेसर कमल किशोर पंत, डायरेक्टर, आईआईटी रुड़की; डॉ. एस. एल. चापलोट, फ़ॉर्मर डायरेक्टर, फ़िज़िक्स ग्रुप, बार्क; डॉ. डी. वी. उदुपा, एसोसिएट डायरेक्टर, फ़िज़िक्स ग्रुप, बार्क; डॉ. डी. भट्टाचार्य, कन्वीनर, 69वीं डीएई-एसएसपीएस 2025 एवं हेड, एटॉमिक एंड मॉलीक्यूलर फ़िज़िक्स डिवीज़न, बार्क; डॉ. वी. के. असवाल, हेड, सॉलिड स्टेट फ़िज़िक्स डिवीज़न, बार्क; प्रोफ़ेसर विवेक मलिक, लोकल कन्वीनर, 69वीं डीएई-एसएसपीएस 2025; प्रोफ़ेसर जी. डी. वर्मा, डिपार्टमेंट ऑफ फ़िज़िक्स, आईआईटी रुड़की; प्रोफ़ेसर रमेश चंद्र, इंस्टिट्यूट इंस्ट्रुमेंटेशन सेंटर, आईआईटी रुड़की; तथा डॉ. हिमाल भट्ट एवं डॉ. निरंजन एस. रामगिर्स, साइंटिफ़िक सेक्रेटरीज़, 69वीं डीएई-एसएसपीएस 2025 शामिल रहे।

अपने उद्घाटन संबोधन में प्रोफ़ेसर कमल किशोर पंत ने सिम्पोज़ियम के राष्ट्रीय एवं वैश्विक महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, “डीएई सॉलिड स्टेट फ़िज़िक्स सिम्पोज़ियम भारत के सबसे प्रतिष्ठित और दीर्घकालिक साइंटिफ़िक फ़ोरम्स में से एक है, जो लगभग सात दशकों से मैटीरियल साइंस और कंडेन्स्ड मैटर फ़िज़िक्स में देश की क्षमताओं को आकार दे रहा है। आईआईटी रुड़की में इसके 69वें संस्करण की मेज़बानी क्वांटम टेक्नोलॉजीज़, क्लीन एनर्जी, एडवांस्ड इलेक्ट्रॉनिक्स और स्ट्रैटेजिक सिस्टम्स जैसी राष्ट्रीय प्राथमिकताओं को आधार प्रदान करने वाले फ़ंडामेंटल रिसर्च को आगे बढ़ाने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है, साथ ही यह ग्लोबल साइंटिफ़िक प्रोग्रेस में भी सार्थक योगदान देती है।”

मुख्य अतिथि डॉ. एस. एल. चापलोट, फ़ॉर्मर डायरेक्टर, फ़िज़िक्स ग्रुप, बार्क द्वारा कीनोट एड्रेस प्रस्तुत किया गया। उन्होंने भारत में सॉलिड स्टेट फ़िज़िक्स रिसर्च के विकास और भविष्य की दिशा पर विचार व्यक्त करते हुए कहा, “सॉलिड स्टेट फ़िज़िक्स में हुई प्रगति ने एनर्जी और इलेक्ट्रॉनिक्स से लेकर उभरती क्वांटम टेक्नोलॉजीज़ तक टेक्नोलॉजिकल ट्रांसफ़ॉर्मेशन को निरंतर गति दी है। डीएई-एसएसपीएस जैसे प्लेटफ़ॉर्म साइंटिफ़िक टैलेंट को पोषित करने, कोलैबोरेशन को बढ़ावा देने और यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं कि भारत फ़ंडामेंटल और एप्लाइड रिसर्च में अग्रणी बना रहे।”

सिम्पोज़ियम के कन्वीनर डॉ. डी. भट्टाचार्य ने इसकी विरासत और वैज्ञानिक प्रासंगिकता को रेखांकित करते हुए कहा, “डीएई-एसएसपीएस ने फ़िज़िसिस्ट्स की कई पीढ़ियों को तैयार करने और नेशनल लेबोरेटरीज़ तथा एकेडमिक इंस्टिट्यूशन्स के बीच मज़बूत संबंध विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 69वाँ संस्करण इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए कटिंग-एज रिसर्च प्रस्तुत करने और ऐसे कोलैबोरेशन्स को प्रोत्साहित करने का मंच प्रदान करता है, जो भारत के साइंटिफ़िक और टेक्नोलॉजिकल लीडरशिप के लिए आवश्यक हैं।”

69वीं डीएई सॉलिड स्टेट फ़िज़िक्स सिम्पोज़ियम (डीएई-एसएसपीएस 2025) में प्लेनरी और इनवाइटेड लेक्चर्स, कंट्रीब्यूटेड टॉक्स तथा पोस्टर प्रेज़ेंटेशन्स आयोजित की जाएँगी। प्रमुख विषय क्षेत्रों में क्वांटम और फ़ंक्शनल मैटीरियल्स, सुपरकंडक्टिविटी और स्पिन्ट्रॉनिक्स, नैनो-स्केल सिस्टम्स, एनर्जी और रेडिएशन-रेज़िस्टेंट मैटीरियल्स तथा स्ट्रैटेजिक और न्यूक्लियर एप्लिकेशन्स के लिए मैटीरियल्स शामिल हैं।

यह सिम्पोज़ियम बार्क और डीएई की अन्य लेबोरेटरीज़ के वरिष्ठ वैज्ञानिकों के साथ-साथ प्रमुख एकेडमिक इंस्टिट्यूशन्स के फैकल्टी सदस्यों को एक मंच पर लाता है, जहाँ वे सॉलिड स्टेट फ़िज़िक्स में प्रगति की भूमिका पर विचार-विमर्श करते हैं, जो राष्ट्रीय अभियानों को समर्थन देने और एनर्जी, सस्टेनेबिलिटी तथा नेक्स्ट-जेनरेशन टेक्नोलॉजीज़ से जुड़ी वैश्विक चुनौतियों का समाधान प्रस्तुत करने में सहायक है।

युवा वैज्ञानिकों, डॉक्टोरल स्कॉलर्स और अर्ली-कैरियर रिसर्चर्स की सहभागिता पर विशेष ज़ोर दिया गया है, जिससे उन्हें मेंटरशिप, साइंटिफ़िक एक्सचेंज और भारत के एडवांस्ड रिसर्च इकोसिस्टम से जुड़ने के अवसर प्राप्त हो सकें।

175 वर्षों से अधिक की विरासत के साथ, आईआईटी रुड़की फ़िज़िक्स, मैटीरियल साइंस और इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज़ में एडवांस्ड रिसर्च के एक अग्रणी केंद्र के रूप में अपनी स्थिति को लगातार सुदृढ़ कर रहा है। 69वीं डीएई-एसएसपीएस की मेज़बानी राष्ट्रीय साइंटिफ़िक डिस्कोर्स को दिशा देने और ग्लोबल नॉलेज इकॉनॉमी में योगदान देने में संस्थान की भूमिका को और मज़बूत करती है। यह सिम्पोज़ियम नए रिसर्च डायरेक्शन्स, सशक्त कोलैबोरेशन्स और फ़ंडामेंटल व एप्लाइड साइंसेज़ में निरंतर उत्कृष्टता को प्रोत्साहित करने की अपेक्षा रखता है।


By Shashi Sharma

Shashi Sharma Working in journalism since 1985 as the first woman journalist of Uttarakhand. From 1989 for 36 years, she provided her strong services for India's top news agency PTI. Working for a long period of thirty-six years for PTI, he got her pen ironed on many important occasions, in which, by staying in Tehri for two months, positive reporting on Tehri Dam, which was in crisis of controversies, paved the way for construction with the power of her pen. Delivered.

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