मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरूवार को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के अवसर पर काशीपुर, ऊधमसिंहनगर में आयोजित कार्यक्रम में वर्चुअल प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने विभाजन स्मृति स्मारक स्थल का शिलान्यास किया।

मुख्यमंत्री ने देश के विभाजन का दंश झेलने वालों को नमन करते हुए कहा कि 14 अगस्त 1947 का दिन हम कभी नहीं भूल सकते, जब मजहब की आड़ में भारत को दो हिस्सों में बाँट दिया गया। जहां एक ओर 15 अगस्त 1947 को पूरा देश आजादी का जश्न मनाने की तैयारी कर रहा था वहीं, उससे ठीक एक दिन पहले ही, देश को दो टुकड़ों में बाँट दिया गया। करोड़ों लोगों को विभाजन की विभिषिका से गुजरते हुए अपने घर, गाँव, खेत-खलिहान, दुकान-व्यापार और अपनों से बिछड़कर शरणार्थी के रूप में रहने को मजबूर होना पड़ा। आज भी उन लोगों की आँखों में वो पीड़ा है, जिनके माँ-बाप इतिहास के उस काले दौर में उन्हें छोड़ कर इस दुनिया से चले गए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी के लिए यह समझ पाना भी कठिन है कि देश की स्वतंत्रता के समय विभाजन की विभीषिका से गुज़रने वाले लोगों ने उस दौर में किस अकल्पनीय पीड़ा, भय और संघर्ष को सहा था। देश की आजादी के बदले किये गये उनके त्याग और बलिदान की भरपाई कर पाना असंभव है। उनके इस त्याग, बलिदान और पीड़ा के महत्त्व को समझते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2021 में 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मरण दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया ताकि आने वाली पीढ़ियां अपने पूर्वजों द्वारा किए गए त्याग और बलिदान को हमेशा याद रख सकें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह विभाजन केवल एक भूभाग का बँटवारा नहीं था, बल्कि लाखों लोगों की जिंदगियों और उनकी सांस्कृतिक पहचान का भी विभाजन था। मानव विस्थापन का इतना भयानक और विकराल रूप इतिहास ने पहले कभी नहीं देखा था। मुख्यमंत्री ने उस वैमनस्य और दुर्भावना का डटकर सामना करने वाले लोगों के प्रति संवेदना प्रकट की जिन्होंने विभाजन की त्रासदी झेलने के बाद भी अपने धर्म, संस्कृति और राष्ट्र के प्रति अटूट विश्वास को बनाए रखा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत का समग्र विकास हो रहा है। हमारी सांस्कृतिक धरोहरों, परंपराओं और मूल्यों के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में अनेक कार्य किए जा रहे हैं। अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण, बद्रीनाथ और केदारनाथ धामों का पुनर्निर्माण, बाबा विश्वनाथ के गलियारे का विस्तार, महाकाल लोक का निर्माण और करतारपुर साहिब कॉरिडोर के निर्माण कार्यों के माध्यम से हमारी धार्मिक विरासत को दिव्यता और भव्यता के साथ पुनर्स्थापित कर देश में सांस्कृतिक पुनर्जागरण की नई धारा प्रवाहित की जा रही है। कश्मीर से धारा 370 की समाप्ति, ट्रिपल तलाक जैसी कुप्रथा का अंत, सीएए एवं वक्फ संशोधन कानून लागू करने तथा 1984 के दंगा पीड़ितों को न्याय दिलाने जैसे निर्णयों के माध्यम से एक भारत, श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को भी साकार रूप प्रदान किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में उत्तराखण्ड विकास और समृद्धि के नए आयाम स्थापित कर रहा है। राज्य में सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल सहित सभी महत्वपूर्ण क्षेत्रों से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जा रहा है। राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में भी निरंतर कार्य किया जा रहा है। केदारखंड की भांति ही मानसखंड के पौराणिक मंदिरों के भी पुनरुत्थान एवं सौंदर्यीकरण का कार्य किया जा रहा है। काशीपुर के चैती मंदिर को मानसखंड कॉरिडोर का हिस्सा बनाया है। हेमकुंड साहिब आने वाले सिख श्रद्धालुओं की यात्रा को और अधिक सुरक्षित और सहज बनाने के लिए गोविंद घाट से हेमकुंड साहिब तक 12.5 किलोमीटर लंबे रोपवे का निर्माण किया जा रहा है।

उत्तराखण्ड देश में सबसे पहले समान नागरिक संहिता को लागू करने वाला राज्य है। देश का सबसे प्रभावी नकल विरोधी कानून लागू होने के बाद लगभग 24 हजार से अधिक युवा सरकारी नौकरियां पाने में सफलता प्राप्त की है। राज्य सरकार उत्तराखंड के सांस्कृतिक मूल्यों और डेमोग्राफी को संरक्षित रखने के लिये पूर्ण रूप से संकल्पबद्ध होकर काम कर रही है। प्रदेश में सख्त धर्मांतरण विरोधी और दंगा विरोधी कानूनों को लागू किया है। प्रदेश में सात हजार एकड़ से अधिक की सरकारी भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया है।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री गणेश जोशी, सांसद श्री अजय भट्ट, मेयर काशीपुर श्री दीपक बाली, मेयर रूद्रपुर श्री विसा शर्मा, विधायक श्री त्रिलोक सिंह चीमा, पूर्व विधायक श्री हरभजन सिंह चीमा,स्वामी हरि चैतन्या जी महाराज, श्री अजय मौर्य एवं अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

By Shashi Sharma

Shashi Sharma Working in journalism since 1985 as the first woman journalist of Uttarakhand. From 1989 for 36 years, she provided her strong services for India's top news agency PTI. Working for a long period of thirty-six years for PTI, he got her pen ironed on many important occasions, in which, by staying in Tehri for two months, positive reporting on Tehri Dam, which was in crisis of controversies, paved the way for construction with the power of her pen. Delivered.

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