Symbolic bathing of, इलाहाबाद कुम्भ मेले में दुखद घटना से दुखी अखाड़ों का दोपहर बाद सांकेतिक स्नान शुरु।
Symbolic bathing of, Akharas, saddened by the tragic incident at Allahabad Kumbh Mela, started in the afternoon.
भगदड़ की घटना के बाद अखाड़ों ने की थी लाव-लश्कर के साथ मौनी अमावस्या स्नान ना करने की घोषणा।
अखाड़ा परिषद ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए, लोगों से अपने निकटतम स्थान पर ही स्नान करने की अपील की।
Symbolic bathing of, इलाहाबाद कुम्भ मेले में आज सुबह हुई भगदड़ से बिगडी स्थिति के बाद अब स्थिति सामान्य होते ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्य नाथ योगी से अखाड़ों से बात की बात चीत के बाद संत अमृत स्नान के लिए निकल पड़े हैं, निरंजनी अखाड़ा और आनंद अखाड़े का स्नान समाचार लिखे जाने तक जारी है और संतों पर पुष्प वर्षा भी जारी है।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने घटना पर गहरा दुख जताते हुए ईश्वर से घायलों के शीध्र स्वास्थ्य की कामना करते हुए मिडिया को दिये बयान में कहा “‘हम अपने देवता के साथ सांकेतिक अमृत स्नान करेंगे। कोई बड़ा जुलूस नहीं निकालेंगे।”
इस घोषणा के बाद दोपहर 12 बजे के बाद बडे लाव-लश्कर के बगैर संतों के अखाड़ों के छोटे-छोटे दल संगम पर स्नान के लिए पहुंचना शुरू हो चुके हैं।
28और29 जनवरी की अर्धरात्रि को हुई भगदड में अब तक 12 लोगों के मरने की सूचना मिली है जबकि 100 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं, प्राप्त जानकारी के अनुसार आज दोपहर 12 बजे तक 4.24 करोड़ लोग संगम में डुबकी लगा चुके हैं।


इससे पूर्व संगम पर मची भगदड़ से कई श्रद्धालुओं की मौत पर दुख जताते हुए जूना अखाड़ा, अग्नि अखाड़ा व आहवान अखाड़ा ने अमृत स्नान स्थगित कियाः श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज व श्रीमहंत हरि गिरि महाराज के निर्देश पर मौनी अमावस्या का अमृत स्नान स्थगित कर बसंत पंचमी पर अमृत स्नान करने का निर्णय लिया था।
सुबह हुई घटना के बाद अखाड़ों ने घोषणा की थी अपने बयान जारी करते हुए श्रीमहंत हरिगिरि ने कहा मौनी अमावस्या के अमृत स्नान पर जबरदस्त भीड़ के चलते संगम पर मची भगदड़ में कई श्रद्धालुओं की मौत के बाद जूना अखाड़ा, अग्नि अखाड़ा व आहवान अखाड़ा ने अपना अमृत स्नान स्थगित करने की घोषणा की थी,
उन्होंने कहा था कि तीनों अखाड़ा से जुडे साधु-संतों ने घटना पर दुख व्यक्त किया है और मृत श्रद्धालुओं की आत्मा के लिए शांति पाठ किया। अग्नि अखाड़ा में अखाडे के सभापति श्रीमहंत मुक्तानंद ब्रह्मचारी की अध्यक्षता में इमरजैंसी बैठक हुई। बैठक में जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज से विचार-विमर्श कर अंतरराष्ट्रीय संरक्षक एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि महाराज के निर्देश पर आहवान अखाडे के सभापति श्रीमहंत जमुना गिरि महाराज, संरक्षक श्रीमहंत भारद्वाज गिरि महाराज, श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष महंत प्रेमगिरि महाराज, श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर व श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज की मौजूदगी में अमृत स्नान स्थगित करने का निर्णय लिया गया।
अंतरराष्ट्रीय संरक्षक एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि महाराज ने कहा कि, जो घटना हुई है, उससे सभी संत व भक्त बहुत दुखी हैं।
ऐसे में जनहित को देखते हुए निर्णय लिया गया कि अखाड़े आज मौनी अमावस्या के अमृत स्नान में भाग नहीं लेंगे। उन्होंने कहा कि यह दुखद घटना भीड़ की अत्याधिकता के कारण हुई है।
अतः उनकी सभी श्रद्धालुओं से अपील है कि जो जहां भी है, चाहे प्रयागराज की सीमा में हो या प्रयागराज की सीमा से बाहर हो, जहां भी गंगां हैं, वहीं पर स्नान कर लें, उन्हें वहीं पुण्य प्राप्त होगा, जो प्रयागराज में संगम में गंगा-यमुना व सरस्वती में स्नान करने से प्राप्त होता। आहवान अखाडे के सभापति श्रीमहंत जमुना गिरि महाराज ने कहा कि प्रयागराज में 80 किमी के क्षेत्र में श्रद्धालु जहां भी हैं, वहीं पर गंगा स्नान कर लें और अपने घरों को लौट जाएं। संगम पर ना आएं।
श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर व श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने बताया कि संगम पर जो घटना हुई, वह बहुत दुखद है और उससे सभी संत बहुत दुखी हैं। इस दुखद घटना के कारण ही मौनी अमावस्या का अमृत स्नान स्थगित कर दिया गया है। अब सभी अखाडे बसंत पंचमी का अमृत स्नान करेंगे। जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज व अंतरराष्ट्रीय संरक्षक एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि महाराज के निर्देशन व नेतृत्व में श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा, अग्नि अखाडा, आहवान अखाड़ा के सभी साधु-संत प्रदेश सरकार, महाकुंभ मेला प्रशासन, प्रयागराज प्रशासन वपुलिस प्रशासन के साथ व्यवस्था बनाने में पूरा सहयोग कर रहे हैं।
संत श्रद्धालुओं से यह अपील भी कर हैं कि प्रयागराज में 40 किमी इधर व 40 किमी उधर यानि 80 किमी की परिधि में कहीं भी गंगा स्नान कर वहीं से अपने घर लरॉट जाएं। सगम पर ना आए, इससे व्यवस्था बनाने में मदद मिलेगी। बैठक में शांति पाठ का आयोजन कर भगवान से मृत श्रद्धालुओं की आत्मा को शांति प्रदान करने की प्रार्थना की गई।
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