गंगा की स्वच्छता को लेकर जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने सख्त रुख अपनाते हुए साफ कहा है कि गंगा और उसकी सहायक नदियों को प्रदूषण मुक्त रखना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। शुक्रवार को जिला गंगा समिति (नमामि गंगे) की बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी ने पर्यटन विभाग को आदेशित किया कि 20 से 30 सितम्बर तक विशेष अभियान चलाया जाए। इसके तहत ऐसे होटल और व्यावसायिक प्रतिष्ठान जो अभी तक सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) से नहीं जुड़े हैं, उनका अनिवार्य रूप से पंजीकरण कर जोड़ा जाए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

जिलाधिकारी ने गंगोत्री धाम क्षेत्र में शेष बचे घरों को शीघ्र सीवर सुविधा से जोड़ने के निर्देश दिए और निर्माण एवं अनुरक्षण इकाई को तत्काल डीपीआर तैयार करने के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि गंगा स्वच्छता मिशन को गति देने के लिए समयबद्ध और परिणाम आधारित कार्रवाई जरूरी है।

गौरतलब है कि उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास 20 कमरों से अधिक क्षमता वाले 123 होटल पंजीकृत हैं। इनमें से 104 होटल पहले ही एसटीपी से जुड़ चुके हैं, जबकि शेष प्रतिष्ठानों को जोड़ने की प्रक्रिया तेजी से जारी है। जिलाधिकारी ने साफ किया कि होटल और गेस्टहाउस से निकलने वाला गंदा पानी और अपशिष्ट सीधे गंगा या उसकी सहायक धाराओं में जाने नहीं दिया जाएगा।

बैठक में जिलाधिकारी ने सभी नगर निकायों को निर्देश दिए कि डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन नियमित रूप से सुनिश्चित किया जाए और कचरे को गीला एवं सूखा अलग-अलग कर निस्तारित किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन का वैज्ञानिक निस्तारण करने और आम जनता को कचरा प्रबंधन एवं स्वच्छता के प्रति जागरूक करने पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि गंगा की निर्मलता तभी संभव है जब उसकी सहायक नदियों और उनमें गिरने वाले नालों को भी प्रदूषण मुक्त रखा जाए। इसके लिए वृहद स्तर पर सफाई अभियान चलाना अनिवार्य है। जिलाधिकारी ने चेतावनी दी कि गंगा संरक्षण से जुड़ी योजनाओं में लापरवाही बरतने वाले विभागीय अधिकारियों और संस्थाओं पर सख्त कार्रवाई होगी।

इस अवसर पर डीएफओ डीपी बलूनी, जिला खनन अधिकारी प्रदीप कुमार, पर्यावरण विशेषज्ञ स्वजल प्रताप मटूड़ा, गंगा विचार मंच के प्रदेश संयोजक लोकेंद्र बिष्ट, जयप्रकाश भट्ट सहित समिति के अन्य पदाधिकारी और विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक में यह भी तय किया गया कि गंगा की निर्मलता और अविरलता को बनाए रखने के लिए हर नागरिक, हर संस्था और हर विभाग को सामूहिक जिम्मेदारी के साथ आगे आना होगा।

By Shashi Sharma

Shashi Sharma Working in journalism since 1985 as the first woman journalist of Uttarakhand. From 1989 for 36 years, she provided her strong services for India's top news agency PTI. Working for a long period of thirty-six years for PTI, he got her pen ironed on many important occasions, in which, by staying in Tehri for two months, positive reporting on Tehri Dam, which was in crisis of controversies, paved the way for construction with the power of her pen. Delivered.

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