353 खोए हुए मोबाइल फोन आई जी गढ़वाल ने धारकों को लौटाये, खुशी से झूम उठे लोग
IG गढ़वाल रेंज व SSP हरिद्वार द्वारा वापिस लौटाये मोबाइल फोनों की कीमत 55 लाख,सीसीआर भवन में कार्यक्रम आयोजित कर लौटाए गए फोन
आई जी गढ़वाल और एसएसपी हरिद्वार द्वारा खोये हुए फोन जम्मू कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक का सफर कर चुके खोए हुए मोबाइल हरिद्वार पुलिस, साईबर सैल की कड़ी मेहनत के बाद भारत के विभिन्न कोनों से रिकवर किये गये।
पुलिस के अनुसार अब तक रिकवर किए गए मोबाइल 1 करोड़ 61 लाख रुपए कीमत के है जो लोगों को लौटाये जा चुके हैं।
“भारतवर्ष के विभिन्न राज्यों की पुलिस से समन्वय स्थापित कर मोबाइल बरामद करना समग्र टीम वर्क का उत्कृष्ट उदाहरण है, इसके लिए हरिद्वार पुलिस टीम बधाई की पात्र है”- आईजी गढ़वाल परिक्षेत्र
आज 5. जनवरी.24 को सीसीआर भवन स्थित कांफ्रेंस हॉल में आयोजित कार्यक्रम में IG गढ़वाल रेंज करण सिंह नगन्याल व एसएसपी हरिद्वार प्रमेन्द्र डोबाल द्वारा आमजन एवं यात्रियों के खोए हुए विभिन्न कंपनियों के कुल 353 मोबाइल फोन उनके वास्तविक मालिकों को लौटाए।
जनपद के विभिन्न थाना क्षेत्रों में खोए मोबाईल फोनों की बरामदगी के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत साइबर क्राइम सेल ने करीब 55 लाख रुपए के मोबाइल फ़ोन बरामद किए हैं। इसमें से कई मोबाईल फोन विभिन्न राज्यो से आये तीर्थ यात्रियों के हैं, जबकि कुछ मोबाइल फोन स्थानीय निवासियों के हैं। इस दौरान साईबर सेल टीम ने समस्त थानों से प्राप्त प्रार्थना पत्रों के विवरण के आधार पर मोबाइल फ़ोनों को बरामद करने के लिए सर्विलांस व अन्य माध्यमों की मदद ली। प्राप्त हुई लोकेशन के आधार पर भारत के विभिन्न राज्यों की पुलिस से समन्वय स्थापित कर गुमशुदा मोबाईलों को हरिद्वार मंगाया गया।
विगत वर्ष से खोए हुए मोबाइलों को बरामद करने के लिए किए जा रहे प्रयासों के क्रम में हरिद्वार पुलिस द्वारा अब तक कुल 01 करोड़ 61 लाख बाजार कीमत के कुल 1376 मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं।
हरिद्वार पुलिस अपने सभी फोलोवर्स से आग्रह करती है कि कोई भी अंजान मोबाइल अथवा इलैक्ट्रॉनिक डिवाइस मिलने पर उसे तत्काल उसके स्वामी अथवा नजदीकी थाने के सुपुर्द कर जिम्मेदार नागरिक होने का अपना कर्तव्य निभाएं,पुलिस टीम साइबर सैल से
Ins दिगपाल सिंह कोहली (प्रभारी) ,Hc विवेक यादव,Hc शक्ति गोसांई,Hc योगेश केंथोला,Hc अरुण शामिल रहे।
सराहनीय
सराहनीय कार्य
गुरू कुल का महत्व तो हमेशा से है