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Haridwar Corridor case,हरिद्वार कारीडोर मामला, सर्वे कम्पनी ने शासन को डी०पी०आर० बनाने के लिए रिपोर्ट सौंपी।

Haridwar Corridor case, survey company submitted report to the government for preparing DPR.

कम्पनी की रिपोर्ट में कई रहस्यमयी संकेत, श्रवणनाथ नगर में केवल पीलीभीत हाऊस को बताया अच्छा होटल

रिपोर्ट –
वरिष्ठ पत्रकार
डॉक्टर रमेश खन्ना

Haridwar Corridor case, हरिद्वार कॉरिडोर को लेकर राजनैतिक दलों के कुछ छद्म नेताओ का भंडाफोड़ हरिद्वार कॉरिडोर सर्वे करने वाली ए० जी० ओ० कम्पनी की लगभग एक हजार पन्नों की सर्वे रिपोर्ट ने कर दिया है।

जो राजनैतिक दलों के नेता छाती ठोक कर व्यापारी वर्ग को आश्वासन दे रहे थे कि व्यापारियों की रजामंदी के बिना कुछ नहीं होगा वह अब मुंह छुपाते फिर रहे हैं।

इस कंपनी का कार्यालय सी०सी०आर० में प्रथम तल पर खुल गया है। देहरादून में वरिष्ठ आई०ए०एस० डॉ० आर० मीनाक्षी सुन्दर जो कि उत्तराखंड शासन के आवास सचिव भी है, उन्हें इस कॉरिडोर योजना का प्रभारी बनाया गया है।

Haridwar Corridor case, कम्पनी ने शासन को डी०पी०आर० बनाने के लिए रिपोर्ट दी है उसमें सूत्रों के हवाले से मोटी-मोटी जो बातें संज्ञान में आई है उसमें कहां गया है कि अपर रोड पर पैदल चलने लायक जगह नहीं है यहाँ काफी अतिक्रमण है। इस लगभग एक हजार पन्नों की रिपोर्ट में मोती बाजार को काफी शंकर बताया गया है कंपनी ने अपनी सर्वे रिपोर्ट में कहा है कि भीमगोडा बैरियर से हर की पैड़ी तक एक तरफ रेलवे लाइन और वहाँ से हर की पैड़ी नजर नहीं आती, इस बात के पीछे कई रहस्य छुपे हैं।

Haridwar Corridor case, भीम गौडा बैरियर से ब्रह्मकुण्ड हर की पैड़ी नजर ना आने के उल्लेख का आखिर क्या मकसद है ? इसका रिपोर्ट में कोई खुलासा नहीं है।
सर्वे रिपोर्ट के अनुसार गऊ घाट पर अत्याधिक अतिक्रमण तथा वहाँ दुपहिया वाहनों की पार्किंग का भी उल्लेख है।

कम्पनी के सर्वे में एक अत्यंत सोचनीय बात यह है कि उन्होंने श्रवणनाथ नगर में मात्र एक होटल पीलीभीत हाऊस को ही अच्छा होटल बताते हुए यहाँ कुछ बढ़िया होटल बनाने का भी जिक्र किया है। श्रवणनाथ नगर में कई अच्छे होटल है, परन्तु मात्र पीलीभीत हाऊस का ही उल्लेख करना कम्पनी की सर्वे रिपोर्ट में हैरत की बात है। कम्पनी की सर्वे रिपोर्ट शासन को डी०पी०आर० के लिए सौंपना तो यह तय है कि कॉरिडोर बनने की योजना का अमुली जामा पहनाना शुरू हो गया हैं,Haridwar Corridor case,

जो नेता व्यापारियों के आंदोलन को कमजोर करने के लिए चन्द छुटमैय्यै व्यापारी नेताओं को देहरादून मुख्यमंत्री से मिलवाने और यह आश्वासन दिलवाने ले गए थे कि उनकी मर्जी के बिना कुछ नहीं होगा आज हरिद्वार में उन भाजपा नेताओं की शकल भी नहीं दिखाई दे रही है क्योंकि वह हरिद्वारवासी नहीं है।

वह तो मात्र व्यापारियों की एकता और आंदोलन को कमजोर करने व व्यापारियों में फूट डालने के लिए भेजे गए थे।

हरिद्वार के जनप्रतिनिधियों के मुंह में दही जमी हुई है, वह कॉरिडोर मुद्दे पर मौनी बाबा बनकर एक किनारे बैठे तमाशा देख रहे हैं। कांग्रेस के जिन प्रदेश के नेताओं ने हरिद्वार जाकर जनसभाएं और रैलियां निकालकर कॉरिडोर मुद्दे पर सरकार के खिलाफ ईंट से ईंट बजाने का ऐलान किया था, अब उनका अगला कदम क्या होगा? व्यापारी उनकी तरफ देख रहे हैं। काँरीडोर के मुद्दे पर हरिद्वार के जनप्रतिनिधि शुरू से ही किनारा कर चुप बैठे तमाशा देख रहे हैं।

हरिद्वार में व्यापार पिछले सात, आठ माह से वैसे ही ठप्प पडा है। व्यापारियों की आशा दुर्गा पूजा में चलने वाले बंगाली सीजन पर टिकी है परन्तु इस बार बंगाली सीजन भी ढप्प पडा हैं। कुछ होटल व्यवसायीयों ने बताया कि जो एडवांस बुकिंग थी वह भी कैंसिल हो रही है।

व्यापारी वर्ग वैसे ही अनाप-शनाप बिजली बिल पानी, सीवर यूज बिल और जी०एस०टी० की मार झेल रहे हैं। ऐसे में शांत पड़े कॉरिडोर मुद्दे में उबाल आने से व्यापारियों की नींद उड़ गई है। हालांकि कंपनी ने जो सर्वे रिपोर्ट तैयार की है उसमें कोई जगह ध्वस्त करने का जिक्र नहीं है परंतु सडकें तंग है, गलियाँ शंकरी है। अतिक्रमण बहुत है। भीमगौडा से हर की पैड़ी नजर नहीं आती, हरिद्वार में मात्र एक ही होटल का जिक्र ऐसी बहुत सी बातें हैं जो कॉरिडोर पर सरकार की मंशा जाहिर कर रही हैं,Haridwar Corridor case

इसके बाद आयोग के लोगों ने जुना भैरव अखाड़ा माया देवी मंदिर का निरीक्षण किया, यहां पर इन्होंने असंतोष व्यक्त किया, तथा माया देवी मंदिर के पास गंदगी के अम्बार लगे हैं तथा वहां पर रास्ता भी ठीक नहीं है। साथ ही इन्होंने शहर में ई-रिक्शा पर भी घोर आपत्ति जताई है। ई-रिक्शा हरिद्वार में बेतरतीव चल रही है, जीसके कारण सारी यातायात व्यवस्था ठप पड़ी हैं।

व्यापारिक वर्ग को कॉरिडोर के मुद्दे पर राजनैतिक दलों से दूरी बनाकर अपनी लड़ाई खुद सड़कों पर आकर लड़नी होगी। सरकार की तरफ से झूठे आश्वासन देने वालों को नजरअंदाज करना होगा वरना कॉरिडोर के नाम पर तबाही का मंजर काफी नजदीक आता जा रहा हैं। अयोध्या और वाराणसी में कॉरिडोर से तबाह हुए लोगों का दर्द वहाँ जाकर उनके आंसुओं और लबों से सुनें तो सारी हकीकत समझ आ जाएगी,Haridwar Corridor case

 

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