*परमार्थ निकेतन शिविर, प्रयागराज में प्रसिद्ध अभिनेता विवेक ओबेराय का सपरिवार आगमन*

*पूरे ओबेराय परिवार का परमार्थ निकेतन में वेदमंत्रों, शंखध्वनि, पुष्प वर्षा से अभिनन्दन*

*संगम पूजन, संगम स्नान और गंगा आरती में किया सहभाग*

प्रयागराज। प्रयागराज के पवित्र संगम में स्थित परमार्थ निकेतन शिविर में प्रसिद्ध अभिनेता विवेक ओबेराय का सपरिवार आगमन हुआ। पूरे ओबेराय परिवार का परमार्थ निकेतन में वेदमंत्रों, पुष्प वर्षा व शंखध्वनि से अभिनन्दन किया।

परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और साध्वी भगवती सरस्वती जी के साथ विवेक ओबेराय जी और पूरे ओबेराय परिवार ने दिव्य भेंटवार्ता की जो आध्यात्मिक शांति और सकारात्मकता से ओत-प्रोत थी।

अभिनेता विवेक ओबेराय ने पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी से आशीर्वाद प्राप्त किया और इस अवसर पर अपने आध्यात्मिक अनुभवों को साझा किया। उन्होंने कहा कि इस पवित्र भूमि पर आकर उन्हें अत्यधिक शांति और दिव्यता का अनुभव हो रहा है।

इस अवसर पर स्वामी जी और साध्वी भगवती जी ने ओबेराय परिवार को आशीर्वाद देते हुए कहा कि महाकुम्भ व्यक्तिगत जीवन में आध्यात्मिक उन्नति के साथ पूरे समाज और राष्ट्र की चेतना जागृत करने का उपयुक्त अवसर है।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि महाकुम्भ एक ऐसा पवित्र आयोजन है जो व्यक्तिगत जीवन में आध्यात्मिक उन्नति के साथ-साथ पूरे समाज और राष्ट्र की चेतना जागृत करने का अद्वितीय अवसर प्रदान करता है। यह एक दिव्य संगम है, जहाँ लाखों लोग अपनी आत्मा की शुद्धि और आध्यात्मिक शांति के लिए एकत्र होते हैं।

महाकुम्भ में आस्था और विश्वास की जो लहर उठती है, वह न केवल व्यक्तिगत जीवन को बदल देती है, बल्कि समाज और राष्ट्र की चेतना को भी जागृत करती है। यहाँ, लोग एक दूसरे से जुड़ते हैं, सामाजिक सौहार्द्र को बढ़ावा देते हैं और परस्पर सहयोग की भावना का अहसास करते हैं। इस प्रकार, महाकुम्भ सामाजिक और राष्ट्रीय चेतना का एक प्रेरणास्त्रोत है, जो हमें अपने कर्तव्यों, जिम्मेदारियों और मानवता के मूल्यों की याद दिलाता है।

स्वामी जी ने इस अवसर पर सभी से आह्वान किया कि हम अपने दिलों में भारत की एकता, अखंडता और विविधता को बनाए रखें। उन्होंने यह भी कहा कि जैसे संगम में तीन नदियाँ मिलती हैं, वैसे ही हमें अपने विभिन्न मत, पंथ और संस्कृतियों को मिलाकर एक मजबूत और समृद्ध राष्ट्र की नींव रखे। स्वामी जी ने इस अवसर पर एक डुबकी राष्ट्र के नाम का संदेश दिया।

श्री विवेक ओबेराय जी ने महाकुम्भ के अनुभव को अपने जीवन का अविस्मरणीय पल बताते हुये कहा कि इस पुण्य भूमि पर आकर उन्हें एक नई ऊर्जा और शक्ति मिली है, जो उनके जीवन और दृष्टिकोण को और अधिक सकारात्मक बनाएगी।

साध्वी जी ने कहा कि महाकुम्भ, आध्यात्मिकता को अपने जीवन में स्थान देने का महत्वपूर्ण अवसर है। इससेे हम न केवल अपनी आत्मा की शांति प्राप्त कर सकते हैं, बल्कि एक स्वस्थ और संतुलित समाज के निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

अरैल घाट पर आयोजित गंगा आरती में श्री विवेक ओबेराय, उनकी माता जी यशोधरा ओबेराय, धर्मपत्नी प्रियंका, बेटे विवान, बेटी अमेया और परिवार के अन्य सदस्यों ने सहभाग किया। स्वामी जी ने रूद्राक्ष का दिव्य पौधा भेंट कर श्री विवेक ओबेराय और पूरे परिवार का अभिनन्दन किया।

By Shashi Sharma

Shashi Sharma Working in journalism since 1985 as the first woman journalist of Uttarakhand. From 1989 for 36 years, she provided her strong services for India's top news agency PTI. Working for a long period of thirty-six years for PTI, he got her pen ironed on many important occasions, in which, by staying in Tehri for two months, positive reporting on Tehri Dam, which was in crisis of controversies, paved the way for construction with the power of her pen. Delivered.

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