मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को प्रदेश के आपदा प्रभावित जिलों के जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक कर राहत, पुनर्वास और पुनर्स्थापना कार्यों की गहन समीक्षा की। बैठक में उन्होंने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों को प्राथमिकता के साथ युद्धस्तर पर पूरा किया जाए, ताकि आमजन को शीघ्र ही राहत मिल सके।
उत्तरकाशी पर विशेष फोकस
बैठक के दौरान जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने मुख्यमंत्री को उत्तरकाशी जनपद के धराली, हर्षिल और स्यानाचट्टी सहित अन्य प्रभावित क्षेत्रों में चल रहे राहत व पुनर्वास कार्यों की विस्तार से जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि स्यानाचट्टी में यमुना नदी के प्रवाह अवरुद्ध होने से बनी अस्थायी झील के मुहाने पर जमा मलबा हटाने और नदी के चौड़ीकरण का कार्य युद्धस्तर पर किया जा रहा है। लगातार हो रही वर्षा के कारण नदी में दोबारा मलबा जमा हो रहा है, जिससे मलबा हटाने एवं चैनलाइजेशन कार्यों में बाधा उत्पन्न हो रही है। हालांकि अब तक काफी मात्रा में मलबा हटाया जा चुका है और मौसम साफ होते ही शेष कार्य को तेजी से पूरा किया जाएगा।
भविष्य की आवश्यकताओं पर जोर
जिलाधिकारी ने आगे कहा कि मानसून सीजन समाप्त होने के बाद आपदा प्रभावित धराली, हर्षिल, स्यानाचट्टी आदि क्षेत्रों से शेष मलबे को हटाकर चिन्हित डंपिंग जोन में डाला जाएगा, ताकि भविष्य में इन इलाकों में जलभराव या आपदा संबंधी जोखिम न बढ़े।
उन्होंने यह भी बताया कि हर्षिल और धराली में सड़क मार्ग को सुचारू कर दिया गया है। साथ ही प्रभावित परिवारों तक आवश्यक खाद्य सामग्री, दवाइयां और रोजमर्रा की जरूरत का सामान समय-समय पर पहुंचाया जा रहा है।
जिला प्रशासन पूरी तरह सक्रिय
समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी के साथ एडीएम मुक्ता मिश्र, अधीक्षण अभियंता लोनिवि विजय कुमार, एसडीएम शालिनी नेगी, ईई सिंचाई सचिन सिंघल, ईई लोनिवि अनदीप राणा, आपदा समन्वयक जय पंवार सहित अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रभावित परिवारों की समस्याओं का तत्काल समाधान किया जाए और राहत सामग्री की आपूर्ति में किसी भी प्रकार की लापरवाही न हो। उन्होंने कहा कि सरकार हर संभव तरीके से आपदा प्रभावित परिवारों के साथ खड़ी है और सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।