श्री स्वामिनारायण गुरूकुल विश्वविद्यालय, अहमदाबाद द्वारा आयोजित सत्संग साधना शिविर का समापन
💐पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, पूज्य माधवप्रिय स्वामी जी महाराज, पूज्य बाल स्वामी जी महाराज और पूज्य संतों का मार्गदर्शन व आशीर्वाद
🌺लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल जी की जयंती पर उनकी साधना को नमन
🌸राष्ट्रीय एकता दिवस पर परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमारों ने किया रन फार यूनिटी रन फार नेशन
💥हम एक तो राष्ट्र एक-एक भारत श्रेष्ठ भारत
🌺राष्ट्र एकता के लिये किया संकल्प
राष्ट्र प्रथम ही नहीं राष्ट्र सर्वोत्तम
स्वामी चिदानन्द सरस्वती
ऋषिकेश। आज लौहपुरुष, राष्ट्र-निर्माण के महान शिल्पी सरदार वल्लभभाई पटेल जी की जयंती पर परमार्थ निकेतन से उनकी साधना को नमन करते हुये आज की गंगा आरती उनकी राष्ट्र साधना को समर्पित की।
आज परमार्थ निकेतन में पावन गंगा तट पर श्री स्वामिनारायण गुरूकुल विश्वविद्यालय, अहमदाबाद द्वारा आयोजित सत्संग साधना शिविर का समापन भक्ति, ज्ञान और प्रेरणा से ओत-प्रोत वातावरण में हुआ।
इस पावन कार्यक्रम में परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश के अध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, श्री स्वामिनारायण गुरूकुल से पूज्य माधवप्रिय स्वामी जी महाराज, पूज्य बाल स्वामी जी महाराज सहित अनेक पूज्य संतों का सान्निध्य एवं आशीर्वाद प्राप्त हुआ। देशभर से आए युवा साधक, विद्यार्थी, संतजन और समाजसेवी इस दिव्य क्षण के साक्षी बने।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि गुजरात की पावन भूमि ने भारत को अनेक ऐसे अद्भुत रत्न प्रदान किए हैं, जिन्होंने राष्ट्र की दिशा और दशा बदलने में ऐतिहासिक योगदान दिया है। इन्हीं महान विभूतियों में से एक हैं लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल जी, वे राष्ट्रीय एकता, अखंडता और किसानों के सशक्तिकरण के अमर प्रतीक।
सरदार पटेल जी के अटूट संकल्प, दूरदर्शी नेतृत्व और लौह-इच्छाशक्ति ने स्वतंत्रता के बाद की सबसे बड़ी चुनौती को अवसर में बदल दिया। विविध रियासतों को संगठित कर एक राष्ट्र के सूत्र में पिरोना उनकी अद्भुत राष्ट्रसेवा हैं। उन्होंने संगठन कुशलता और संवाद की शक्ति से 562 रियासतों का शांतिपूर्ण विलय कराया और आधुनिक भारत की नींव को स्थिरता, सुरक्षा और संकल्प की शक्ति प्रदान की।
उनका जीवन हमें संदेश देता है कि राष्ट्रीय एकता ही राष्ट्र की सबसे बड़ी शक्ति है। जब भारत एकजुट होता है, तो कोई भी चुनौती हमें रोक नहीं सकती।
स्वामीजी ने युवाओं को कहा कि शिक्षा केवल डिग्री नहीं, बल्कि जीवन को सार्थक दिशा देने का माध्यम है। गुरूकुलों के माध्यम से ऐसे युवा तैयार हों जो स्वयं उत्कृष्ट बनकर समाज और राष्ट्र को उत्कृष्ट बनाएं। वर्तमान समय में हमारा राष्ट्र अद्भुत गति से प्रगति कर रहा है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत “चिप से लेकर शिप तक” और “सूई से लेकर सीप्लेन तक” सर्वांगीण विकास की नई ऊँचाइयाँ छू रहा है।
पूज्य माधवप्रिय स्वामी जी महाराज ने युवाओं के चरित्र निर्माण पर बल देते हुए कहा कि सत्संग और साधना से विवेक, विनम्रता और मूल्य जीवन में स्थापित होते हैं। समाज को वही युवा समृद्ध करते हैं, जिनके भीतर संस्कृति और संकल्प दोनों होते हैं।
शिविर के समापन अवसर पर विद्यार्थियों को भारतीय सांस्कृतिक विरासत, योग, ध्यान, चरित्र निर्माण, पर्यावरण संरक्षण और राष्ट्रसेवा के विराट संकल्प कराये। गुजरात सहित विभिन्न राज्यों, भारत सहित विभिन्न देशों से आये साधकों ने राष्ट्र एकता के लिये संकल्प कर परमार्थ निकेतन से गद्गद् मन से विदा लिया।


By Shashi Sharma

Shashi Sharma Working in journalism since 1985 as the first woman journalist of Uttarakhand. From 1989 for 36 years, she provided her strong services for India's top news agency PTI. Working for a long period of thirty-six years for PTI, he got her pen ironed on many important occasions, in which, by staying in Tehri for two months, positive reporting on Tehri Dam, which was in crisis of controversies, paved the way for construction with the power of her pen. Delivered.

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