हरिद्वार।उत्तराखण्ड राज्य स्थापना दिवस रजत जयंती समारोह के उपलक्ष्य में पर्यटन विभाग द्वारा मंगलवार को वरिष्ठ नागरिकों के 29 सदस्यों के दल को रीठा मीठा साहिब एवं नानकमत्था की निःशुल्क यात्रा के लिये भेजा गया इसके साथ ही पीली पड़ाव क्षेत्र में पर्यटन विभाग एवं वन विभाग के संयुक्त तत्वावधान मंें बर्ड वॉचिंग का प्रशिक्षण कार्यक्रम आायेजित किया गया। जिला पर्यटन विकास अधिकारी सुशील नौटियाल ने उत्तराखण्ड राज्य स्थापना दिवस रजत जयंती समारोह के उपलक्ष्य के अर्न्तगत रीठा साहिब के लिये 29 वरिष्ठ नागरिकों को ले जा रही बस को रवाना किया एवं वरिष्ठ नागरिकों को सुरक्षित व सुखमय यात्रा की शुभकामनाएं दी।
जिला पर्यटन विकास अधिकारी ने कहा कि इस प्रकार की योजनाओं से राज्य की पारंपरिक संस्कृति, खानपान आदि का आदान-प्रदान होता है एवं तीर्थ यात्रियों को राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों, वेशभूषा, रहन सहन की जानकारी प्राप्त होती है तथा वसुधैव कुटुम्बकम की भावना को बढ़ावा मिलता है। जिला पर्यटन विकास अधिकारी ने बताया कि बुजुर्ग यात्रियों की बस की व्यवस्था उत्तराखण्ड परिवहन निगम द्वारा की गयी है। भोजन, आवास व गाईड की व्यवस्था गढ़वाल मण्डल विकास निगम व कुमाऊं मण्डल विकास निगम द्वारा की गयी है। उत्तराखण्ड राज्य स्थापना दिवस रजत जयंती समारोह के उपलक्ष्य पर्यटन विभाग द्वारा रीठा मीठा साहिब एवं नानकमत्था की यात्रा हेतु 29 बुजुर्गों का दल भेजा गया है। 
पर्यटन विभाग द्वारा वन विभाग के साथ संयुक्त तत्वावधान में एक्साईट आउटडोर के सहयोग से युवाओं को बर्ड वॉचिंग का प्रशिक्षण प्रदान किया गया। इस अवसर पर बर्ड वॉचिंग हेतु पीली पड़ा क्षेत्र के पक्षी विशेषज्ञ तौकिर आरम पर्यटन विभाग द्वारा पीली पड़ाव क्षेत्रान्तर्गत वन विभाग के सहयोग से बर्ड वॉचिंग का प्रशिक्षण प्रदान गया। इस अवसर पर उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को बताया गया कि पीली पड़ाव क्षेत्र में बर्ड वॉचिंग के लिए अहम है यह क्षेत्र वर्ड वॉचिंग और एडवेंचर टूरिज्म के क्षेत्र में तेज से प्रगति कर रहा है। उन्होंने कहा कि हमारा राज्य प्राकृतिक सौंदर्य और शुद्ध वातावरण के लिए जाना जाता है। हमें इसे संजोने के लिए जनसहभागिता बढ़ानी होगी। वर्ड वॉचिंग जैसी पहलें युवाओं को फिट रहने के साथ-साथ प्रकृति से जुड़ने की प्रेरणा देती हैं। 
जिला पर्यटन विकास अधिकारी ने बताया कि राज्य स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में पर्यटन विभाग द्वारा जनपद में कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिनका मकसद पर्यटन को बढ़ावा देना और स्थानीय युवाओं को रोजगार के नए अवसरों से जोड़ना है। उन्होंने कहा कि तीर्थनगरी हरिद्वार धार्मिक पर्यटन का मुख्य केन्द्र है व विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। उन्होंने बताया कि जनपद में धार्मिक पर्यटन के साथ-साथ साहसिक पर्यटन एवं ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा दिये जाने हेतु योजना बनाई जा रही है, जिससे यहां के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा एवं यहां के स्थानीय लोगों को स्वरोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे। यदि स्थानीय युवा इस दिशा में आगे आएं तो यह क्षेत्र साहसिक पर्यटन का प्रमुख केंद्र बन सकता है। प्रशिक्षण में 20 युवा छात्र-छात्राओं ने बर्ड वॉचिंग का प्रशिक्षण दिया गया। 
उन्होंने यह भी बताया कि उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के 25 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर पर्यटन विभाग द्वारा विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। इस अवसर पर जिला पर्यटन विकास अधिकारी सुशील नौटियाल, पक्षी विशेषज्ञ तौकिर आरम, हुसैन, वन विभाग के कर्मचारी मौहम्मद एहसान आदि उपस्थित रहे।