दस दिवसीय निःशुल्क मोतियाबिंद चिकित्सा शिविर का पांचवा दिन, सेवा, सहयोग और मानवता का महायज्ञ
100 से अधिक मोतियाबिंद आपरेशन, 1000 से अधिक पंजीकरण
भारत, आस्ट्रेलिया, अमेरिका, इग्लैंड, नेपाल सहित अन्य देशों के नेत्र चिकित्सा विशेषज्ञ प्रदान कर रहे अपनी सेवायें
वरिष्ठ नेत्र चिकित्सक डा मनोज पटेल, आस्ट्रेलिया डा पूर्णिमा राय, डॉ. योगा, डॉ. विवेक जैन, डॉ. संपथ, डॉ. अश्विनी सुहासराव, डॉ. इरीना, डॉ. साई सुश्रुथा पेरुरी, डॉ. पारुल देसाई, डॉ. सतीश देसाई, डॉ. कलई, डॉ. आनंद चंद्रशेखरन, डॉ. विजयलक्ष्मी वद्रेवी, डॉ. भट्ट, डॉ. नीलिमा गाँधम, डॉ. जया माधुरी, डॉ. मनोज पटेल, डॉ. रोजी आहूजा आदि चिकित्सकों प्रदान कर रहे सेवायें
परमार्थ निकेतन में आयोजित दस दिवसीय निःशुल्क मोतियाबिंद चिकित्सा शिविर में अधिक से अधिक संख्या में सहभाग कर नेत्र चिकित्सा सेवाओं का लाभ लें
ऋषिकेश। मां गंगा के तट स्थित परमार्थ निकेतन में चल रहे दस दिवसीय निःशुल्क मोतियाबिंद चिकित्सा शिविर का पांचवा दिन सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। शिविर में अब तक 100 से अधिक मोतियाबिंद ऑपरेशन सफलतापूर्वक किए जा चुके हैं तथा 1000 से अधिक मरीजों का पंजीकरण हो चुका है। आने वाले दिनों में यह संख्या और अधिक बढ़ने की पूरी संभावना है।
यह निःशुल्क नेत्र चिकित्सा शिविर परमार्थ निकेतन द्वारा समाज के गरीब, असहाय एवं जरूरतमंद लोगों के नेत्र स्वास्थ्य को सशक्त बनाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। कई ऐसे मरीज जो आर्थिक तंगी, संसाधनों की कमी या जानकारी के अभाव के कारण उपचार से वंचित रह जाते थे, उन्हें यहां विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
परमार्थ निकेतन में अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के मार्गदर्शन व आशीर्वाद से आयोजित इस शिविर की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें भारत, आस्ट्रेलिया, अमेरिका, इंग्लैंड, नेपाल सहित विभिन्न देशों के प्रख्यात नेत्र विशेषज्ञ शामिल होकर अपनी सेवाएं राष्ट्रसेवा और मानवता को समर्पित कर रहे हैं। वे अत्याधुनिक तकनीक और अनुभव के साथ रोगियों को नई दृष्टि प्रदान करने में लगे हुए हैं।
इन सभी डॉक्टरों ने कहा कि परमार्थ निकेतन में यह सेवा-यज्ञ मानव समाज के स्वास्थ्य में वास्तविक योगदान करने का अवसर है, और वह भी पूर्णतः निःशुल्क। उन्होंने कहा कि यहाँ आने वाले प्रत्येक रोगी की आँखों में दृष्टि ही नहीं, बल्कि जीवन में नई उम्मीद और खुशियों का उजाला लौटता है।
परमार्थ निकेतन में आयोजित शिविर में न केवल मोतियाबिंद ऑपरेशन किए जा रहे हैं, बल्कि प्रारम्भिक जाँच, दवाएँ, परामर्श तथा ऑपरेशन के बाद की आवश्यक देखभाल भी पूर्ण रूप से निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है। आधुनिक उपकरण, उच्च स्तरीय सर्जिकल सुविधाएं और सभी चिकित्सा प्रक्रियाएँ अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप सुनिश्चित की गई हैं।
परमार्थ निकेतन नेत्र-चिकित्सा विशेषज्ञों और स्वयंसेवकों की समर्पित टीम के साथ यह सुनिश्चित कर रहा है कि किसी भी व्यक्ति को लंबा इंतजार न करना पड़े और हर रोगी को सम्मान, संवेदना और स्नेह के साथ उपचार मिले।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी का मानना है कि “सेवा ही सर्वोत्तम साधना है” और स्वास्थ्य सेवा प्रत्येक व्यक्ति का मौलिक अधिकार है। इसी संकल्प को साकार करते हुए यह शिविर हर वर्ष जनहित में आयोजित किया जाता है।
परमार्थ निकेतन द्वारा सभी नागरिकों से विनम्र आग्रह किया जाता है कि जो भी मोतियाबिंद या अन्य नेत्र रोगों से पीड़ित हों, वे इस निःशुल्क चिकित्सा शिविर में पधारकर विशेषज्ञ चिकित्सा सुविधाओं का लाभ अवश्य उठाएं। साथ ही, समाज के जागरूक नागरिक अधिक से अधिक जरूरतमंदों को इस शिविर की जानकारी दें, ताकि यह सेवा का प्रकाश अधिक से अधिक जीवनों को आलोकित कर सके।
यह शिविर केवल ऑपरेशन का कार्यक्रम नहीं, बल्कि जीवन में उजाले का महापर्व है। यह उन सभी लोगों के लिए आशा का दीपक है, जो आर्थिक या सामाजिक कठिनाइयों के चलते उपचार से वंचित रह गए थे। यहां प्रदान की जा रही हर सेवा मानवता के उस भाव को साकार करती है जिसमें सीमाएँ नहीं, केवल करुणा होती है।
इस सेवा यज्ञ में शामिल सभी चिकित्सक, स्वयंसेवक और परमार्थ परिवार के सदस्यों को हृदय से धन्यवाद। उनका यह समर्पण समाज के लिए प्रेरणास्रोत है।