*मुख्यमंत्री ने प्रगति मैदान नई दिल्ली में भारत अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में आयोजित उत्तराखण्ड दिवस में किया* *प्रतिभाग*

*अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला हमारी संस्कृति, हस्तशिल्प और समृद्ध विरासत को प्रदान करता है वैश्विक मंच-मुख्यमंत्री*

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को नई दिल्ली के प्रगति मैदान मे आयोजित 44वें भारत अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मेले के तहत उत्तराखण्ड पवेलियन में उत्तराखण्ड दिवस समारोह एवं इस अवसर पर आयोजित सांस्कृतिक संध्या में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। इस अवसर पर नाट्यशाला थियेटर में उत्तराखण्ड के लोक कलाकारों द्वारा आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये। इस वर्ष व्यापार मेले की थीम ’’एक भारत श्रेष्ठ भारत’’ रखी गयी है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला हमारी संस्कृति, हस्तशिल्प, और समृद्ध विरासत को वैश्विक मंच पर प्रतिष्ठित करने का अवसर प्रदान करता है। यही नहीं इस मेले में आयोजित होने वाली सांस्कृतिक संध्या के माध्यम से हमारी लोक संस्कृति और उत्तराखंडी परंपराओं की जीवंत झलक देखने को मिलती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष के अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने हमारे पारंपरिक मेलों, उत्सवों और लोक संस्कृति को बढ़ावा देने हेतु “वन डिस्ट्रिक्ट, वन फेस्टिवल” के रूप में विकसित करने का आव्हान किया है। इस पहल से हमारे राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में आयोजित होने वाले पारंपरिक मेलों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान मिलेगी। हमारे स्थानीय उत्पादों, हस्तशिल्प, लोककला और पर्यटन को भी इससे पहचान मिलेगी।

*उत्तराखंड को प्रत्येक क्षेत्र में अग्रणी बनाने का है हमारा संकल्प*

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में हमारी सरकार उत्तराखंड को प्रत्येक क्षेत्र में अग्रणी बनाने का संकल्प लेकर आगे बढ़ रही है। इसके लिये प्रदेश में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, खेल, पेयजल और हवाई कनेक्टिविटी जैसे सभी प्रमुख क्षेत्रों में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने की दिशा में सार्थक प्रयास किए जा रहे हैं।

राज्य में ‘वोकल फॉर लोकल’, ‘मेक इन इंडिया’ और ‘स्टार्टअप इंडिया’ जैसी पहलों के माध्यम से विकसित भारत एवं विकसित उत्तराखंड बनाने के स्वप्न को साकार करने की दिशा में तेजी से कार्य किया जा रहा है। देवभूमि उत्तराखंड को विश्व की आध्यात्मिक राजधानी के रूप में स्थापित करने की दिशा में भी हम निरंतर प्रयासरत हैं।

राज्य में केदारखंड और मानसखंड क्षेत्र के मंदिरों के सौंदर्यीकरण के लिए योजनायें बनाने के साथ हरिपुर कालसी में यमुनातीर्थ स्थल के पुनरुद्धार, हरिद्वार ऋषिकेश कॉरिडोर और शारदा कॉरिडोर के निर्माण की दिशा में भी कार्य किया जा रहा है।

*हमारी लोक संस्कृति हमारी पहचान*

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे प्रवासी उत्तराखंडी राज्य से बाहर कही भी बसे हों लेकिन वो अपनी लोक आस्था, संस्कृति, खान-पान और अपनत्व की भावना को सदैव जीवंत रखते हैं तथा उनकी दहलीज पर आज भी ऐंपण की कलाकृति देखने को मिल जाती है जो उत्तराखंड की पहचान है।

उन्होंने कहा कि उन्हें आज राजस्थान के पवित्र तीर्थ पुष्कर में, वहाँ के पर्वतीय समाज द्वारा निर्मित ‘उत्तराखंड धर्मशाला आश्रम’ का लोकार्पण करने का भी अवसर मिला यह हम सबके लिये गर्व की बात है कि हमारे लोगों द्वारा किसी दूसरे राज्य में इस प्रकार से अपनी सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखने का सराहनीय प्रयास किया गया है।

हमारे पर्वतीय समाज के लोग उत्तराखंड के बाहर अपनी संस्कृति, भाषा और सद्भाव की भावना को हमेशा जीवंत रखने का प्रयास करते हैं। जो हमारे लिये सम्मान की बात है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि राज्य की रजत जयंती वर्ष के अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में राज्य के पवेलियन में लगने वाले स्थानीय उत्पादों के स्टॉलों पर लगने वाले शुल्क को माफ किया जाएगा। उन्होंने सांस्कृतिक प्रस्तुति देने वाले कलाकारों, संगीतकारों और सांस्कृतिक दलों के साथ सभी उद्यमियों और शिल्पकारों को भी धन्यवाद दिया। जिन्होंने राज्य के हस्तशिल्प और स्थानीय उत्पादों को इस मंच पर प्रदर्शित करने का सराहनीय प्रयास किया है।

मुख्यमंत्री ने इस पर भी प्रसन्नता व्यक्त की है कि इस वर्ष राज्य पवेलियन में हथकरघा बुनकरों एवं अन्य उत्पाद धारकों द्वारा अब तक 01 करोड का बिजनेस किया गया तथा 2.50 करोड के ऑर्डर प्राप्त किये। उन्होंने उम्मीद जताई कि उनके उत्पादों की बिक्री 2.50 करोड से अधिक की होगी।

*राज्य में औद्योगिक विकास एवं निवेश पर दिया जा रहा है विशेष ध्यान*

मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली-देहरादून एलिवेटेड रोड, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना, भारतमाला और पर्वतमाला परियोजना, अमृत योजना, ऑल वेदर रोड और उड़ान योजना जैसी महत्त्वाकांक्षी परियोजनाओं के माध्यम से प्रदेश के बुनियादी ढांचे को नए आयाम प्रदान किए जा रहे हैं। इसके साथ ही प्रदेश में औद्योगिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिए भी निरंतर कार्य किया जा रहा है।

राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2023 में ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट का आयोजन किया था। इसके सुखद परिणाम हमारे सामने हैं। इस समिट के अंतर्गत प्राप्त हुए 3.56 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश समझौतों में से लगभग 1 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने में हमें सफलता मिली है।

औद्योगिक नीति, लॉजिस्टिक नीति, स्टार्टअप नीति और एमएसएमई नीति सहित 30 से अधिक नीतियां बनाकर उद्योगों को बेहतर माहौल और अवसर प्रदान करने का प्रयास किया है। इसके साथ ही, राज्य में स्थानीय अर्थव्यवस्था और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भी कई महत्वपूर्ण योजनाओं पर कार्य हो रहा है।

*स्थानीय आजीविका के बढाये गये हैं अवसर*

राज्य में ‘एक जनपद, दो उत्पाद’ योजना के माध्यम से स्थानीय आजीविका के अवसरों को बढावा देने के साथ हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड के माध्यम से पारंपरिक उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक पहचान दिलाने में भी हमें कामयाबी मिली है। ‘स्टेट मिलेट मिशन’, ‘फार्म मशीनरी बैंक’, ‘एप्पल मिशन’, ‘नई पर्यटन नीति’, ‘नई फिल्म नीति’, ‘होम स्टे’, ‘वेड इन उत्तराखंड’ और ‘सौर स्वरोजगार योजना’ जैसी पहलों के माध्यम से प्रदेश की स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने की भी प्रभावी पहल की गई है। उन्होंने कहा कि हमारे समेकित प्रयासों का परिणाम है कि विभिन्न चुनौतियों का सामना करते हुए भी बीते साढ़े चार वर्षों में प्रदेश ने कई उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल की हैं।

*राष्ट्रीय स्तर पर मिली राज्य को सराहना*

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के विकास के प्रति हमारे समर्पित प्रयासों का परिणाम है कि नीति आयोग द्वारा जारी वर्ष 2023-24 के सतत् विकास के लक्ष्यों को हासिल करने के इंडेक्स में उत्तराखंड को देश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। साथ ही, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में उत्तराखंड को एचीवर्स तथा स्टार्टअप रैंकिंग में लीडर्स की श्रेणी भी प्राप्त हुई है।

*देवभूमि का मौलिक स्वरूप बनाये रखने के लिये हो रहे हैं प्रयास*

प्रदेश में सख्त धर्मांतरण विरोधी और दंगा विरोधी कानूनों को लागू किया गया है। राज्य में ऑपरेशन कालनेमी चलाकर जहां हमने संस्कृति को बदनाम करने वाले लोगों को पकड़ने का काम किया है, कड़ी कार्रवाई करते हुए 10 हजार एकड़ से अधिक की सरकारी भूमि को अवैध अतिक्रमण से मुक्त कराया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने राज्य में नया कानून लागू कर मदरसा बोर्ड को भी समाप्त करने का निर्णय लिया है। जुलाई 2026 के बाद राज्य में वे मदरसे बंद हो जाएंगे जो हमारी सरकार द्वारा दिए गए सरकारी सेलेबस को अपने यहां नहीं पढ़ाएंगे। राज्य में नकल माफियाओं पर अंकुश लगाने के लिए देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून भी लागू किया है। जिसके परिणामस्वरूप पिछले साढ़े चार वर्षों में राज्य के 26 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी प्राप्त करने में सफलता प्राप्त हुई है, राज्य से भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए ‘’ज़ीरो टॉलरेंस’’ की नीति के साथ संकल्पित होकर कार्य किया जा रहा है। पिछले साढ़े चार वर्षों में भ्रष्टाचार में लिप्त 200 से अधिक लोगों को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाया गया है।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सभी से प्रधानमंत्री जी के “स्वदेशी अपनाओ देश को मजबूत बनाओ’’ के मंत्र को आत्मसात करते हुए अधिक से अधिक स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करने की भी अपेक्षा की। इससे हम अपने कारीगरों, किसानों और उद्यमियों को सशक्त बनाते हुए आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को भी मजबूती प्रदान करने में सफल होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार उत्तराखण्ड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के अपने इस “विकल्प रहित संकल्प’’ को पूर्ण करने हेतु निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने सभी प्रवासी राज्य वासियों से प्रदेश के विकास में सहयोगी बनने की अपेक्षा करते हुए सभी निवेशकों को हर संभव सुविधा एवं सहायता उपलब्ध कराने का विश्वास दिलाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा उद्देश्य सभी के सहयोग से सशक्त एवं समृद्ध उत्तराखंड का निर्माण करना है, हम सब मिलकर ही आदर्श एवं अग्रणी उत्तराखंड के निर्माण की परिकल्पना को पूर्ण कर सकते हैं।

इस अवसर पर लोकसभा सांसद श्रीमती राजलक्ष्मी शाह, राज्यसभा सांसद श्री नरेश बंसल, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री श्री विजय बहुगुणा, उत्तराखंड हथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास परिषद के उपाध्यक्ष श्री वीरेन्द्र दत्त सेमवाल, उत्तराखंड सरकार की मीडिया सलाहकार समिति के अध्यक्ष प्रो. गोविंद सिंह, उद्योग सचिव श्री विनय शंकर, इंडियन ट्रेड प्रोमोशन ऑर्गेनाइजेशन के एमडी श्री नीरज खैरवाल, सचिव संस्कृति श्री युगल किशोर पंत, महानिदेशक एवं आयुक्त उद्योग डॉ. सौरभ गहरवार, स्थानिक आयुक्त श्री अजय मिश्रा उपस्थित रहे।


By Shashi Sharma

Shashi Sharma Working in journalism since 1985 as the first woman journalist of Uttarakhand. From 1989 for 36 years, she provided her strong services for India's top news agency PTI. Working for a long period of thirty-six years for PTI, he got her pen ironed on many important occasions, in which, by staying in Tehri for two months, positive reporting on Tehri Dam, which was in crisis of controversies, paved the way for construction with the power of her pen. Delivered.

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