2 मासूम व 1 किशोर बालक के साथ परिस्थितियों की मार झेल रही व्यथित विधवा शांति राणा को जिला प्रशासन का सहारा; सीएसआर फंड से 4 लाख बैंक खाते में हस्तांतरित

विधावा शांति राणा को रोजगार, बेटी अंशिका की शिक्षा भार वहन करेगा जिला प्रशासन एवं संस्थान

व्यथित असहायों के कष्ट रूपी जख्मों पर सहायता का मरहम लगाते डीएम

पति ने ई-रिक्शा के लिए लिया ऋण; पति की दुर्घटना में हो गई मृत्यु; शांति के सिर पर आन पड़ा मुसीबतों का पहाड़

विधवा शांति राणा के सिर से जिला प्रशासन हटाया कर्ज का भार; सीएसआर फंड से 4 लाख बैंक खाते में हस्तांतरित

देहरादून। पति की आकस्मिक मृत्यु के बाद जीवन की कठिन परिस्थितियों से जूझ रही विधवा शांति राणा के मामले में जिला प्रशासन संवेदनशीलता के साथ आगे आया है। आर्थिक तंगी, छोटे बच्चों की जिम्मेदारी और सिर पर ऋण का बोझ, इन सबके बीच शांति राणा के लिए जिला प्रशासन ने मदद का हाथ बढ़ाया है। जिला प्रशासन ने दी सीएसआर फंड से 4 लाख की आर्थिक सहायता।

जिलाधिकारी सविन बंसल की अध्यक्षता में विगत नवम्बर माह में आयोजित जनता दर्शन कार्यक्रम में विधवा शांति राणा ने अपनी व्यथा रखते हुए बताया कि उनके पति ने परिवार की आजीविका के लिए ई-रिक्शा क्रय करने हेतु रु. 3,72,600 का ऋण लिया था। दुर्भाग्यवश एक दुर्घटना में उनके पति मनबहादुर की मृत्यु हो गई, जिसके उपरांत परिवार में कमाने वाला कोई नहीं बचा। उनकी 12 वर्षीय बेटी अंशिका, बेटा 05 अक्षय व एक अन्य बेटा किशोर अवस्था में है जिसकी परवरिश और सीमित संसाधनों के कारण वह ऋण की किश्तें जमा करने में असमर्थ हैं। जिलाधिकारी ने शांति राणा को योग्यता अनुसार संस्थान में सेवायोेजित करने तथा बेटी की अंशिका की शिक्षा का वहन जिला प्रशासन करेगा इसके लिए जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारी को कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।

शांति राणा ने जिलाधिकारी के समक्ष अपनी अत्यंत दयनीय आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए बकाया ऋण किश्तों में राहत/माफी तथा आर्थिक सहायता प्रदान किए जाने का अनुरोध किया। मामले की गंभीरता और मानवीय पक्ष को देखते हुए जिलाधिकारी सविन बंसल ने उप जिलाधिकारी (न्याय) को आवश्यक कार्रवाई करने तथा प्रकरण की सम्यक जांच कर नियमानुसार राहत सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे। जिला प्रशसान ने शांति राणा के बैंक खाते में 04 लाख की धनराशि हस्तांरित कर दी जिससे उनका बैंक का कर्ज निपट गया है। साथ ही

जिलाधिकारी ने संबंधित विभागों को निर्देशित किया कि पीड़िता को उपलब्ध शासकीय योजनाओं, सामाजिक सुरक्षा लाभ, तथा संभावित आर्थिक सहायता से आच्छादित किया जाए, ताकि परिवार को तात्कालिक राहत मिल सके और भविष्य में आजीविका के साधन विकसित हो सकें। जिला प्रशासन ने भरोसा दिलाया है कि ऐसे संवेदनशील मामलों में मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए पीड़ित परिवार को हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।


By Shashi Sharma

Shashi Sharma Working in journalism since 1985 as the first woman journalist of Uttarakhand. From 1989 for 36 years, she provided her strong services for India's top news agency PTI. Working for a long period of thirty-six years for PTI, he got her pen ironed on many important occasions, in which, by staying in Tehri for two months, positive reporting on Tehri Dam, which was in crisis of controversies, paved the way for construction with the power of her pen. Delivered.

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