जिले के दूरस्थ तहसील क्षेत्र अटाल के अर्थिक रूप से कमजोर गरीब 300 बच्चों को मुफ्त सहायता प्रदान कर रहे एनजीओ को डीएम ने करवाई आर्थिक मदद

अर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को मुफ्त शिक्षा प्रदान करने हेतु डीएम ने यूजीवीएनएल के सीएसआर फंड से दिलवाए 4.50 लाख

जिला प्रशासन का प्रयास आर्थिक स्थिति बच्चे की प्रतिभा के विकास में न बने बाधा

जिले में शिक्षा व्यवस्था सुदृढ़ बनाने हेतु जिला प्रशासन के समर्पित प्रयास; सीएसआर फंड से दिए 4.50 लाख

देहरादून । जिलाधिकारी सविन बसंल द्वारा जिले में शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ एवं सर्वसुलभ बनाने की दिशा में जिला प्रशासन द्वारा निरंतर प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। इसी क्रम में जिले की दूरस्थ तहसील त्यूणी अंतर्गत ग्राम एवं पोस्ट अटाल के आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को मुफ्त शिक्षा सहायता एनजीओ को बच्चों की शिक्षा के लिए धनराशि देकर जिला प्रशासन द्वारा महत्वपूर्ण पहल की गई है।

ग्राम अटाल क्षेत्र के निवासियों एवं मुक्त शिक्षा हेतु कार्य कर रहे हैं एनजीओ द्वारा जिलाधिकारी सविन बंसल के समक्ष यह अनुरोध किया गया था कि क्षेत्र के अनेक मेधावी बच्चे शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं, किंतु आर्थिक अभाव के कारण उनकी पढ़ाई बाधित हो रही है। इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने मुख्य विकास अधिकारी एवं मुख्य शिक्षा अधिकारी को आवश्यक प्रस्ताव तैयार कर सीएसआर (कॉर्पाेरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) मद से धनराशि उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे।

जिलाधिकारी के निर्देशों के क्रम में यूजीवीएनएल द्वारा सीएसआर फंड के अंतर्गत 4.50 लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत एवं आवंटित की गई है। इस धनराशि के माध्यम से ग्राम अटाल क्षेत्र के लगभग 300 आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को मुफ्त शिक्षा का लाभ मिल सकेगा। इस पहल से न केवल क्षेत्र में शिक्षा का स्तर सुदृढ़ होगा, बल्कि आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों को आगे बढ़ने का अवसर भी प्राप्त होगा। जिला प्रशासन द्वारा भविष्य में भी इस प्रकार के जनहितकारी प्रयास निरंतर जारी रखे जाएंगे

जिलाधिकारी ने कहा कि शिक्षा प्रत्येक बच्चे का अधिकार है और आर्थिक स्थिति किसी भी बच्चे की प्रतिभा के विकास में बाधा नहीं बननी चाहिए। जिला प्रशासन का निरंतर प्रयास है कि दूरस्थ एवं पिछड़े क्षेत्रों के बच्चों को भी समान शैक्षणिक अवसर उपलब्ध कराए जाएं।


By Shashi Sharma

Shashi Sharma Working in journalism since 1985 as the first woman journalist of Uttarakhand. From 1989 for 36 years, she provided her strong services for India's top news agency PTI. Working for a long period of thirty-six years for PTI, he got her pen ironed on many important occasions, in which, by staying in Tehri for two months, positive reporting on Tehri Dam, which was in crisis of controversies, paved the way for construction with the power of her pen. Delivered.

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