बिल्केशवर मंदिर में शिवमहापुराण कथा सुना रहे हैं कथा व्यास पंडित श्रीराम जी पांडेय
Katha Vyas Pandit Shri Ram Ji Pandey is narrating Shivmahapuran story in Bilkeswar temple.
23 दिसंबर को होगा कथा का समापन, भारी संख्या में लोगों ने कथा श्रवण का लाभ उठाया
टाट वाले बाबा की स्मृति में आयोजित श्री शिव महापुराण की कथा का आयोजन भगवान शिव के हरिद्वार स्थित सिद्धपीठ बिलकेश्वर महादेव के मंदिर प्रांगण में किया गया।
कथा व्यास पंडित श्रीराम जी पांडेय द्वारा भगवान शिव के महापुराण कथा का अमृत श्रद्धालुओं द्वारा 13 दिसंबर से निरंतर किया जा रहा है।
भगवान शिव के त्र्यंबकेश्वर महादेव की स्थापना का वर्णन करते हुए पंडित श्रीराम जी पांडेय ने कहा नंदी महाराज ने भगवान गणेश को सुनाते हुए कहा ऋषि गौतम भगवान शिव के बहुत बडे भक्त थे,एक बार सौ वर्षों तक बरसात नहीं हुई, लोग, पशु पक्षी सब मरने लगे तब त्राहिमाम करते हुए लोग ऋषि गौतम की शरण में पहुंचे और उनसे बरसात करवाने के लिए निवेदन किया।
तब ऋषि गौतम ने छः महीने तक वरुण देव की आराधना करते हुए उन्हें प्रसन्न किया, वरुण देव ने प्रकट होकर ऋषि गौतम से अपनी इच्छा बताने को कहा तब ऋषि गौतम ने वरुण देव से त्राहिमाम करती जनता को बचाने के लिए वर्षा करने की प्रार्थना की।
पंडित श्रीराम पांडेय कहते हैं कि वरुण देव ने कहा कि वर्षा का फिलहाल होना असम्भव है क्योंकि ईश्वर का यही आदेश है लेकिन मैं जल के रूप में कुंऐ में प्रविष्ट हो सकता हूं जो अक्षय रहेगा।
कालांतर द्वेष वश अन्य ब्राह्मणों ने ऋषि गौतम की पत्नी अहिल्या को पूजा के लिए कुंऐ से जल लेने पर अपमानित करते हुए छल पूर्वक ऋषि गौतम पर गाय की हत्या का आरोप लगाते हुए सुदूरवर्ती इलाके तक निष्कासित कर दिया और गौ हत्या के पाप से मुक्ति के लिए गंगा को ब्रह्मगिरी पर्वत पर प्रकट करने को कहा तब ऋषि गौतम ने एक शिवलिंग की स्थापना कर तप आरम्भ किया, उनके तप से प्रसन्न भगवान शिव ने उन्हें दर्शन देने के साथ ही गंगा को गोदावरी जिसे गौतमी भी पुकारा जाता है को वहां स्थापित किया और ऋषि गौतम की ईच्छा के अनुसार स्वयं वहां त्र्यंबकेश्वर महादेव के रूप में स्थापित हो गए।
23 दिसंबर को कथा के समापन के बाद 24 दिसंबर को भगवान शिव के भंडारे प्रसाद का आयोजन किया जाएगा।- देखें वीडियो और लाईक और यूट्यूब पर सब्स्क्राइब जरुर करें 🙏