religion,धर्म-कर्म और दर्शन – 49
religion and philosophy- 49
🏵️बौद्धों और हिंदुओं के लिए मंडल ब्रह्मांड का प्रतीक है🏵️
तिब्बती वज्रयान परंपरा में अनुष्ठान और ध्यान पर ध्यान केंद्रित करने के लिए एक मंडल बनाना एक अत्यधिक विस्तृत प्रक्रिया बन गई है। मंडल को कपड़े पर चित्रित किया जा सकता है, रेत के रंगीन कणों से बनाया जा सकता है, या मन की आंखों में देखा जा सकता है। संयुक्त राज्य अमेरिका में, हजारों लोग जिन्होंने अन्यथा इस प्रक्रिया को नहीं देखा होता, उन्हें संग्रहालय प्रतिष्ठानों या विश्वविद्यालय परिसरों में तिब्बती भिक्षुओं को मंडल बनाते हुए देखने का मौका मिला है।
कालचक्र देवता और कालचक्र के 822 पहलुओं को मंडल में दर्शाया गया है । वे केंद्र से निकलने वाले संकेंद्रित वृत्तों और वर्गों के पैटर्न में हर बिंदु पर स्थित होते हैं।
अपने संबंधित रंगों और अभिभावकों के साथ मुख्य दिशाएँ हैं। ऐसी परतें हैं जो मानव व्यक्तित्व का निर्माण करती हैं – वृत्त शरीर, वाणी, मन और, केंद्र में, शुद्ध आनंद, शुद्ध ज्ञान का प्रतिनिधित्व करते हैं।
ब्रह्मांड के तत्व निर्धारित हैं – पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु, अंतरिक्ष, और अंत में, चेतना। जीवन और मृत्यु, बुद्ध और बोधिसत्व की पूरी इंटरलॉकिंग दुनिया , समय के इस पहिये में मौजूद है।
कई बौद्धों और हिंदुओं के लिए मंडल ब्रह्मांड का प्रतीक है। अधिकांश मंडलों में रंगीन, विस्तृत ज्यामितीय पैटर्न या डिज़ाइन होते हैं।
मंडल एक प्रकार की धार्मिक और आध्यात्मिक कला है जिसका कई लोगों के लिए गहरा महत्व है। ब्रह्मांड या ब्रह्माण्ड के प्रतीक के रूप में, एक पारंपरिक मंडल एक वर्ग होता है जिसमें एक वृत्त होता है, और संपूर्ण डिज़ाइन सममित और संतुलित होता है। कुछ आध्यात्मिक परंपराएँ ध्यान के लिए या आध्यात्मिक स्थान को चिह्नित करने के लिए मंडलों का उपयोग करती हैं।
मंडला शब्द का संस्कृत में सीधा सा अर्थ है “वृत्त”, मंडला आर्ट हमारे मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी काफी फायदेमंद है. ये हमे तनाव मुक्त करता है जिससे हम तनाव, एंजायटी इत्यादि की चपेट में नहीं आते.
मंडला आर्ट कला का एक गोलाकार रूप है. इसे आर्ट और सर्किल भी कहा जाता है.ये एक संस्कृत से लिया गया शब्द है जिसका अर्थ है चक्र. यह एक डिजाइन या पैटर्न है जिसका इतिहास बौद्ध और हिंदू धर्म के आध्यात्मिकता से जुड़ा है. मंडला डिजाइन दरअसल ब्रह्माण्ड को दर्शाता है और ब्रह्माण्ड में मौजूद संतुलन को चिन्हित करता है. जिस तरह ब्रह्माण्ड अपने में सभी चीजों को समा लेता है, उसी तरह मंडला में लाइन्स केंद्र में समाती दिखती हैं. इसमें एक बिंदु होता है, जिससे कला की शुरुआत होती है और बिंदु के बाहर कई लेयर होती हैं और इसे रंगों से भरा जाता है. अंत में बिंदू से शुरु होकर एक विशाल चक्र या किसी दुसरे आकर का हिस्सा बन जाता है.
अगर आप बहुत अधिक तनाव में हैं और इसकी वजह से आपका हर काम प्रभावित हो रहा है तो आप मंडला आर्ट थेरेपी की मदद ले सकते हैं. आप रोज कुछ मिनट भी इस कला के लिए निकालें तो आप अंतर महसूस करेंगे. एंग्जायटी की समस्या भी इससे दूर की जा सकती है. वहीं आप हर वक्त नकारात्मक सोचते हैं तो आपको मंडला आर्ट थेरेपी की मदद लेनी चाहिए. इसका अभ्यास मन को शांत करने में मदद करता है. इसका नियमित अभ्यास करें तो यह इम्यूनिटी को बढ़ाने, ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने, नींद अच्छी करने में कारगर है जिससे कई तरह की बीमारियां होने की संभावना दूर हो जाती है
श्री मंडलार्चनम
रमेश खन्ना
वरिष्ठ पत्रकार
हरिद्वार