religion,धर्म-कर्म और दर्शन -90

religion and philosophy- 90

🏵️🌼नवनाथ शाबरमंत्र 🌼🏵️

ॐ नवनारायणाय विद्महे सर्वसिद्धि दायकाय
धीमहि तन्नो नवनाथ प्रचोदयात् !!

सबसे प्रसिद्ध और सबसे शक्तिशाली शाबर मंत्र है, जिसे मूल रूप से माता पार्वती ने भगवान शिव को प्रदान किया था, जो सभी ज्ञान और शक्ति के प्रतीक हैं। मंत्र के साथ, भगवान शिव ने अपने सर्वोच्च प्रवचन को भी विशेष रूप से बताया है और कहा है कि यह एक ऐसा शक्तिशाली मंत्र है जिसे कोई भी प्राप्त कर सकता है। यह मंत्र लोगों को सभी प्रकार की निराशाओं को प्राप्त करने में सक्षम बनाता है, सबसे कठिन कार्य को भी सरल बनाता है। बाद में, गुरु गोरखनाथ ने इस मंत्र को प्राप्त किया और उसे सार्वजनिक रूप से प्रकट किया, ताकि लोग जो चाहें सिद्ध कर सकें।

गोरक्ष-जालन्दर-चर्पटाश्च ।
अदबंग-कानिफ-मच्छिंद्राद्या:।
चौरंगी-रेवाणक- भर्तृ-संज्ञा।
भूम्यान् बभूवुर्नवनाथ-सिद्धा:।।

नवनाथ-कौन-कौन-से-हैं :
१-गोरक्षनाथ
२-जालन्धरनाथ
३-चर्पटनाथ
४-अदबंगीनाथ
५-कानिफनाथ
६-मच्छिन्द्रनाथ
७-चौरंगीनाथ
८-रेवणनाथ
९-गहिनीनाथ
नवनाथ सिद्ध गुरु माने जाते हैं।

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नवनाथ शाबर मंत्र :-
“ॐ गुरुजी, सत नमः आदेश। गुरुजी को आदेश। ॐकारे शिव-रूपी, मध्याह्ने हंस-रूपी, सन्ध्यायां साधु-रूपी। हंस, परमहंस दो अक्षर। गुरु तो गोरक्ष, काया तो गायत्री।

ॐ ब्रह्म, सोऽहं शक्ति, शून्य माता, प्रकट पिता, विहंगम जात, अभय पंथ, सूक्ष्म वेद, अनेक शाखा, अनन्त प्रवर, निरञ्जन गोत्र, त्रिकुटी क्षेत्र, जुगति जोग, जल स्वरूप रुद्र वर्ण।

सर्वदेव ध्यायते। हे श्री शम्भु-जति गुरु गोरखनाथ। ॐ सोऽहं तत्पुरुषाय विद्महे शिव गोरक्षाय धीमहि तन्नो गोरक्षः प्रचोदयात्।

ॐ इतना गोरख-गायत्री-जाप सम्पूर्ण भय। गंगा गोदावरी त्र्यम्बक-क्षेत्र कोलञ्चल अनुपान शिला पर सिद्धासन बैठो। नव-नाथ, चौरासी सिद्ध, अनन्त-कोटि-सिद्ध-मध्ये श्री शम्भु-जति गुरु गोरखनाथजी कथ पढ़, जप के वक्ता। सिद्धो गुरुवरो, आदेश-आदेश।

~ नवनाथ स्तुति ~

“आदिनाथ कैलाश-निवासी, उदयनाथ कटै जमफाँसी।
सत्यनाथ सारणी सन्त भाखै, सन्तोषनाथ सदा सन्तन की राखै।

कन्थडीनाथ सदा सुखदाई, अञ्चति अचम्भेनाथ सहाय।
ज्ञानपारखी सिद्ध चौरङ्गी, मत्स्येन्द्रनाथ दादा बहुरङ्गी।

गोरखनाथ सकल घटप्रकार, कटै कालीमल, तारै भवपीरा।
नवनाथों के नाम सुमिरिये, तनिक भस्मी ले मस्तक धरिये।

रोग-शोक-दारिद नशावै, निर्मल देह परम सुख पावै।
भूत-प्रेत-भय-भंजना, नव-नाथों का नाम।
सेवक सुमरे चन्द्र-नाथ, पूर्ण होनी सब काम।!”

विधिः – अनुकरण हेतु आवश्यक विवरण जोड़े गए हैं। प्रतिदिन रूप से नवनाथों की पूजा करके, उपरोक्त स्तुति को 21 बार पाठ करके और फिर मस्तक पर भस्म देवताओं से नवनाथों की कृपा प्राप्त होती है अंचल शर्मा

इस प्रयास से सभी प्रकार के भय, पीड़ा, रोग, दोष, भूत-प्रेत-बाधा दूर होते हैं तथा मनोकामनाएं, सुख, सम्पत्ति और अन्य अभीष्ट कार्य सिद्ध होते हैं। यह प्रक्रिया 21 दिन तक लगातार करनी चाहिए ताकि सिद्धि हो सके ।

नवनाथ शाबर
“ॐ नमो आदेश गुरु की।
ॐकारे आदिनाथ, उदयनाथ पार्वती।
सत्यनाथ ब्रह्मा।
सन्तोषनाथ विष्णुः, अचम्भेनाथ।
गजबेली गजकंठडी-नाथ, ज्ञानपारखी चौरङ्गीनाथ।
मायारूपी मच्छेन्द्रनाथ, जाति-गुरु है गोरखनाथ।
घट-घट पिंडे सात, नाथ सदा रहें सहाय।
नवनाथ चौरासी सिद्धों की दुहाई।
ॐ नमो आदेश गुरु की।

विधिः- पूर्णमासी से जप का आरंभ करें। जप से पहले, नौ जगह 9 चावल के ढेरी बनाएं और उन पर नौ सुपारियों को मौली से बांधें, उन्हें नवनाथों के प्रतीक रूप में रखें और उनकी षोडशोपचार पूजा करें

फिर, गुरु, गणेश और इष्ट का स्मरण करें और उन्हें आमंत्रित करें।

उसके बाद मंत्र-जप करें। नियमित समय और निश्चित संख्या में दैनिक जप करें।ब्रह्मचर्य का पालन करें, दूसरों के बनाए भोजन या अन्य खाद्य-वस्तुएं न लें। शुद्ध और पवित्र रहें। इस साधना के द्वारा नवनाथों की कृपा से, साधक धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष को प्राप्त करने की शक्ति प्राप्त होती है।

विशेषः- ‘शाबर-पद्धति’ के अनुसार, यदि हम इस मंत्र को ‘उज्जैन’ के ‘भर्तृहरि-गुफा’ में ९,००० या ९,००,००० की संख्या में जपते हैं, तो हमें परम-सिद्धि प्राप्त होती है और नौनाथ हमें स्वयं दर्शन करके अभीष्ट क्षमा देते हैं।

~ नवनाथ स्मरण ~
“आदिनाथ ओ स्वरूप, उदयनाथ उमा-महिरूप। जलरूपी ब्रह्मा सतनाथ, रविरूप विष्णु सन्तोषनाथ।
हस्तिरूप गणेश भाटीजै, ताकु कन्थडनाथ कहि जै।
मायारूपी मछिन्दरनाथ, चण्ड-रूप चौरङ्गीनाथ। शेषरूप अचम्भेनाथ, वायुरूपी गुरु गोरखनाथ।
घट-घट-व्यापक घट का राव, अमी महारस स्त्रवती खाव।

नवनाथ जी का मूलमंत्र :-

ॐ नमो नवनाथ-गण, चौरासी गोमेश।
आदिनाथ आदिपुरुष, शिव गोरख आदेश।
ॐ श्री नवनाथाय नमः।

विधिः- प्रतिदिन उक्त स्मरण का पाठ करने से पाप का क्षय होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। साधक सुख, सम्पत्ति और वैभव से परिपूर्ण हो जाता है। इसकी सिद्धि के लिए, 21 दिनों तक दैनिक 21 पाठ करना चाहिए ।

नवनाथ शाबर मंत्र के लाभ:-

नवनाथ शाबर मंत्र का जाप करने से भय और दुःख का निवारण होता है।
नवनाथ शाबर मंत्र का जाप करने से भूत, प्रेत, जादू, का समाधान होता है।
इस मंत्र के जाप से सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है।
नवनाथ जी के रूप का ध्यान करके इस मंत्र का जाप करना चाहिए।
इस मंत्र का जाप सुबह-शाम या किसी भी समय किया जा सकता है।

नवनाथ शाबरमंत्र की विधि :-

नवनाथ शाबर मंत्र का जाप पूर्णिमा के दिन करना चाहिए।
इस मंत्र का जाप रुद्राक्ष माला के द्वारा करना उचित होता है।
नवनाथ शाबर मंत्र का जाप १०८ बार करना चाहिए।
इस मंत्र का जाप किसी भी मंगलवार या दिन को भी किया जा सकता है।।।

*डॉ रमेश खन्ना*
*वरिष्ठ पत्रकार*
*हरीद्वार (उत्तराखंड)*

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