देखभाल एवं सरंक्षण वाले बच्चों के लिए केयरलीवर इनर सर्किल एवं हल्दीराम स्किल अकादमी द्वारा एक दिवसीय अभिमुखीकरण कार्यशाला का आयोजन विकास भवन ऑडिटोरियम हॉल में किया गया। इस अवसर पर निदेशक महिला कल्याण विभाग बीएल राणा ने बच्चों की पीढ़ा व भविष्य की आवश्यकताओं को समझने के लिए केयरलीवर तथा हल्द्वीराम कम्पनी का आभार व्यक्ति किया। उन्होंने कहा कि सेल्टर हॉम आदि से 18 साल के जो बच्चे जा रहे हैं, वह आने वाले 3 माह के समय में बहुत कुछ सीखेंगे। उन्होंने सभी का मार्गदर्शन करते हुए कहा कि स्वयं को खड़ा करने के लिए स्किल डेवलप करना होगा, जिस फील्ड में जाना है, उसमें महारत हासिल करनी होगी, यह एक शुरूआत है अन्त नहीं। उन्होंने सभी बच्चों से पूरी मेहनत, व ईमान्दारी से तरक्की के नए आयाम को छूते हुए अन्य बच्चों के लिए मोटिवेशन का एग्जाम्पल सेट करने के लिए प्रेरित किया।
अपर जिलाधिकारी फ़िंचाराम चौहान ने बच्चों का मार्गदर्शन तथा उत्साह वर्धन करते हुए कहा कि हम अपने बच्चों के लिए आये हैं, ये आपकी मंजिल नहीं है, यहां कोई अनाथ नहीं बल्कि जगन्नाथ है। उन्होंने कहा कि जीवन में आगे बढ़ने के कई विकल्प हैं, जिस विकल्प एवं रास्ते को चुनों उसमें दक्षता हासिल करों। उन्होंने कहा क लक्ष्य की प्राप्ति के लिए बुद्धि एकाग्रचित होनी चाहिए, दिमाग इधर-उधर भटकना नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि माइंड को समय समय पर रिफरेस करते रहें अर्थात कभी भी तनाव में न रहें। उन्होंने कहा कि दिमाग को सकारात्मक दिशा में तथा कोई भी काम छोटा बड़ा नहीं हो होता, लेकिन पूरी ईमानदारी से होना चाहिए।
केयरलीवर के मेंटर अजय जुगरान ने कहा कि आश्रम छोड़कर नई शुरुआत कर रहे हैं, अपनी नई यात्रा प्रारंभ कर रहे हैं, आप तैयारी करते रहें, अवसर अवश्य मिलेगा, आपके हाथ में परिश्रम है।उन्होंने कहा कि अवसर पर पुरुषार्थ करना है तथा परिश्रम और अवसर रथ के दो पहिए हैं। परिश्रम और भाग्य मिलकर ही सौभाग्य का निर्माण करते है। उन्होंने कहा कि कृतज्ञता हृदय से होनी चाहिए, कृतज्ञता से आशीर्वाद का स्थान बनेगा, सफलता की नई नई सीढ़ियां मिलेंगी। उन्होंने कहा कि कर्म करते रहिए, कर्मों का फल अवश्य मिलता है।
गौरतलब है कि महिला कल्याण विभागान्तर्गत 18 वर्ष की आयु तक के अनाथ, निराश्रित व परित्यक्त विधि विवादित बच्चों हेतु बाल देखरेख संस्थाएं संचालित है। संस्था में 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने के वाले किशोर-किशोरियों को संस्था से मुक्त करने के साथ उनके पुर्नवास हेतु कार्यवाही की जाती है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन समाज की मुख्य धारा से जुड़ सके।

इस क्रम में बंशी लाल राणा, निदेशक महिला कल्याण द्वारा बताया गया कि विभाग द्वारा बाल देखरेख संस्था से मुक्त 18 किशोर-किशोरियों को हल्दीराम स्किल अकादमी, नोएडा से तीन महीने का Haldiram Multicuisine Course (Residential Program especially for Care Leavers) आयोजित किया जा रहा है। जिसमें 12 ऐसे किशोर है, जो विधि विवादित श्रेणी के संस्थाओं से मुक्त हुये है एवं 06 ऐसी बालिकाएं है, जो अनाथ, निराश्रित एवं परित्यक्त की श्रेणी से है। देहरादून से 02, ऊधमसिंह नगर से 03 एवं हरिद्वार से 13 किशोर-किशोरियां Haldiram Multicuisine Course के उपरान्त हल्दीराम स्किल अकादमी, नोएडा द्वारा दिल्ली, नोएडा एवं अन्य आउलेट सेन्टर में पुर्नवासित किये जायेगें।

निदेशक महिला कल्याण द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि इस कार्यक्रम के माध्यम से विभाग का विशेष ध्यान विधि विवादित श्रेणी के किशोर-किशोरियों को पुर्नवासित करना है, ताकि इनको सकरात्मक परिवेश प्रदान कर नयी दिशा प्रदान कर समाज की मुख्य धारा से जोड़ा जा सके।

हल्दीराम स्किल अकादमी नोएडा से तीन महीने के कोर्स के दौरान किशोर-किशोरियों के आवासीय सुविधा, भोजन, साफ-सफाई सामग्री, ट्रांसपोटेशन, ड्रेस एवं किट, जिसमें मोबाइल भी सम्मिलित है, सुविधाएं प्रदान की जायेगी। 03 माह के प्रशिक्षण के उपरान्त किशोर-किशोरियों को विभिन्न हल्दीराम के आउटलेट में नौकरी दी जायेगी। नौकरी के प्रथम माह में किशोर-किशोरियों को आर्थिक सहयोग प्रदान किया जायेगा। हल्दीराम में किशोर-किशोरियों को प्रारम्भिक सेलरी 18902 रूपये प्रदान किये जायेगा। 18 किशोर-किशोरियों को हल्दीराम स्किल अकादमी, नोएडा में प्रशिक्षण कराने हेतु Careleavers Inner Circle (CLIC) Forum द्वारा सहयोग किया जा रहा है।

दिनांक 25 अगस्त, 2025 को उक्त प्रशिक्षण हेतु चयनित किशोर-किशोरियां नोएडा के लिये प्रस्थान करेगें।

कार्यशाला में अपर जिलाधिकारी प्रशासन पी आर चौहान, निदेशक महिला कल्याण बी एल राणा, सीपीओ अंजना गुप्ता, डिप्टी सीपीओ राजीव नयन, डीपीओ देहरादून मीना बिष्ट, डीपीओ हरिद्वार अविनाश, डीपीओ उधमसिंह नगर व्योम जैन, सीएलआईसी गिरीश,अनीषा, अजय जुगरान सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।

By Shashi Sharma

Shashi Sharma Working in journalism since 1985 as the first woman journalist of Uttarakhand. From 1989 for 36 years, she provided her strong services for India's top news agency PTI. Working for a long period of thirty-six years for PTI, he got her pen ironed on many important occasions, in which, by staying in Tehri for two months, positive reporting on Tehri Dam, which was in crisis of controversies, paved the way for construction with the power of her pen. Delivered.

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