अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने की अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी एवं निरंजन पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी से भेंट की।
सभी धर्म संस्कृतियों के बीच आपसी सद्भाव भारत की ताकत है-स्वामी कैलाशानंद गिरी
सभी सिख धर्मगुरूओं का सम्मान करती है अखाड़ा परिषद-श्रीमहंत रविंद्रपुरी
हरिद्वार, 27 दिसम्बर। अकाल तख्त के जत्थेदार सिंह साहेब ज्ञानी हरप्रीत सिंह, उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष सुखदेव सिंह नामधारी, पवन सिंधी सचिव गुजरात सिंधी पंचायत, श्री आनंदपुर साहिब के ज्ञानी हरदीप सिंह प्रसिद्ध साहित्यकार व कथावाचक ने श्री दक्षिण काली मंदिर पहुंचकर निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज और अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी से भेंट की और स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज को जन्मदिवस की शुभकामनाएं दी।
उन्होंने स्वामी कैलाशानंद गिरी व श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज को पगड़ी पहनाकर स्वागत किया,स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने सभी को मां की चुनरी और नारियल भेंटकर स्वागत किया।
इस दौरान स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि भारत विभिन्न धर्म संस्कृतियों का अद्भूत संगम है। सभी धर्म संस्कृतियों के बीच आपसी सद्भाव भारत की ताकत है। सनातन धर्म संस्कृति की रक्षा और संरक्षण में सिख धर्म गुरूओं का बलिदान सदैव स्मरणीय रहेगा।
उन्होंने कहा कि 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के साथ एक नए युग की शुरूआत होगी और भारत जल्द ही विश्व गुरू की पदवी पर आसीन होगा।
अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि अखाड़ा परिषद सभी को जोड़ने का काम करता है। अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह सिख समाज के हितों के लिए लगातार कार्य कर रहे हैं। सिख धर्म गुरू हमारे लिए पूज्यनीय हैं। उन्होंने कहा कि देश के विकास में सिख समाज का महत्वपूर्ण योगदान कर रहा है।
अकाल तख्त के जत्थेदार सिंह साहेब ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज को जन्मोत्सव की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज से उनका विशेष स्नेह है। जब भी हरिद्वार आते हैं तो उनके दर्शन अवश्य करते हैं। एक जनवरी को उनका जन्म दिन है। उन्हें जन्म दिन की शुभकामनाएं दी। स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज विद्वान और तपस्वी संत हैं। उनके साथ धर्म और अध्यात्म पर चर्चा कर अच्छा लगा।
उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष सुखदेव सिंह नामधारी ने कहा कि धर्म और अध्यात्म के क्षेत्र में अनुकरणीय योगदान कर रहे स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज तपस्वी संत हैं। उनका सानिध्य प्राप्त होना सौभाग्य की बात है।
स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज के शिष्य स्वामी अवंतिकानंद ब्रह्मचारी ने बताया कि एक जनवरी को श्री दक्षिण काली मंदिर में शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम महाराज की अध्यक्षता में आयोजित किए जा रहे पूज्य गुरूदेव के जन्मोत्सव समारोह में सभी तेरह अखाड़ों के संत महापुरूष, उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह, विधानसभा अध्यक्ष रीतु खंडूरी सहित अनेक राजनेता, अभिनेता, गणमान्य लोग और श्रद्धालु जन उपस्थित होंगे। इस दौरान भजन संध्या, मां दक्षिण काली का विशेष पूजन, अभिषेक, संत समागम आदि कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।