देहरादून: माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी की महत्वाकांक्षी ‘मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम योजना’ के तहत अब प्रत्येक जनपद में एक गांव को आदर्श ग्राम के रूप में विकसित किया जाएगा। यह घोषणा उत्तराखंड के माननीय मुख्यमंत्री जी ने की है, जिसका उद्देश्य ग्राम पंचायत सारकोट, विकास खंड गैरसैंण, जनपद चमोली की सफलता को राज्य के अन्य हिस्सों में दोहराना है। इसी क्रम में, मुख्यमंत्री के निर्देश पर विभिन्न जिलों के मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) और अन्य वरिष्ठ अधिकारी आदर्श ग्राम सारकोट का दौरा कर रहे हैं, ताकि वे इस मॉडल को समझकर अपने-अपने जिलों में लागू कर सकें।

हाल ही में, इसी उद्देश्य से जनपद हरिद्वार के परियोजना निदेशक, ग्राम्य विकास, श्री कैलाश नाथ तिवारी, और मुख्य उद्यान अधिकारी, श्री तेजपाल सिंह, ने ग्राम सारकोट का विस्तृत भ्रमण किया। इस दौरान उन्होंने गांव की नवनिर्वाचित प्रधान सुश्री प्रियंका नेगी और समस्त ग्रामवासियों के साथ एक बैठक की। बैठक में अधिकारियों ने आदर्श ग्राम योजना के कार्यान्वयन, लोगों के जनसहयोग और इस मॉडल की सफलता के पीछे के कारणों पर गहन चर्चा की।

खंड विकास अधिकारी, गैरसैंण, श्री पवन कंडारी ने गांव की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि सारकोट में विभिन्न विभागीय योजनाओं को ‘कन्वर्जेंस मॉडल’ (अभिसरण मॉडल) के तहत क्रियान्वित किया जा रहा है। इसका मतलब है कि अलग-अलग सरकारी विभागों की योजनाओं को एक साथ मिलाकर काम किया जा रहा है, ताकि संसाधनों का अधिकतम उपयोग हो सके। उन्होंने यह भी बताया कि गांव के सभी घरों को एक ही रंग में रंगा गया है, जिसके लिए ‘अनटाइड फंड’ (अंबद्ध निधि) से ग्रामीण कार्य विभाग (आरडब्ल्यूडी) को बजट उपलब्ध कराया गया था।

मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम के रूप में सारकोट के चयन का एक मुख्य कारण यहां से होने वाला कम पलायन है। इसके अतिरिक्त, इस गांव में प्राचीन संस्कृति और वास्तुकला आज भी जीवंत है, जैसे कि पत्थर के बने मकान (‘पाटल’)। गांव में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए मुख्यमंत्री के सहयोग से कई कार्य चल रहे हैं। आर्थिक रूप से, सारकोट कृषि उत्पादन, विशेषकर मोटे अनाज की पैदावार, के लिए जाना जाता है। इसके साथ-साथ, पशुपालन भी यहां के निवासियों के लिए आय का एक प्रमुख साधन है। गांव में शिक्षा की गुणवत्ता और सामाजिक विकास के लिए भी लगातार कार्य किए जा रहे हैं।

बैठक में ग्राम प्रधान सुश्री प्रियंका नेगी, खंड विकास अधिकारी श्री पवन कंडारी, और सभी ग्रामवासी उपस्थित थे। अधिकारियों ने सारकोट के मॉडल की सराहना की और इसे अन्य जिलों में लागू करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। यह पहल ग्रामीण विकास और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

By Shashi Sharma

Shashi Sharma Working in journalism since 1985 as the first woman journalist of Uttarakhand. From 1989 for 36 years, she provided her strong services for India's top news agency PTI. Working for a long period of thirty-six years for PTI, he got her pen ironed on many important occasions, in which, by staying in Tehri for two months, positive reporting on Tehri Dam, which was in crisis of controversies, paved the way for construction with the power of her pen. Delivered.

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