attack on Sanatan,सनातन धर्म पर राजनीति के लिए हो रहे कुठाराघात और राजनीतिक लाभ के कुचक्र के विरुद्ध देश के सभी संत एक जुटattack on Sanatan,सनातन धर्म पर राजनीति के लिए हो रहे कुठाराघात और राजनीतिक लाभ के कुचक्र के विरुद्ध देश के सभी संत एक जुट

attack on Sanatan,सनातन धर्म पर राजनीति के लिए हो रहे कुठाराघात और राजनीतिक लाभ के कुचक्र के विरुद्ध देश के सभी संत एक जुट

attack on Sanatan,All the saints of the country are united against the vicious attack on Sanatan Dharma for political purposes and the vicious circle of political gain.

अखाडों  और धर्म संस्थाओं का लगेगा जमावड़ा,वाराणसी में सनातन धर्म के विरुद्ध हर षड्यन्त्र पर होगी चर्चा

2 नवंबर से 5 नवंबर तक तीन दिवसीय संस्कृति संसद का आयोजन,प्रस्तावों के बाद होंगे सख्त निर्णय  

सनातन धर्म पर आघात सहन नहीं किया जाएगा-श्रीमहंत रविंद्रपुरी

संत श्रीराम मंदिर के उद्घाटन का निमंत्रण गांव गांव जाकर लोगों को देंगे।

attack on Sanatan, गंगा महासभा द्वारा वाराणसी में तीन दिवसीय संस्कृति संसद का आयोजन 2 नवंबर से 5 नवंबर तक किया जा रहा है,अखिल भारतीय संत समिति,अखाड़ा परिषद एवं श्री काशी विद्वत परिषद के मार्गदर्शन में होने वाली संस्कृति संसद में देश भर के संत व हिंदू धर्माचार्य सनातन धर्म से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विचार करेंगे।

attack on Sanatan इस बात के जानकारी आयोजक मंडल द्वारा एक विज्ञप्ति जारी कर दी गई,विज्ञप्ति के अनुसार एक पत्रकार वार्ता के दौरान जानकारी देते हुए अखाड़ा परिषद अध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव महंत रविंद्रपुरी महाराज ने बताया कि अखिल भारतीय संत समिति,अखाड़ा परिषद एवं श्री काशी विद्वत परिषद के मार्गदर्शन में गंगा महासभा द्वारा आयोजित की जा रही संस्कृति संसद में सभी तेरह अखाड़े, अखिल भारतीय संत समिति व सनातन धर्म के सभी 127 संप्रदायों के धर्माचार्य भाग लेंगे।,attack on Sanatan

श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने बताया कि संस्कृति संसद में देश के सभी संत महापुरूष राजनीतिक लाभ के लिए सनातन धर्म पर किए जा रहे कुठाराघात सहित धर्म व संस्कृति से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विचार विमर्श कर प्रस्ताव पारित करेंगे। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म का किसी अन्य धर्म संप्रदाय से कोई विरोध नहीं है। लेकिन सनातन पर आघात को सहन नहीं किया जाएगा। कुछ राजनेता राजनीतिक लाभ के लिए सनातन धर्म को मिटाने की बात कर रहे हैं। लेकिन सनातन धर्म आदि अनादि काल से अक्षुण्ण है और आगे भी रहेगा। संत समाज पूरी ताकत से सनातन धर्म की रक्षा करेगा।

गंगा महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जीतेन्द्रानन्द सरस्वती ने बताया कि 2 से 5 नवंबर तक वाराणसी के रूद्राक्ष अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एवं सम्मेलन केंद्र में आयोजित की जा रही संस्कृति संसद में 2 नवंबर को सभी संत महापुरूष व धर्माचार्य अयोध्या में राम मंदिर की स्थापना के लिए बलिदान देने वाले कारसवेकों की सद्गति के लिए महारूद्राभिषेक करेंगे।,attack on Sanatan

इसके बाद 3 नवंबर से 5 नवंबर तक संसद के विभिन्न सत्रों में हिन्दू होलोकास्ट, सनातन संस्कृति के विरूद्ध बाह्य एवं आंतरिक षड़यंत्र, सनातन हिंदू धर्म की मंदिर केंद्रित व्यवस्था में शिक्षा, स्वास्थ्य, सम्पर्क, संस्कार को आधार बनाने, श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण, हिन्दू स्वाभिमान का पुनर्जागरण, युगानुकुल आचार संहिता, आयुर्वेद, योग, ज्योतिष, हिन्दू विरोधी कानूनों द्वारा धर्मनिरपेक्षता के नाम पर हिंदुओं का दमन व मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त रखने, युवाओं में जीवन मूल्य एवं सामाजिक सदाचार जैसी प्रवृत्तियों को विकसित करने जैसे मुद्दों पर विचार किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि संस्कृति संसद की समाप्ति के बाद संत गांव गांव जाकर लोगों को अयोध्या में श्रीराम मंदिर के उद्घाटन का निमंत्रण पत्र देंगे, इस अवसर पर  विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय मंत्री तथा राष्ट्रीय प्रवक्ता अशोक तिवारी भी मौजूद  थे उन्होंने  पत्रकारों को संबोधित करते हुए   कहा कि सनातन संस्कृति पर कुठाराघात करने वालों के खिलाफ समाज को एकुजुट करना ही संस्कृति संसद का प्रमुख उद्देश्य है,सनातन संस्कृति के विरूद्ध बाह्य एवं आंतरिक षड़यंत्र, सनातन हिंदू धर्म की मंदिर केंद्रित व्यवस्था में शिक्षा, स्वास्थ्य, सम्पर्क, संस्कार को आधार बनाने, श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण, हिन्दू स्वाभिमान का पुनर्जागरण, युगानुकुल आचार संहिता, आयुर्वेद, योग, ज्योतिष, हिन्दू विरोधी कानूनों द्वारा धर्मनिरपेक्षता के नाम पर हिंदुओं का दमन व मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त रखने, युवाओं में जीवन मूल्य एवं सामाजिक सदाचार जैसी प्रवृत्तियों को विकसित करने जैसे मुद्दों पर विचार किया जाएगा।,attack on Sanatan

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