children langur,बच्चों को दस दिन तक लंगूर बनाते है लोग |
children langur,Here people make their children langur for ten days.
रामायण काल का है अमृतसर का बड़ा हनुमान मंदिर|
संतान प्राप्ति के लिए विख्यात है मंदिर,आश्विन महीने में लगता है भारी मेला
children langurअमृतसर को विशेष रूप से गोल्डन टेंपल के लिए जाना जाता है,लेकिन लोग।यहां के बड़े हनुमान मंदिर के बारे में,बहुत कम जानते हैं, प्रतिवर्ष शारदीय नवरात्र के पहले नवरात्र से दशहरे तक लाँगूर मेला लगता है जिसमें देश विदेश से लाखों लोग शामिल होते है |
children langur,अमृतसर के दुर्गीयना मंदिर के पास ही स्थित ये पोरणिक बड़ा हनुमान मंदिर रामायण उत्तरकाण्ड से जुड़ा है ,संतान के अभिलाषी लाखों लोग यहाँ संतान प्राप्ति की मन्नत मांगने आते हैं और संतान प्राप्ति की मन्नत पूरी होती है तो लोग अपनी मनोकामना पूर्ति के रूप में मिली संतान को लाँगूर रूप में सजा कर मंदिर में साथ लेकर 10 दिन तक पूरे नियम संयम के साथ वहीं रहते है, श्रद्धा में लोग खुद भी लाँगूर का रूप धरते हैं |
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कहा जाता है कि जब सीता के वन गमन के बाद भगवान राम ने अश्वमेघ यज्ञ का आयोजन किया और लक्ष्मण की निगरानी में अश्वमेध यज्ञ का घोड़ा छोड़ गया, घोडा दिगदिशाओं मैं विजय की पताका फहराते हुए जब घोडा ऋषि बाल्मीकि के आश्रम के निकट पहुंचा तो भगवान राम के पुत्रों लव और कुश ने घोड़े को रोक लिया
भयंकर युद्ध हुआ तब भगवान हनुमान लव कुश से युद्ध करने पहुंचे और उन्होंने दोनों बालकों की वास्तविकता जान कर युद्ध नहीं किया|
तब दोनों बालकों ने हनुमान जी को जो घोड़े की रक्षा के लिए आए थे , उनको बंदी बना लिया था और एक वट के पेड़ से बांध दिया।
कहा जाता है कि यह वटवृक्ष आज भी मंदिर में स्थित है,जब भगवान राम ने हनुमान जी को अपने बेटों लव और कुश के बंधन से मुक्त कराया तो उन्हें आशीर्वाद देते हुए कहा कि जहां पर उनकी संतान का उनसे मिलन हुआ है,वहां जो भी व्यक्ति संतान प्राप्ति की कामना से आएगा वह अवश्य पूरी होगी।
children langur,आज भी यहां हजारों लोग प्रतिवर्ष आश्विन मास की प्रतिपदा तिथि को यानी शारदीय नवरात्र की शुरुआत से यहां संतान की मनोकामना लेकर आते हैं और संतान प्राप्ति पर जो संतान प्राप्त हुई है उसे लंगूर के वेश में सजा कर 10 दिन तक इस मंदिर के आंगन में रहते हैं।यह मेला पूरे 10 दिन चलता है लंगूर की वेशभूषा में दो वक्त यह भक्त हनुमान जी के सामने माथा टेकते हैं और बड़े विशाल जुलूस के रूप में पूरी सज धज के साथ लंगूर वश में निकल जाते हैं अद्भुत होता है यह मेला।हजारों लोगों द्वारा ढोल ताशे सजावट और जबरदस्त उत्साह के साथ यह मेल मनाया जाता है।
इस मैले की रौनक देखने वाली होती है |,children langur