DG information Uttrakhand, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पत्रकार हितों के लिए हमेशा प्रयासरत रहते हैं- बंसीधर तिवारी
DG information Uttrakhand, Chief Minister Pushkar Singh Dhami always strives for journalistic interests: Bansidhar Tiwari
स्वास्थ्य एवं सूचना विभाग का संयुक्त अभियान,देहरादून में पत्रकारों और परिजनों के लिए नि:शुल्क स्वास्थ्य कैंप आयोजित
DG information Uttrakhand, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर स्वास्थ्य और सूचना विभाग ने मिलकर देहरादून में पत्रकारों और उनके परिजनों के लिए नि:शुल्क स्वास्थ्य कैंप आयोजित किया। इस दौरान 350 से अधिक पत्रकारों और उनके परिवारों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पत्रकार दिन-रात निःस्वार्थ काम करते हैं और अक्सर अपने स्वास्थ्य का ध्यान नहीं रख पाते। यह विशेष कैंप इसी ज़रूरत को पूरा करने के लिए लगाया गया। उन्होंने कहा कि भविष्य में ऐसे कैंप नियमित रूप से आयोजित किए जाएंगे ताकि पत्रकारों को निरंतर स्वास्थ्य लाभ मिल सके।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार और महानिदेशक सूचना, DG information Uttrakhand, बंशीधर तिवारी ने रिंग रोड स्थित सूचना निदेशालय परिसर में इस विशेष स्वास्थ्य कैंप का शुभारंभ किया। कैंप में राजकीय दून मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ चिकित्सकों द्वारा जांच, परामर्श और पैथोलॉजी सहित अन्य जांचें की गईं।
डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा कि पत्रकारों की व्यस्तता को देखते हुए यह कैंप आयोजित किया गया है। जहां एक ही छत के नीचे राज्य के विशेषज्ञ डॉक्टरों ने जांच के बाद सभी को परामर्श दिया। उन्होंने बताया कि कैंप में कई लोगों की आभा आईडी भी बनाई गई।
DG information Uttrakhand, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पत्रकार हितों के लिए हमेशा प्रयासरत रहते हैं। उन्होंने बताया कि यह कैंप इन्हीं प्रयासों का एक हिस्सा है। महानिदेशक सूचना ने कहा कि भविष्य में भी ऐसे कैंप आयोजित किए जाएंगे।
निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. आशुतोष सयाना ने बताया कि कैंप में फिजिशियन डॉ. विवेकानंद सत्यावली, डॉ. अंकुर पांडे, डॉ. एनएस बिष्ट, बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अशोक कुमार, ईएनटी डॉ. पीयूष त्रिपाठी और राजकीय दून मेडिकल कॉलेज के अन्य वरिष्ठ चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ उपस्थित रहे।
डॉ. आशुतोष सयाना ने बताया कैंप में आभा आईडी के साथ-साथ ‘वय वंदन’ कार्ड भी बनाए गए। उन्होंने कहा कि कई पत्रकारों को पहली बार शुगर, बीपी और दृष्टि दोष जैसी समस्याओं का पता चला, जिसके लिए उन्हें तत्काल परामर्श और दवाएं दी गईं।