Dudheshvar nath, दो दिवसीय संत सनातन श्रद्धांजलि सभा में पहुंचे देश भर से संत व भक्त- महंत नारायण गिरी।
Dudheshvar nath, Saints and devotees from across the country reached the two-day Sant Sanatan tribute meeting – Mahant Narayan Giri.दूधेशवर नाथ
संतों ने श्रीमहंत गौरी गिरि महाराज दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर के ब्रहमलीन महंतों व सिद्ध संतों को श्रद्धांजलि अर्पित की
Dudheshvar nath, गाजियाबाद, श्रीमहंत गौरी गिरि दूधेश्वर नाथ महादेव मठ मंदिर समिति द्वारा मंदिर के पीठाधीश्वर श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज के पावन सानिध्य व मागर्दशन में आयोजित दो दिवसीय संत सनातन कुंभ के दूसरे दिन सोमवार को श्रद्धांजलि सभा हुई जिसमें देश भर से संत पहुंचे ।
सभी संतों ने मंदिर के ब्रहमलीन सिद्ध संतों व ब्रहमलीन महंतों को श्रद्धांजलि अर्पित की, श्रद्धांजलि सभा के बाद भंडारे में हजारों संतों व भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया। श्रद्धांजलि सभा की अध्यक्षता महामंडलेश्वर स्वामी विवेकानंद महाराज भगवत धाम आश्रम हरिद्वार ने की।
सभा के मुख्य अतिथि जगदगुरू शंकराचार्य श्री ब्रहममधवा गौरेश्वराचार्य ब्रज रसिक श्री श्री त्रिदंडी संयासी भक्ति वेदांत महायोगी महाराज, ने कहा कि सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर प्राचीन समय से ही सनातन धर्म व भारतीयता का परचम देश-विदेश में फहरा रहा है।
यहां श्रीमहंत गौरी गिरि महाराज समेत अनेक सिद्ध संतों व महंतों ने भगवान की आराधना व तप कर गाजियाबाद का गौरव पूरे विश्व में बढाया।
मंदिर के वर्तमान पीठाधीश्वर श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज तो धर्म, आध्यात्म व भारतीय संस्कृति के साथ नर सेवा नारायण सेवा की मिसान कायम कर रहे हैं।
आचार्य महामंडलेश्वर आनंद पीठाधीश्वर स्वामी बालकानंद महाराज ने कहा कि श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर ऐसा सिद्धपीठ है, जहां भगवान के दर्शनव अभिषेक से ही सभी कष्टों का अंत हो जाता है।
महामंडलेश्वर स्वामी विवेकानंद महाराज भगवत धाम आश्रम हरिद्वार ने कहा कि गाजियाबाद के निवासी बहुत ही भाग्यशाली है कि उन्हें भगवान दूधेश्वर की धरा पर जन्म लेने व रहने का सौभाग्य मिला है।
मंदिर के पीठाधीश्वर श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने बताया कि मंदिर में 28 समाधियां हैं। इनमें 15 महंतों व 13 सिद्ध संतों की समाधिया हैं। 1986 में वे मंदिर के महंत बने, तभी से हर वर्ष ब्रहमलीन महंत श्री गौरी गिरि महाराज व अन्य महंतों व सिद्ध संतों की स्मृति संत सनातन कुंभ का आयोजन करा रहे हैं।
संत सनातन कुंभ का उददेश्य गाजियाबाद ही नहीं पूरे दिल्ली-एनसीआर में धर्म व आध्यात्म की अलख जगाना है।
महामंडलेश्वर नवल किशोर दास महाराज ने कहा कि श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर की महत्ता का अदांजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लंकापति रावण तक ने यहां आकर भगवान की पूजा-अर्चना की।
छत्रपति शिवाजी महाराज भी भगवान दूधेश्वर के सेवक थे। जून अखाडे के सचिव दिल्ली संत महामंडल के संगठन मंत्री श्रीमहंत कंचन गिरि महाराज ने कहा कि श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज के मार्गदर्शन व छत्रछाया में आज दूधेश्वर नाथ मंदिर विश्व के प्रमुख धार्मिक स्थल के रूप में अपनी पहचान बना चुका है।
सोमवार को सबसे पहले भगवान दूधेश्वर की पूजा-अर्चना व अभिषेक किया गया। सभी समाधियों, मंदिर में विराजमान सभी देवी-देवताओं, नवग्रहों व गौमाता की पूजा-अर्चना की गई। रविवार को विश्व प्रसिद्ध भजन गायक ब्रहमपाल सिंह नागर की भजन संध्या हुई।
क्षेत्र के विधायक संजीव शर्मा ने सभी संतों का स्वागत-अभिनंदन किया। जूना अखाडे के महामंत्री श्रीमहंत महेश पुरी महाराज, श्रीमहंत शैलेंद्र गिरि महाराज, मंत्री मृत्युंजय पुरी महाराज, मंत्री महाकाल गिरि महाराज, महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि महाराज, महामंडलेश्वर परमेश्वदास महाराज, महामंडलेश्वर हरिओम गिरि महाराज, महामंडलेश्वर जलेश्वरानंद गिरि महाराज, महामंडलेश्वर शिव चंद्रानंद गिरि महाराज, महामंडलेश्वर शैलेशानंद महाराज, महामंडलेश्वर विद्या चैतन्य महाराज, नैमिषारण्य, दिल्ली संत महामंडल की पूर्व अध्यक्ष महामंडलेश्वर साध्वी विद्या गिरि महाराज, दिल्ली संत महामंडलेश्वर के कोषाध्यक्ष धीरेंद्र पुरी महाराज, महंत गोलपुरी महाराज, शैलेंद्र गिरि मध्य प्रदेश, महंत आदित्य गिरि महाराज, साध्वी महंत थानापति महंत मुन्ना गिरि महाराज, थानापति महंत धर्मेंद्र गिरि महाराज, श्रीमंहत रमापुरी महाराज, श्रीमहंत दीनबंधु दास महाराज, श्रीमहंत किशन गिरि महाराज, श्रीमहंत कन्हैया गिरि महाराज, महंत गिरिशानंद गिरि महाराज, स्वामी रमेशानंद गिरि महाराज, जगदीश गिरि महाराज, चंदन पुरी महाराज, मुन्ना गिरि महाराज हरियाणा, साध्वी प्रेम गिरि महाराज, साध्वी महंत कैलाश गिरि महाराज, महंत विष्णु प्रिया गिरि महाराज वृंदावन, उदासीन आश्रम के महंत प्रबल मुनि महाराज, महंत नारायण गिरि महाराज गुप्ता कालोनी दिल्ली, महंत ललित गिरि गौस्वामी फरीदाबाद, महंत कमल गिरि महाराज, पवन पुत्र अजय चौपडा, विजय मित्तल समेत बनारस, वृंदावन, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड समेत देश भर से संत व भक्त संत सनातन कुंभ में शामिल हुए।
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