Eye donation, नेत्रदान महादान का पाठ पढाने वाले
रामशरण चावला ने दुनिया को अलविदा कहा।
Eye donation, Ramsharan Chawla, who taught the lesson of eye donation being a great donation, said goodbye to the world.
Eye donation, नेत्रदान के क्षेत्र में लोगों को प्रेरित कर, लगभग पांच सौ लोगों को दुनिया देखने का मौका देने वाले रामशरण चावला ने आज अपने जीवन की अंतिम सांस ली।
अपनी मृत्यु से दो दिन पहले भी एट जोड़ी नेत्रदान प्राप्त करने वाले रामशरण चावला ये नहीं जानते थे कि इससे आगे और आंकड़े रिकॉर्ड के तौर पर अपने कैरियर में जोड़ना इस संसार के रचनाकार को स्वीकार नहीं है।67 वर्ष की आयु में रामशरण चावला ने अपने जीवन सफर को विराम दिया।
Eye donation, नेत्रदान अभियान ही नहीं, रामशरण चावला ने पत्रकारिता भी की, कुछ पत्रकार संगठनों से भी सम्बद्ध रहे,1998 के पूर्ण कुम्भ मेले में अमर सिंह पाठक द्वारा संचालित हरिद्वार के सबसे पहले लोकल न्यूज चैनल परफेक्ट चैनल में रिपोर्ट के तौर पर काम किया।
रामशरण बहुत अच्छे चुटकुले बाज भी थे
उन्होंने अपनी पैंठ बालीवुड में भी बनाई,कई हीरो हिरोईनों के सम्पर्क में आने के बाद नेत्र दान की ओर मुड गये, एक और अनोखा शौक था सीरीज के नोट इकट्ठा करना ।
उन्होंने 230 जोडी नेत्रदान करवा कर 460 लोगों के जीवन को उजियारा किया, अंत समय परिवार ने राम शरण चावला के नेत्र भी दान किये। नेत्रदान के पुनीत कार्य के लिए उन्हें राष्ट्रपति अब्दुल कलाम द्वारा सम्मानित भी किया गया था,Eye donation,
रामशरण चावला के निधन पर अत्यंत दुख वह बहुत ही अच्छा कार्य करके गए हैं दुनिया के लिए भगवान बहुत ही कम लोग ऐसे बनता है जो लोगों के काम आ सके और वह मारते हुए भी अपनी आंखें दान करके लोगों के काम आए अति सुंदर भगवान उनकी आत्मा को शांति दे