गोल्ड मेडलिस्ट डॉ. विक्रम सिंह रावत को पतंजलि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में मिली पीएच.डी. की उपाधि

· योग विषय में दो बार प्राप्त कर चुके हैं गोल्ड मेडल

· मनोविज्ञान विषय में रह चुके हैं यूनिवर्सिटी टॉपर

· योग विषय से लगातार चौदह बार (14) उत्तीर्ण कर चुके हैं यूजीसी नेट की परीक्षा

ऋषिकेश । पतंजलि विश्वविद्यालय, हरिद्वार में दिनांक 02 नवंबर, 2025 को विश्वविद्यालय का द्वितीय दीक्षांत समारोह मनाया गया। जिसका शुभारम्भ भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने किया। माननीय राष्ट्रपति ने विश्वविद्यालय के छात्र- छात्राओं को स्वर्ण पदक और उपाधियाँ प्रदान की। पतंजलि विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षांत समारोह में गोल्ड मेडलिस्ट डॉ. विक्रम सिंह रावत को योग विज्ञान विषय में पीएच.डी. की उपाधि प्रदान की गयी। बता दें कि पतंजलि विश्वविद्यालय, हरिद्वार को NAAC का A+ GRADE प्राप्त है।

खास बातचीत: खास बातचीत में, दीक्षांत समारोह में पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त करने वाले गोल्ड मेडलिस्ट डॉ. विक्रम सिंह रावत बताते हैं कि उन्होंने पतंजलि विश्वविद्यालय हरिद्वार से योग विज्ञान विषय में, अपने शोध निर्देशक प्रोफेसर डॉ. पारन गौड़ा के दिशा निर्देशन में “ENHANCING THE QUALITY OF LIFE OF AGEING ELDERS THROUGH YOGA PRACTICES” विषय पर अपना शोध कार्य पूरा किया है। गोल्ड मेडलिस्ट डॉ. विक्रम सिंह रावत ने बताया कि वह अपनी इस अभूतपूर्व उपलब्धि का श्रेय ईश्वर, अपने माता-पिता, अपने भाई-बहिन, अपने शोध निर्देशक प्रोफेसर डॉ. पारन गौड़ा, पतंजलि विश्वविद्यालय के कुलाधिपति महोदय स्वामी रामदेव, कुलपति महोदय आचार्य बालकृष्ण, प्रतिकुलपति महोदय प्रोफेसर डॉ. महावीर अग्रवाल, योग विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष तथा योग विज्ञान विभाग के अन्य प्रोफेसर को देते हैं। वह अपनी इस उपलब्धि पर गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। इस अभूतपूर्व उपलब्धि को हासिल करने वाले गोल्ड मेडलिस्ट डॉ. विक्रम सिंह रावत ने बताया कि वह मूल रूप से उत्तराखंड राज्य के टिहरी गढ़वाल जिले के बछेलीखाल, देवप्रयाग के रहने वाले हैं एवं वर्तमान में मुनि-की-रेती, ऋषिकेश में रहते हैं और यूजीसी नेट-जेआरएफ के अभ्यर्थियों को नेट-जेआरएफ की तैयारी करवाते हैं।

शिक्षा: गोल्ड मेडलिस्ट डॉ. विक्रम सिंह रावत की शिक्षा की बात करें तो उन्होंने लगातार चौदह बार (14) योग विषय में प्रतिष्ठित यूजीसी नेट की परीक्षा में सफलता अर्जित कर कीर्तिमान स्थापित किया है। उन्होंने राजकीय पॉलिटेक्निक नरेन्द्रनगर से इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में तीन वर्ष का डिप्लोमा किया है तथा देहरादून के एक निजी संस्थान से कंप्यूटर हार्डवेयर एंड नेटवर्किंग इंजीनियरिंग में भी एक वर्ष का डिप्लोमा किया है। गोल्ड मेडलिस्ट डॉ. विक्रम सिंह रावत ने उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय, हल्द्वानी से मनोविज्ञान विषय में एम‌.ए. की डिग्री सर्वोच्च अंको में उत्तीर्ण की है। जिस कारण वह विश्वविद्यालय में एम‌.ए. मनोविज्ञान विषय में यूनिवर्सिटी टॉपर रहे हैं। इसके अलावा गोल्ड मेडलिस्ट डॉ. विक्रम सिंह रावत ने उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय, हरिद्वार से योग विषय में भी एम‌.ए. की डिग्री हासिल की है। इस दौरान भी उन्होंने विश्वविद्यालय में सर्वोच्च अंक प्राप्त किए हैं। जिसके लिए उन्हें विश्वविद्यालय के छठवें दीक्षांत समारोह में स्वर्ण पदक से भी सम्मानित किया गया है। इसके अतिरिक्त उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय, हरिद्वार से योग विषय में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा (पी.जी.डी. योग) की परीक्षा में भी सर्वोच्च अंक प्राप्त करने पर गोल्ड मेडलिस्ट डॉ. विक्रम सिंह रावत को विश्वविद्यालय के सातवें दीक्षांत समारोह में भी स्वर्ण पदक से सम्मानित किया जा चुका है।


By Shashi Sharma

Shashi Sharma Working in journalism since 1985 as the first woman journalist of Uttarakhand. From 1989 for 36 years, she provided her strong services for India's top news agency PTI. Working for a long period of thirty-six years for PTI, he got her pen ironed on many important occasions, in which, by staying in Tehri for two months, positive reporting on Tehri Dam, which was in crisis of controversies, paved the way for construction with the power of her pen. Delivered.

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