– भारत के उभरते हार्डवेयर नवाचारकर्ताओं और प्रौद्योगिकी नेतृत्व को प्रदर्शित करने वाला राष्ट्रीय मंच

– पाँच-दिवसीय राष्ट्रीय हैकथॉन में अग्रणी प्रोटोटाइप और समाधान प्रस्तुतियों का सफल समापन

– नोडल केन्द्र के रूप में आईआईटी रुड़की ने युवा नवाचार और राष्ट्रीय समस्या-समाधान को सशक्त किया

रुड़की। 12 दिसम्बर 2025 को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की ने शिक्षा मंत्रालय की इनोवेशन सेल के नोडल केन्द्र के रूप में रुड़की में ही स्मार्ट इंडिया हैकथॉन (एस.आई.एच.) 2025 – हार्डवेयर संस्करण के ग्रैंड फिनाले का सफल आयोजन किया। 8 से 12 दिसम्बर तक पाँच दिनों तक चला यह राष्ट्रीय आयोजन देशभर के शीर्ष हार्डवेयर नवाचारकर्ताओं को एक मंच पर लाया, जहाँ उन्होंने राष्ट्रीय महत्व की चुनौतियों के लिए व्यवहारिक और क्रियान्वयन योग्य समाधान विकसित किए।

स्मार्ट इंडिया हैकथॉन, जिसे भारत सरकार द्वारा प्रारम्भ किया गया और माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की दृष्टि से प्रेरित है, आज विश्व के सबसे बड़े ओपन-इनोवेशन मंचों में से एक बन चुका है। यह विद्यार्थियों को मंत्रालयों, उद्योगों और सार्वजनिक संगठनों द्वारा प्रस्तुत वास्तविक चुनौतियों को हल करने में सक्षम बनाता है। स्वदेशी डिज़ाइन, तीव्र प्रोटोटाइपिंग और प्रौद्योगिकी-आधारित समस्या-समाधान को प्रोत्साहित करते हुए एस.आई.एच. आत्मनिर्भर भारत, डिजिटल इंडिया तथा राष्ट्रीय नवाचार मिशन को अग्रसर करता है। इस कार्यक्रम के प्रति सरकार का निरंतर समर्थन यह दर्शाता है कि वह भारत के युवाओं को हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर और डीप-टेक नवाचार के अग्रभाग में स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

इस वर्ष आईआईटी रुड़की ने दो प्रमुख मंत्रालयों द्वारा जारी पाँच हार्डवेयर समस्या-वक्तव्यों की मेज़बानी की जिसमें गृह मंत्रालय (एन.एस.जी. एवं बी.एस.एफ.) ने अति-विपरीत मौसम स्थितियों में निगरानी और उपग्रह-आधारित व्यक्तिगत ट्रैकिंग सहित हैण्डहेल्ड रेडियो सेट पर काम किया।

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय (कृषि एवं किसान कल्याण विभाग) ने गन्ना परिपक्वता पूर्वानुमान उपकरण में कम लागत वाली कपास तोड़ने की मशीन और इन्सीटू रेटिंग हेतु उन्नत जूट रिबनर मशीन पर काम किया।

तमिलनाडु, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, झारखंड, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के प्रमुख संस्थानों से कुल 23 चयनित टीमों ने भाग लिया। इनमें यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग कांचीपुरम, चेन्नई इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, आई.आई.आई.टी. सोनीपत, श्री शंकराचार्य प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, सम्राट अशोक टेक्नोलॉजिकल इंस्टिट्यूट सहित अन्य संस्थानों की टीमें सम्मिलित थीं। टीमों ने डिज़ाइन, प्रोटोटाइपिंग, सिमुलेशन, परीक्षण तथा निरंतर मार्गदर्शन के साथ दिन-रात कार्य किया। मंत्रालय प्रतिनिधियों—राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एन.एस.जी.), सीमा सुरक्षा बल (बी.एस.एफ.) तथा कृषि एवं किसान कल्याण विभाग—ने पूरे आयोजन के दौरान तकनीकी परामर्श प्रदान किया। आज ग्रैंड फिनाले का समापन अंतिम मूल्यांकन एवं समापन समारोह के साथ हुआ। प्रत्येक समस्या-वक्तव्य श्रेणी में विजेताओं की सूची निम्नानुसार है।

PS ID: SIH25196 – अत्यधिक मौसम परिस्थितियों में निगरानी (MHA–NSG) संयुक्त विजेता Impact Innovators और Fenix रहे। समाधान मुख्य बिंदु: एक ऑल-टेरेन, मौसम-प्रतिरोधी सर्विलांस प्रणाली विकसित की गई है, जिसमें थर्मल इमेजिंग, स्वायत्त ड्रोन पेट्रोल और रियल-टाइम अलर्ट एनालिटिक्स शामिल हैं। यह समाधान भारी बारिश, कोहरा और कम दृश्यता जैसी स्थितियों में भी निरंतर निगरानी सुनिश्चित करता है, जिससे NSG टीमों को तेज प्रतिक्रिया और बेहतर स्थितिजन्य जागरूकता प्राप्त होती है।

PS ID: SIH25255 – सैटेलाइट पर्सनल ट्रैकिंग सिस्टम के साथ हैंडहेल्ड रेडियो सेट (MHA–BSF) जिसमें विजेता Megatron रहे। समाधान मुख्य बिंदु: एक मजबूत हैंडहेल्ड रेडियो डिवाइस विकसित किया गया है, जिसमें लो-पावर सैटेलाइट संचार और GPS-आधारित पर्सनल ट्रैकिंग की क्षमता है। यह प्रणाली एन्क्रिप्टेड वॉइस कम्युनिकेशन, SOS बीकनिंग और रियल-टाइम लोकेशन शेयरिंग प्रदान करती है—जिससे सीमा सुरक्षा बल के गश्ती दलों की सुरक्षा और संचालन समन्वय में महत्वपूर्ण सुधार होता है।

PS ID: SIH25264 – गन्ने की फसल की इष्टतम परिपक्वता की भविष्यवाणी (MoA&FW) जिसमें विजेता Farmedge रहे। समाधान मुख्य बिंदु: एक पोर्टेबल, किसान-अनुकूल डिजिटल स्कैनर डिजाइन किया गया है जो मल्टीस्पेक्ट्रल सेंसरिंग और AI मॉडल का उपयोग करके गन्ने की परिपक्वता की भविष्यवाणी करता है। यह डिवाइस खेत स्तर पर तुरंत जानकारी प्रदान करता है, जिससे कटाई समय का सही निर्धारण, बेहतर उपज गुणवत्ता, हानि में कमी और किसानों को डेटा-आधारित निर्णय लेने में सहायता मिलती है।

PS ID: SIH25266 – कपास तुड़ाई के लिए कम लागत वाली मशीनरी (MoA&FW) के विजेता Mindsmiths रहे। समाधान मुख्य बिंदु: एक किफायती, सेमी-ऑटोमेटेड कॉटन-पिकिंग मशीन विकसित की गई है, जिसमें सॉफ्ट-ग्रिप मैकेनिकल आर्म्स और डिब्रिस-रिडक्शन तकनीक शामिल है। यह नवाचार तुड़ाई की गति बढ़ाता है, बर्बादी को कम करता है, और श्रम पर निर्भरता घटाता है—जिससे यह छोटे और सीमांत कपास किसानों के लिए एक उपयुक्त और विस्तार योग्य समाधान बनता है।

PS ID: SIH25267 – उन्नत इन-सीटू रेटिंग हेतु जूट रिबनर मशीन (MoA&FW) के विजेता Caffeinated Coders रहे। समाधान मुख्य बिंदु: एक हल्की, ऊर्जा-कुशल जूट रिबनर मशीन विकसित की गई है जो समान रिबन बनाने में सक्षम है, जिससे इन-सीटू रेटिंग प्रक्रिया तेज होती है। यह समाधान फाइबर की गुणवत्ता में सुधार करता है, श्रम की आवश्यकता कम करता है, और पारंपरिक रेटिंग प्रक्रिया को अनुकूलित कर सतत जूट उत्पादन को बढ़ावा देता है।

आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. के.के. पन्त ने प्रतिभागियों को बधाई देते हुए कहा, “एस.आई.एच. 2025 भारत के युवाओं की अद्भुत नवाचार क्षमता को प्रदर्शित करता है। आईआईटी रुड़की को गर्व है कि वह इस राष्ट्रीय मंच को सक्षम बना रहा है और ऐसे हार्डवेयर समाधानों के विकास में योगदान दे रहा है, जो भारत की प्रौद्योगिकी उन्नति और प्रतिस्पर्धात्मकता को सुदृढ़ करेंगे।”

समापन समारोह के मुख्य अतिथि प्रो. वी.के. मलिक, डीन स्रिक, आईआईटी रुड़की ने कहा, “इस पाँच-दिवसीय आयोजन के दौरान विकसित समाधान उत्कृष्ट स्पष्टता, प्रतिबद्धता और तकनीकी गहराई को दर्शाते हैं। प्रतिभागी टीमों ने दिखाया है कि वास्तविक समस्याओं का समाधान स्वदेशी हार्डवेयर नवाचार के माध्यम से कैसे किया जा सकता है, और हमें ऐसे राष्ट्रीय प्रतिभा के लिए मंच प्रदान करने पर गर्व है।”

एस.आई.एच. 2025 के एस.पी.ओ.सी. और टिंकरिंग लैब के संकाय समन्वयक प्रो. वरुण शर्मा ने साझा किया, “विद्यार्थियों द्वारा पाँच दिनों में प्रदर्शित उत्साह, अनुशासन और अभियांत्रिकी कौशल अनुकरणीय रहा। प्रस्तुत विचार स्वदेशी हार्डवेयर नवाचार की अगली पीढ़ी की झलक देते हैं।”

एस.आई.एच. 2025 – हार्डवेयर संस्करण के सफल आयोजन के साथ, आईआईटी रुड़की ने नवाचार पारिस्थितिकी को सुदृढ़ करने, उद्योग–अकादमिक सहयोग को बढ़ाने और युवा प्रौद्योगिकी-विदों को भारत की प्रगति में सार्थक योगदान देने के लिए प्रेरित करने में अपनी नेतृत्वकारी भूमिका को और सशक्त किया है।


By Shashi Sharma

Shashi Sharma Working in journalism since 1985 as the first woman journalist of Uttarakhand. From 1989 for 36 years, she provided her strong services for India's top news agency PTI. Working for a long period of thirty-six years for PTI, he got her pen ironed on many important occasions, in which, by staying in Tehri for two months, positive reporting on Tehri Dam, which was in crisis of controversies, paved the way for construction with the power of her pen. Delivered.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *