हरिद्वार जिले में नदियां उफान पर, गंगा का जलस्तर चेतावनी लेवल से एक मीटर नीचे पहुंचा।

जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों को फोन स्विच ऑफ न करने के सख्त निर्देश दिए।

आपातकालीन फोन नम्बर भी जारी किये।

हरिद्वार और आसपास के जिलों तथा पर्वतीय क्षेत्रों में पिछले लगभग 48घंटों साथ हो रही मूसलाधार बारिश के कारण हरिद्वार में गंगा नदी का जलस्तर चेतावनी के निशान से सिर्फ एक मीटर नीचे 292 मीटर पर पहुंच गया है।

हरिद्वार जिले में नदियां उफान पर, गंगा का जलस्तर चेतावनी लेवल से एक मीटर नीचे पहुंचा।
हरिद्वार में कांवड़ मेला जारी, जबरदस्त बरसात से नदियां उफान पर, जिलाधिकारी ने अधिकारियों को किया सचेत

तेजी से बढते जल स्तर ने जिला प्रशासन को सचेत कर दिया है।आज 10जुलाई को सुबह 6 बजे गंगा का जल स्तर 291.75 रिकार्ड किया गया था, जबकि मात्र दो घंटे बाद ही जल स्तर 292 मीटर पर पहुंच कर लगातार बह रहा है।
इसके अलावा रुड़की में उपरी गंगा नहर के नीचे से बहने वाली सोलानी नदी का जलस्तर भी कल सुबह 8बजे 4 फुट रिकार्ड किया गया था जो आज सुबह 8 बजे खतरनाक तरीके से बढ कर 7.20 फुट पहुंच गया है।
आज 10जुलाई को सुबह जनपद में सबसे ज्यादा रुड़की में 92 मिली मीटर रिकार्ड की गई और हरिद्वार में 57मिलीमीटर रिकार्ड हुई, भगवान पुर क्षेत्र में 88एमएम और लक्सर में 40 मिली मीटर रिकार्ड हुई।

राज्य आपातकालीन परिचालन केन्द्र, देहरादून द्वारा केन्द्रीय जल आयोग कार्यालय अधिशासी अभियन्ता, हिमालयी गंगा मण्डल,द्वारा जारी बाणगंगा के बढ़ते जल स्तर,को देखते हुए, जिलाधिकारी ने, बाणगंगा (रायसी) लक्सर (हरिद्वार) नदी में जलस्तर में हो रही वृद्धि के दृष्टिगत अधिकारियों को सावधानियां बरतने के निर्देश दिये हैं।

इन तमाम आंकड़ों को देखते हुए जिला प्रशासन के मस्तक पर चिंता की रेखाएं खिंच गई है।

हरिद्वार के जिलाधिकारी धीरज सिंह गबर्याल ने वर्षा के कारण हरिद्वार में नदी के जल स्तर में हो रही वृद्धि की सम्भावना को देखते हुए जिलाधिकारीनेे सभी अधिकारियों को अपने मोबाइल फोन किसी भी परिस्थिति में स्विच ऑफ न करने के सख्त आदेश जारी किए हैं।

जिलाधिकारी ने तमाम अधिकारियों को किसी भी प्रकार की आपदा की सूचना जिला आपातकालीन परिचालन केन्द्र, हरिद्वार के दूरभाष नम्बरों पर देने के निर्देश दिए हैं।

जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि प्रत्येक स्तर पर तत्परता एवं सुरक्षा बनाये रखते हुए आवागमन में नियंत्रण वरता जाये तथा किसी भी आपदा/दुर्घटना की स्थिति में त्वरित स्थलीय कार्यवाही करते हुए सूचनाओं का तत्काल आदान-प्रदान करें।

आपदा प्रबन्धन IRS प्रणाली के नामित समस्त अधिकारी एवं विभागीय नोडल अधिकारी हाई अलर्ट में रहेंगे, समस्त राजस्व निरीक्षक/उप राजस्व निरीक्षक, ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत अधिकारी अपने क्षेत्रों में बने रहेंगे, समस्त चौकी/थाने भी आपदा सम्बन्धी उपकरणों एवं वॉयरलेस सहित चौकन्ने रहेंगे।

इस अवधि में किसी अधिकारी/कर्मचारी के मोबाइल/फोन स्वीच ऑफ नहीं रहेंगे, अधिकारीगण बरसाती,छाता,टार्च, हैलमेट तथा कुछ आवश्यक उपकरण एवं सामग्री अपने वाहनों में रखते हुए उचित कार्यवाही करेंगे।

इस अवधि में लोगों के फंसे होने की स्थिति में खाद्य व मेडिकल सुविधा की व्यवस्था की जाये, असामान्य मौसम, भारी वर्षा की चेतावनियों के दौरान उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पर्यटकों के आवागमन की अनुमति न दी जाये, नगर एवं कस्बाई क्षेत्रों में नालियों एवं कलवों के अवरोधों को दूर किया जाये।

जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने ये भी निर्देश दिये हैं कि केन्द्रीय जल आयोग के लिंक http//ffs.india-water.gov.in से जल स्तर/खतरे की स्थिति की सतत मॉनिटरिंग करना सुनिश्चित करें ।

उन्होंने समस्त सम्बन्धित अधिकारियों को किसी भी प्रकार की आपदा की सूचना जिला आपातकालीन परिचालन केन्द्र,

हरिद्वार के दूरभाष नं0-01334- 223999, 239444, 1077 (टोल-फ्री), मोबाइल- 7055258800, 7900224224, 9068688840 पर तत्काल देना सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं ।

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