हरिद्वार में गंगा बंदी,हरकी पैड़ी पर पर्याप्त जल न होने से संत नाराज।

श्रद्धालुओं को लोटे से नहाने लायक जल तो देदो, नहीं तो करुंगा योगी आदित्यनाथ से बात- रविन्द्र पुरी

सौभाग्य से प्राप्त होता है गंगा तट पर श्रीमद्भागवत कथा श्रवण करने का अवसर

श्रीमहंत महानिर्वाणी रविंद्रपुरी ने हरिद्वार में गंगाबंदी के बाद हरकी पैड़ी पर पर्याप्त गंगाजल उपलब्ध नहीं होने पर नाराजगी जतायी और कहा कि यूपी सिंचाई विभाग को इतना जल तो उपलब्ध कराना चाहिए कि श्रद्धालु लोटे से ही स्नान कर ले,उन्होंने कहा कि इस संबंध में वे यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात करेंगे।

हरकी पैड़ी मालवीय द्वीप पर गाजियाबाद के गुरू सेवा फाउंडेशन द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा विश्वशांति महायज्ञ के दौरान अध्यक्ष अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद तथा श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि गंगा तट पर श्रीमद्भागवत कथा श्रवण का अवसर सौभाग्यशालीयों कोे प्राप्त होता है। कथा के प्रभाव से जन्म-जन्मांतर के पापों का शमन हो जाता है। परिवार में सुख समृद्धि का वास होता है। श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा अत्यन्त कल्याणकारी है। लेकिन कथा श्रवण की सार्थकता तभी है। जब कथा से मिले ज्ञान को आचरण में धारण किया जाए। श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने

श्री गंगा सभा के अध्यक्ष नितिन गौतम ने कथा मंच से अपने संबोधन में कहा कि श्रीमदभागवत कथा ज्ञान का अथाह सागर है, जिसे जितना ग्रहण किया जाए जिज्ञासा उतनी ही बढ़ती जाती है।

उन्होंने कहा श्रीमदभावगत कथा श्रवण का अवसर कभी गंवाना नहीं चाहिए। साथ ही दूसरों को भी कथा श्रवण के लिए प्रेरित करना चाहिए।

कथा व्यास करूणेश मिश्र ने कहा कि पूर्व काल में जहां पुण्य प्राप्ति के लिए अनेक यत्न करने पड़ते थे। वहीं कलिकाल में श्रीमदभागवत कथा के श्रवण मात्र से ही श्रद्धालुओं को सभी पुण्यों की प्राप्ति हो जाती है। सभी को पूर्ण श्रद्धाभाव से कथा श्रवण करनी चाहिए और कथा से मिले ज्ञान का अनुसरण करते हुए मानव कल्याण में योगदान करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि महर्षि वेदव्यास ने सर्वप्रथम गंगा तट पर ही श्रीमदभागवत भक्तों को श्रवण करायी थी। हरकी पैड़ी जैसे पवित्र स्थान पर कथा श्रवण करने का अवसर मिलना सौभाग्य की बात है। श्री गुरू सेवा फाउंडेशन के पदाधिकारियों ने सभी संत महापुरूषों व अतिथीयों का फूलमाला पहनाकर स्वागत किया। इस अवसर पर महंत जसविंदर सिंह, महंत गोविंददास, महंत निर्मलदास, गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ, जगदीशलाल पाहवा, उज्जवल पंडित, विकास प्रधान सहित अनेक संत व श्रद्धालु मौजूद रहे।

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