*चिरमिरी टॉप चकराता में आयोजित नव गठित वन पंचायतों महाधिवेशन का मा0 वन मंत्री सुबोध उनियाल ने किया विधिवत शुभारंभ*

*मा0 मुख्यमंत्री की प्रेरणा से वनाग्नि रोकथाम के लिए जिला प्रशासन की सार्थक पहल:*

*राज्य में आपदा से पहली बार वन पंचायत को दी गई 15-15 हजार की धनराशि।*

*जल, जंगल और जमीन की सुरक्षा के लिए ”जंगल से जनकल्याण” का लिया संकल्प।*

*सम्मेलन में वन पंचायतों को उपलब्ध कराई गई फायर किट, उत्कृष्ट कार्य करने पर 10 वन पंचायतों को किया सम्मानित।

*वन पंचायतों को जागरूक, सशक्त और वित्तीय संशाधन उपलब्ध कराना जिला प्रशासन का दायित्व-डीएम।*

*महाधिवेशन में मा0 वन मंत्री ने 10 वन पंचायत के सरपंचों को 15-15 हजार का चेक वितरण कर, शेष सभी वन पंचायत को DBT के माध्यम से उनके खाते में भेजा गया।*

*पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन हमारी जिम्मेदारी ही नहीं कर्तव्य भी।*

देहरादून/ चकराता दिनांक 19 अप्रैल 2025(सू. वि. का.)

मा0 मुख्यमंत्री के दिशा निर्देशों पर वन पंचायतों के सुदृढीकरण एवं वनाग्नि आपदा सुरक्षा और रोकथाम को लेकर बुधवार को जिला प्रशासन द्वारा चिरमिरी टॉप चकराता में नव गठित वन पंचायतों के साथ महाधिवेशन आयोजित किया गया। सम्मेलन में मा0 कैबिनेट मंत्री श्री सुबोध उनियाल ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। इस दौरान चकराता विधायक श्री प्रीतम सिंह भी मौजूद रहे। सम्मेलन में वन पंचायतों के अधिकार एवं दायित्वों पर गहनता से मंथन और प्रशिक्षण दिया गया और वनाग्नि रोकथाम एवं *”जंगल से जनकल्याण”* का सामूहिक संकल्प लिया गया। महाधिवेशन में कैबिनेट मंत्री ने जिला प्रशासन को ओर से आपदा मद से वन पंचायतों को सशक्त बनाने हेतु प्रत्येक वन पंचायतों को 15-15 हजार की धनराशि के चैक वितरित भी किए।

मुख्य अतिथि/कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने अपने संबोधन में कहा कि उत्तराखंड राज्य में जंगल हमारी आर्थिक का प्रमुख स्रोत है। वनों की सुरक्षा न केवल राज्य के लिए बल्कि पूरी मानवता के लिए जरूरी है। जंगलों को वनाग्नि से बचाने के लिए जन सहभागिता आवश्यक है। इसके लिए हमने ग्राम स्तर, जिला तथा शासन स्तर पर कमेटी गठित कर वन पंचायतों को सशक्त बनाने का काम किया है। कहा कि जो लोग वनो की आग बुझाने का काम करेंगे, उनको 51 हजार, 75 हजार से लेकर 01 लाख तक पुरस्कार देने का प्राविधान किया है। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि वन क्षेत्रों में ईको टूरिस्ट और हर्बल प्लांटेशन से जडी बूटी उत्पादन से लोगों को जोडकर रोजगार देने का काम किया जा रहा है।

क्षेत्रीय विधायक मा0 प्रीतम सिंह ने कहा कि जलवायु परिवर्तन को संतुलित करने के लिए वनों को संरक्षित किया जाना आवश्यक है। उन्होंने क्षेत्र की विभिन्न समस्याओ पर मा0 वन मंत्री से निस्तारण की मांग की।

जिलाधिकारी सविन बंसल ने कहा कि वनाग्नि सुरक्षा को लेकर देहरादून जिले में 200 वन पंचायतों को सक्रिय करवाया गया है। उन्होंने कहा कि वनाग्नि की रोकथाम में स्थानीय लोग फस्ट रिस्पोंडर की भूमिका निभाते है। लोकल एवं स्थानीय होने के चलते उन्हें अपने आसपास के भौगोलिक क्षेत्र के बारे में सबसे अधिक और सटीक जानकारी रहती है। उनकी मदद से हम अपने वन और पर्यावरण को सुरक्षित रख सकते है। जिलाधिकारी ने कहा कि वन पंचायतों को जागरूक करना, प्रशिक्षण और वित्तीय संशाधन उपलब्ध कराके उन्हें सशक्त बनाना जिला प्रशासन का दायित्व है। मा0 मुख्यमंत्री ने भी वनाग्नि रोकथाम के लिए हर संभव उपाय करने के निर्देश दिए है। इसी दिशा में वन पंचायतों को सक्रिय करते हुए चिरमिरी में वन पंचायतों का महाधिवेशन आयोजित किया गया है। जिसमें प्रत्येक वन पंचायत को आपदा मद से 15-15 हजार की धनराशि आवंटित की गई है। जिलाधिकारी ने कहा कि किसी भी जिले में पहली बार इस प्रकार की पहल की गई है, ताकि वन पंचायत से जुड़े लोग अपने स्तर से फायर वॉचर रख सके। अपने वन क्षेत्रों में फायर लाइन काट सके और वनाग्नि की घटनाओं को न्यून कर सके।

जिलाधिकारी ने कहा कि आवश्यकता पडने पर वन पंचायतों को दूसरी किस्त में इससे भी अधिक धनराशि आवंटित की जा सकती है।

इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह ने कहा कि वन पंचायत का कॉन्सेप्ट केवल हमारे ही प्रदेश में है इस परिपेक्ष में वन पंचायत का महाधिवेशन किया गया है जिला प्रशासन वन पंचायतों को सुदृढ़ करने को सहयोग करता रहेगा।

महाधिवेशन में एफआरआई के सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी वीके धवन, रेंज आफिसर्स शिव प्रसाद गैरोला एवं वन विभाग के अधिकारियों ने वनाग्नि की बडती घटनाओं की रोकथाम एवं उसके प्रबंधन को लेकर प्रशिक्षण दिया।

वन पंचायत सरपंचों ने वन और पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर अपने-अपने विचार रखे। इस दौरान जल, जंगल और जमीन की सुरक्षा और इससे जुड़े रहने का संकल्प लिया। महाधिवेशन में वन पंचायतों के अधिकार एवं दायित्वों पर भी विस्तार से मंथन किया गया और वन पंचायतों को सशक्त बनाने के लिए सुझाव भी लिए गए।

*10 वन पंचायतों को दिए फायर किट*

वन पंचायत नाडा के सरपंच हरीश, काण्डोई के आनंद सिंह, सावरा के जयपाल सिंह, सैंज के माही राणा, डेरियो के केशर सिंह, लखवाड के प्रताप सिंह, कोदी भौदी के ह्रदय सिंह, अतलेऊ के जय सिंह, फनार के हयान सिंह और रायगी के सरपंच तिलक सिंह को फायर किट प्रदान की गई।

*उत्कृष्ट कार्य करने पर 10 वन पंचायत सरपंचों को किया सम्मानित।*

उत्कृष्ट कार्य करने वाले वन पंचायत सरपंच संतराम, चैतराम, रामलाल सेमवाल, मदन सिंह, रघुवीर सिंह, अजीत सिंह, नवीन तोमर, केशर सिंह चौहान, अतर सिंह चौहान, और सरपंच अनिता शामिल है।

कार्यक्रम में मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह,डीएफओ अभिमन्यु सिंह, एसडीएम योगेश मेहर, एसडीएम गौरव चटवाल आदि सहित वन पंचायतों के सरपंच, सदस्य और बडी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद थे।

By Shashi Sharma

Working in journalism since 1985 as the first woman journalist of Uttarakhand. From 1989 for 36 years, he provided his strong services for India's top news agency PTI. Working for a long period of thirty-six years for PTI, he got his pen ironed on many important occasions, in which, by staying in Tehri for two months, positive reporting on Tehri Dam, which was in crisis of controversies, paved the way for construction with the power of his pen. Delivered.

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