राज्य में पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत किये जा रहे कार्यों की जनपद स्तर पर निरंतर समीक्षा की जायेगी। इन समीक्षा बैठकों में राज्य पर्यवेक्षण बोर्ड के सदस्य भी मौजूद रहेंगे। इसके लिये सभी जनपदों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं। इसके अलावा राज्य में अब बिना चिकित्सकीय परामर्श के गर्भ संबंधी दवाइयों की बिक्री नहीं की जायेगी,  यदि मेडिकल स्टोरों पर मिसोप्रोस्टोल दवा की अनाधिकृत बिक्री पाई जाती है तो स्टोर के संचालक के खिलाफ पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत कार्यवाही की जायेगी।

सचिवालय स्थित मुख्य सचिव सभागार में चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में शनिवार को आयोजित राज्य पर्यवेक्षण बोर्ड की बैठक में उपरोक्त निर्णय लिये गये। डॉ. रावत ने बताया कि राज्य में पीसी-पीएनडीटी एक्ट (गर्भधारण पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक) का सख्ती से पालन किया जा रहा है। प्रदेश में किसी भी तरह से एक्ट का उल्लंघन न हो इसके लिये विभागीय अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में अब गर्भ संबंधी मिसोप्रोस्टोल दवा की बिक्री प्रतिबंधित कर दी गई है। केवल चिकित्सकीय परामर्श पर ही मरीजों को यह दवा दी जायेगी। उन्होंने कहा कि यदि किसी मेडिकल स्टोर पर गर्भ संबंधी दवाओं की अनाधिकृत बिक्री पाई गई तो ऐसे स्टोर स्वामियों के खिलाफ पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत कार्रवाई की जायेगी। इसके लिये सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों को ठोस निर्देश दे दिये गये हैं।

बैठक में नवजात शिशु के जन्म के 21 दिन के भीतर जन्म पंजीकरण सुनिश्चित कराने के निर्देश भी अधिकारियों को दिये गये। इसके लिये ग्राम प्रधान, आशा, एएनएम, आंगनबाडी कार्यकत्रियों को प्रशिक्षण दिया जायेगा, साथ ही जन्म पंजीकरण एवं चाइल्ड हेल्प लाइन 1098 को लेकर प्रदेशभर में वृहद जनजागरूकता अभियान चलाये जायेंगे, ताकि लोग अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो सके। इसके अलाव डॉ. रावत ने जनपद स्तर पर पीसी-पीएनडीटी के तहत किये गये कार्यों की समीक्षा के निर्देश सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि इसके लिये विभागीय अधिकारियों की जनपदवार जिम्मेदारी तय कर भ्रमण कार्यक्रम निर्धारित किये जाय। इसके साथ ही इन समीक्षा बैठकों में राज्य पर्यवेक्षण बोर्ड के सदस्यों के भी आमंत्रित किया जाय, ताकि जमीनी स्तर पर हो रहे कार्यों की ठीक से पडताल हो सके और उनका लाभ आम लोगों को मिल सके। उन्होंने कहा कि राज्य में भ्रण लिंग परीक्षण एवं भ्रूण हत्या की रोकथाम को लेकर भी ठोस कार्ययोजना तैयार की जाय ताकि इस तरह के मामलों को सख्ती से निपटा जा सके।

बैठक में राज्य पर्यवेक्षण बोर्ड की सदस्य एवं विधायक कैंट सविता कपूर, सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार, अपर सचिव न्याय एम.के. पाण्डे, उप सचिव अनूप मिश्र, स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. सुनीता टम्टा, निदेशक डॉ. शिखा जंगपांगी, राज्य नोडल अधिकारी डॉ. एन.एस.बिष्ट, डॉ. अमलेश कुमार सहित बोर्ड के नामित सदस्य एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

स्वास्थ्य मंत्री ने किया कैथ लैब का लोकार्पण

सूबे के स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने आज स्वामी विवेकानन्द हैल्थ मिशन सोसाइटी द्वारा संचालित स्वामी विवेकानन्द धर्मार्थ चिकित्सालय, धर्मावाला में अत्याधुनिक “कैथ लैब” का लोकार्पण किया। डॉ रावत ने कहा कि कैथ लैब के संचालन से हृदय रोगियों को स्थानीय स्तर पर एंजियोप्लास्टी, एंजियोग्राफी जैसी सुविधाएं सुलभ होगी और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवाएं न्यूनतम शुल्क पर मिल सकेंगी। उन्होंने कहा कि  मिशन स्वामी विवेकानन्द के सेवा और करुणा के आदर्शों को साकार कर रहा है। इस अवसर पर प्रांत प्रचारक डॉ शैलेंद्र जी, विधायक सहसपुर सहदेव पुंडीर, दिव्य प्रेम मिशन के संस्थापक आशीष भैया सहित रोटरी क्लब के सदस्य एवं स्थानीय जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।

By Shashi Sharma

Shashi Sharma Working in journalism since 1985 as the first woman journalist of Uttarakhand. From 1989 for 36 years, she provided her strong services for India's top news agency PTI. Working for a long period of thirty-six years for PTI, he got her pen ironed on many important occasions, in which, by staying in Tehri for two months, positive reporting on Tehri Dam, which was in crisis of controversies, paved the way for construction with the power of her pen. Delivered.

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