प्रधानमंत्री के साथ स्वचछता की शपथ उठाने वाले 50 लाख सरकारी कर्मचारी कहां है ?

  मुख्यमंत्री हैल्प लाईन इतनी सुस्त ?

ज्वालापुर कोतवाली के ठीक सामने सडे हुए मानव मल से भरा नाला गैरजिम्मेदारी और भावना शून्यता की जबरदस्त मिसाल बन कर खड़ा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छता के दावों, चेतावनियों और उस शपथ की खिल्ली उडा रहा है जिसमें देश भर से आए हुए लगभग 50 लाख सरकारी कर्मचारियों ने जो प्रधानमंत्री के साथ इंडिया गेट पर स्वच्छ भारत अभियान में अपनी मन प्राण से समर्पण की शपथ उठाई थी।

वो शपथ कुछ ही सालों में इस तरह बिसरा दी जायेगी ये किसी ने नहीं सोचा होगा।
इस मानव मल से सड़ते कीडे मकोड़े और लाखों मखियों से भिनकते नाले के किनारे दुकानदार अपने जीवन का बहुत बड़ा नरक भोगने को मजबूर हैं।

अब रोजी-रोटी का माध्यम दुकानें ही हैं तो बहरे शासन प्रशासन के सामने ऊंची आवाज़ में चीखने चिल्लाने के बाद भी कोई प्रतिक्रिया या परिणाम न पा कर इस अकल्पनीय दंड को भुगतने को मजबूर हैं।
मुख्यमंत्री हैल्पलाईन पर भी शिकायत दर्ज कराने का कोई परिणाम इन मुसीबत के मारे दुकानदारों को नहीं मिला है।

इस सडे हुए मानव मल से लबालब भरे नाले के मुहाने पर अपनी रोजी-रोटी कमाने के लिए दुकान पर बैठने को मजबूर सुरेन्द्रा एजेंसी के मालिक दुकानदार सुरेन्द्र भटेजा ने बताया उन्होंने अपने स्तर पर हर जिम्मेदार अथर्टी को यहां लाकर परिस्थिती से अवगत कराया है क्षेत्र के पार्षद से लेकर हरिद्वार की मेयर को भी दिखाया, विधायक से निरिक्षण के बाद भी कोई हल ना निकलने की हालत में आखिरकार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की जनता की सहायता के लिए बने मुख्यमंत्री हेल्प लाइन पर 24/4/23 को शिकायत दर्ज कराई लेकिन आज तक कोई खोज-खबर नहीं लेने आया।

सुरेन्द्र भटेजा ने बताया कि इस नाले के मुहाने पर एक गैर हिन्दू बस्ती ने इस नाले की निकासी को बोरे डाल कर बंद कर दिया है ।

नाले के आसपास से निकलने वाले लोगों को उलटी होने जैसी घटनाओं का सामना करना पड़ता है लेकिन स्वच्छता के दावे करने वाले शासन प्रशासन को अब तक जिम्मेदारी की कोई उलटी नहीं हो रही है।

 

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