परमार्थ निकेतन में निःशुल्क हृदय रोग एवं आर्थो-स्पाइन चिकित्सा जाँच शिविर का शुभारम्भ
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के पावन सान्निध्य में दीप प्रज्वलित कर दो दिवसीय चिकित्सा शिविर का किया शुभारम्भ
डा प्रो सुरेन्द्र नाथ खन्ना, चेयरपर्सन, एडल्ट कार्डियक सर्जरी एवं हार्ट लंग ट्रांस प्लांट आर्टेमिस अस्पताल, गुरूग्राम और डा वरूण खन्ना, कंसलटेंट, आर्थोपेडिक्स एंड स्पाइन सर्जरी, आर्टेमिस अस्पताल, गुरूग्राम के मार्गदर्शन में आयोजित
ब्लड प्रेसर, ब्लड शुगर, ईसीजी, बीएमआई, थायराइड, एचबीएवनसी, लिपिड प्रोफाइल, ईसीजी और आवश्यक दवाईयां निःशुल्क
दिल का इलाज दिल से
स्वामी चिदानन्द सरस्वती
ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन आश्रम में आज स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के पावन सान्निध्य एवं आशीर्वाद से निःशुल्क हृदय रोग तथा आर्थो-स्पाइन चिकित्सा जाँच शिविर का शुभारम्भ हुआ। दीप प्रज्वलन के साथ इस शिविर का शुभारम्भ किया।
यह शिविर डा. प्रो. सुरेन्द्र नाथ खन्ना, चेयरपर्सन, एडल्ट कार्डियक सर्जरी एवं हार्टदृलंग ट्रांसप्लांट, आर्टेमिस अस्पताल, गुरुग्राम तथा डा. वरुण खन्ना, कंसलटेंट, आर्थोपेडिक्स एवं स्पाइन सर्जरी, आर्टेमिस अस्पताल, गुरुग्राम के कुशल मार्गदर्शन में आयोजित किया गया है।
इस स्वास्थ्य शिविर में विभिन्न प्रकार की महत्वपूर्ण स्वास्थ्य जाँचें ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर, ईसीजी, बीएमआई, थायरॉइड, एचबीए1सी, लिपिड प्रोफाइल, बीएमडी सहित आवश्यक दवाइयाँ पूर्णतः निःशुल्क प्रदान की जा रही हैं।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने शिविर का उद्घाटन करते हुए कहा कि दिल का इलाज दिल से होना चाहिए। स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है। जब व्यक्ति स्वस्थ है तभी वह समाज, राष्ट्र एवं विश्व के लिए अपनी भूमिका निभा सकता है। यह शिविर करुणा, सेवा और मानवता के मूल्यों का साकार रूप है।
उन्होंने यह भी कहा कि आज जीवनशैली सम्बन्धी रोग अत्यधिक बढ़ रहे हैं, विशेषकर हृदय रोग और आर्थो-स्पाइन समस्याएँ। ऐसे में जीवनशैली में योग, प्राणायाम, साधना, संतुलित आहार और सकारात्मक विचारों को शामिल करना अत्यंत आवश्यक है।
स्वास्थ्य ही राष्ट्र की असली समृद्धि है। स्वस्थ परिवार से स्वस्थ समाज और स्वस्थ समाज से स्वस्थ भारत का निर्माण होता है। हमारी सेवा ही हमारी साधना है, मानवता की सेवा ही ईश्वर की सच्ची पूजा है इसी भाव से सेवा करते रहें।

डा. प्रो. सुरेन्द्र नाथ खन्ना ने कहा कि समय पर जाँच और सही सलाह से हृदय रोगों को रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि जागरूक रहकर हृदय को स्वास्थ रखा जा सकता है। जागरूकता ही सबसे बड़ी दवा है।
डा. वरुण खन्ना ने कहा कि गलत पोस्चर, मोबाइल, लैपटॉप के अत्यधिक उपयोग तथा रोजमर्रा की अनियमितताओं से कम उम्र में ही स्पाइन एवं आर्थो समस्याएँ बढ़ रही हैं। इस शिविर का उद्देश्य लोगों को सही इलाज के साथ सही जीवनशैली की दिशा देना है।
शिविर में बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक, तीर्थयात्री सम्मिलित हुए और विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श प्राप्त किया।
इस शिविर में विशेष सहयोग डॉ. एस. एन. खन्ना, डॉ. वरुण खन्ना, विकास इसके अतिरिक्त सेवा एवं समन्वय में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले ज्योति एवं नेहा, डॉ. जयश्री एवं डॉ. देवी, प्रियंका एवं देविना, अंकित एवं बीएमडी टीम, सुशांत एवं मुरारी का महत्वपूर्ण योगदान रहा।