*परमार्थ निकेतन में आयोजित दस दिवसीय मोतियाबिंद चिकित्सा शिविर का शुभारम्भ*

*🌸दो दिवसीय हृदय रोग एवं आर्थो-स्पाइन चिकित्सा जाँच शिविर समापन*

✨*भारत, आस्ट्रेलिया, अमेरिका, इग्लैंड, नेपाल सहित अन्य देशों के नेत्र चिकित्सा विशेषज्ञ प्रदान कर रहे अपनी सेवायें*

*🌸स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, साध्वी भगवती सरस्वती जी के पावन सान्निध्य में अमेरिका से आये वरिष्ठ नेत्र चिकित्सक डा मनोज पटेल, आस्ट्रेलिया डा पूर्णिमा राय, डॉ. योगा, डॉ. विवेक जैन, डॉ. संपथ, डॉ. अश्विनी सुहासराव, डॉ. इरीना, डॉ. साई सुश्रुथा पेरुरी, डॉ. पारुल देसाई, डॉ. सतीश देसाई, डॉ. कलई, डॉ. आनंद चंद्रशेखरन, डॉ. विजयलक्ष्मी वद्रेवी, डॉ. भट्ट, डॉ. नीलिमा गाँधम, डॉ. जया माधुरी, डॉ. मनोज पटेल, डॉ. रोजी आहूजा आदि चिकित्सकों ने दीप प्रज्वलित किया शुभारम्भ*

*✨परमार्थ निकेतन में आयोजित दस दिवसीय निःशुल्क मोतियाबिंद चिकित्सा शिविर का शुभारम्भ एवं दो दिवसीय हृदय रोग एवं आर्थो-स्पाइन चिकित्सा जाँच शिविर का सफल समापन*

ऋषिकेश, 2 परमार्थ निकेतन में आज दस दिवसीय निःशुल्क मोतियाबिंद चिकित्सा शिविर का शुभारम्भ हुआ। इसके साथ ही दो दिवसीय हृदय रोग एवं आर्थो-स्पाइन चिकित्सा जाँच शिविर का सफलतापूर्वक समापन किया गया। इस सेवा पथ पर भारत के साथ-साथ अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, नेपाल एवं अन्य देशों से पधारे वरिष्ठ नेत्र एवं हृदय विशेषज्ञों ने अपनी निःस्वार्थ सेवाएँ प्रदान कीं।

कार्यक्रम का शुभारम्भ पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी एवं साध्वी भगवती सरस्वती जी के पावन सान्निध्य में दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। इस मोतियाबिंद चिकित्सा शिविर में अमेरिका से पधारे वरिष्ठ नेत्र चिकित्सक डॉ. मनोज पटेल, ऑस्ट्रेलिया से डॉ. पूर्णिमा राय, इंग्लैंड से डॉ. योगा, भारत के प्रख्यात विशेषज्ञ डाॅ मिलिंद भिडे, डॉ. विवेक जैन, डॉ. संपथ, डॉ. अश्विनी सुहासराव, डॉ. इरीना, डॉ. साई सुश्रुथा पेरुरी, डॉ. पारुल देसाई, डॉ. सतीश देसाई, डॉ. कलई, डॉ. आनंद चंद्रशेखरन, डॉ. विजयलक्ष्मी वद्रेवी, डॉ. भट्ट, डॉ. नीलिमा गाँधम, डॉ. जया माधुरी तथा डॉ. रोजी आहूजा सहित अनेक विशेषज्ञ चिकित्सक सहभाग कर रहे हैं।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि सेवा ही सच्ची साधना है। आँखों की रोशनी सिर्फ दृष्टि ही नहीं देती, यह जीवन को नई दिशा और नया उजाला भी प्रदान करती है। किसी व्यक्ति को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाना सबसे बड़ा पुण्य है। उन्होंने सभी चिकित्सकों एवं सहयोगियों के प्रति हृदय से आभार व्यक्त किया कि वे अपनी व्यस्तताओं के बीच समय निकाल कर मानवता की इस दिव्य सेवा में सहभागी बनते हैं।

साध्वी भगवती सरस्वती जी ने कहा कि परमार्थ निकेतन सदैव से “सर्वे भवन्तु सुखिनः” के दिव्य मंत्र को जीवन में उतारने का कार्य करता आया है। स्वास्थ्य सेवा के ऐसे शिविर समाज के हर तबके के लोगों के लिए अत्यंत उपयोगी होते हैं, विशेषकर उनके लिए जो आर्थिक रूप से महंगे उपचार का खर्च नहीं उठा पाते। उन्होंने आगे कहा कि “एक स्वस्थ दृष्टि, एक स्वस्थ हृदय और एक सशक्त रीढ़ यही जीवन की असली समृद्धि है।”

इस दस दिवसीय मोतियाबिंद शिविर में दूर-दूर के क्षेत्रों से आए मरीजों के निःशुल्क नेत्र परीक्षण, दवाइयाँ एवं ऑपरेशन की व्यवस्थायें परमार्थ निकेतन द्वारा सुनिश्चित करायी जा रही है। वहीं हृदय रोग एवं आर्थो-स्पाइन शिविर में विशेषज्ञ डॉक्टरों ने सैकड़ों मरीजों की जाँच कर उचित सुझाव एवं उपचार प्रदान किया। विशेष रूप से वृद्धजनों रक्तचाप एवं हृदय संबंधी कई समस्याएँ पाई गईं, जिनके त्वरित समाधान हेतु टीम निरंतर कार्यरत है।

इस शिविर की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि जाँच, दवा, उपचार एवं ऑपरेशन सभी सुविधाएँ परमार्थ निकेतन द्वारा पूर्णतया निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही हैं। समाज के उन लोगों तक चिकित्सा पहुँचाना जो अस्पताल तक पहुँचने में असमर्थ रहते हैं यही इस अभियान का मूल उद्देश्य है।

स्वामी जी ने कहा कि स्वास्थ्य, स्वच्छता और सेवा ये तीनों जीवन और समाज की शक्ति को निरंतर बढ़ाते हैं। हमें उन लोगों तक पहुँचना है, जिन्हें हमारी आवश्यकता सबसे अधिक है। यही सेवा धर्म, यही विश्वकुटुम्बम् की सच्ची भावना है।

स्वामी जी ने कहा कि परमार्थ निकेतन ऐसे निःस्वार्थ एवं मानवता केंद्रित अभियानों को भविष्य में भी निरंतर आगे बढ़ाता रहेगा। मोतियाबिंद चिकित्सा शिविर में 800 से अधिक पंजीकरण हुये। ये सुविधायें सभी के लिये हैं।


By Shashi Sharma

Shashi Sharma Working in journalism since 1985 as the first woman journalist of Uttarakhand. From 1989 for 36 years, she provided her strong services for India's top news agency PTI. Working for a long period of thirty-six years for PTI, he got her pen ironed on many important occasions, in which, by staying in Tehri for two months, positive reporting on Tehri Dam, which was in crisis of controversies, paved the way for construction with the power of her pen. Delivered.

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