माँ की उपासना, आराधना से भक्तों को फलों की प्राप्ति होती- महन्त नारायण गिरी महाराजमाँ की उपासना, आराधना से भक्तों को फलों की प्राप्ति होती- महन्त नारायण गिरी महाराज

माँ की उपासना, आराधना से भक्तों को फलों की प्राप्ति होती- महन्त नारायण गिरी महाराज

शारदीय नवरात्र पर किया कन्या पूजन, हवन पूजन में कल्याणार्थ दी गई आहुतियां

जसोल- जो भक्त देवी कात्यायनी की पूजा करते हैं उन्हें बुद्धिमत्ता और नकारात्मक शक्तियों से दूर रहने का आशीर्वाद मिलता है। मां दुर्गा के इस स्वरूप की पूजा करने से व्यक्ति को सुख-शांति के साथ मोक्ष की प्राप्ति होती है। ये बात श्री राणी भटियाणी मंदिर संस्थान (जसोलधाम) में नवरात्र पर्व के छठे दिवस पर संत महामंडल अध्यक्ष दिल्ली (एन.सी.आर.) व जूना अखाड़ा अंतराष्ट्रीय प्रवक्ता तथा दुधेश्वर महादेव मठ (गाजियाबाद) महन्त नारायण गिरी महाराज ने कही।

उन्होंने कहा कि हिंदू शास्त्रों के अनुसार माँ दुर्गा के स्वरुप माँ कात्यायनी की चार भुजाओं में से एक भुजा में तलवार, दूसरे में पुष्प, तीसरा हाथ अभय मुद्रा में हैं वहीं चौथा हाथ वर मुद्रा में है। आज के दिन जो भी भक्त विधि-विधान से पूजा करते हैं, उनके घर से दरिद्रता भी दूर हो जाती है। उन्होंने कहा कि माँ की उपासना और आराधना से भक्तों को बड़ी आसानी से अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष चारों फलों की प्राप्ति होती है।

साथ ही कात्यायनी देवी की कृपा से भक्तों के रोग, शोक, संताप और भय नष्ट हो जाते हैं। जो भक्त भगवती कात्यायनी की आराधना सच्चे मन से करता है। उसके सभी पाप भगवती कात्यायनी की कृपा से नष्ट हो जाते हैं। देवी कात्यायनी सच्चे भक्तों के लिए अमोघ फलदायिनी मानी गई है। इसी के साथ देवी कात्यायनी की पूजा गृहस्थों और विवाह की इच्छा रखने वालों के लिए भी फलदायी मानी जाती है। श्री राणी भटियाणी मंदिर संस्थान (जसोलधाम) में नवरात्र पर्व पर पूजा अर्चना का क्रम लगातार जारी है।। शारदीय नवरात्र पर्व पर मन्दिर में दर्शन के लिए प्रतिदिन श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा है।

मन्दिर परिसर में विद्वान आचार्यों व पंडितों के द्वारा दिनभर मां दुर्गा का विशेष-पूजन व पाठ किए जा रहे है। वंही मंदिरों में दुर्गा सप्तशती, मां के गीतों व भजनों से धाम भक्तिमय बना हुआ है। शारदीय नवरात्र छठे दिवस पर श्री राणीसा भाटियाणीसा के समस्त भक्तों की ओर से नवकुण्डीय यज्ञ में आचार्य तोयराज, नित्यानंद, वैदाचार्य दीपक भट्ट, पंडित नितेश त्रिपाठी, मनोहरलाल अवस्थी, आयुष पोढेल, निखिलेश शर्मा, केशवदेव कोटा, विशेष दीक्षित, प्रियांशु पांडे, रामधिरज तिवारी, अभिनव पुरोहित, विपिन्न शुक्ला, राहुल तिवारी, यश दीक्षित द्वारा सर्व पिठ्ष्थ देवी-देवता पूजन अर्चना, श्री दुर्गा मूर्ति प्रतिष्ठा, यजुर्वेद के 31 से 40 अध्याय परायण, ऋग्वेद का द्वितीय खण्ड परायण, श्री शुक्त, पुरुशुक्त, रुद्र्शुक्त व दुर्गासप्तशती के पाठ व श्री गणेश अथर्वशीर्ष मंत्रोचारण किया गया। तथा संस्थान समिति सदस्य कुंवर हरिश्चंद्रसिंह जसोल द्वारा कल्याणार्थ भाव को लेकर यज्ञ में आहुतियाँ दी गई।

शारदीय नवरात्र पर्व के उपलक्ष्य में संत महामंडल अध्यक्ष दिल्ली (एन.सी.आर.) व जूना अखाड़ा अंतराष्ट्रीय प्रवक्ता तथा दुधेश्वर महादेव मठ (गाजियाबाद) महन्त श्री नारायण गिरी महाराज व महंत श्री गणेशपुरी जी महाराज (वरिया) के पावन सानिध्य में कन्या पूजन, सभी मंदिरों में भोग व कन्या प्रसाद सहित सभी भक्तों को प्रसाद करवाने का लाभ स्वर्गीय जगन्नाथ कोठारी धर्मपत्नी हर प्यारी देवी कोठारी पुत्र भंवरलाल, गोपी किशन, नंदकिशोर, रामकिशन कोठारी निवासी बाप (फलौदी) हाल बालोतरा, जसोल, कोलकत्ता, अहमदाबाद (राम कृष्णा ग्रुप) ने लिया|

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