Mahant avaedh Nath,उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने गुरू महंत अवैधनाथ की 9वीं पुण्यतिथि पर दी भावुक श्रद्धांजलि
Mahant avaedh nathUttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath held a condolence meeting on the 9th birth anniversary of his guru Mahant avaedh Nath.
मुख्यमंत्री कई बार हुए भावुक,उनसे शिक्षित व संस्कारित होना सौभाग्य की बात-योगी आदित्यनाथ
महंत अवैधनाथ ने सभी धर्माचार्यो को एक साथ लाकर रामजन्म भूमि आंदोलन को मजबूत किया- श्रीमहंत नारायण गिरि
Mahant avaedh Nath,गोरखपुर गोरक्ष पीठ में युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ महाराज की व राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवैधनाथ की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में आयोजित साप्ताहिक श्रद्धांजलि समारोह का आज मंगलवार को समापन हो गया।मंगलवार को गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गुरू महंत,Mahant avaedh Nath.अवेद्यनाथ को उनकी 9 वीं पुण्यतिथ श्रद्धांजलि अर्पित की गई। श्रद्धांजलि सभा की अध्यक्षता गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की।
अपने गुरू को श्रद्धांजलि देते हुए मुख्यमंत्री कई बार भावुक हुए,कहा यह उनका सौभाग्य है कि उन्हें राष्ट्रसंत महंत महाराज से शिक्षित व संस्कारित होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। गोरक्ष अवैधनाथ पीठ ने जहां अपनी प्राचीन गौरवमयी भारतीय सभ्यता व संस्कृति को अक्षुष्ण बनाए रखा, वहीं लोगों को नवीन ज्ञान से भी अवगत कराया तो यह महंत दिग्विजयनाथ महाराज व राष्ट्रसंत महंत अवेद्यनाथ महाराज के आशीर्वाद व प्रेरणा का ही प्रताप है,Mahant avaedh Nath
उन्होंने गोरक्षपीठ को सिर्फ पूजा पद्धति और साधना स्थली तक सीमित नहीं रखा, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य और सेवा के विभिन्न आयामों से जोड़कर लोक कल्याण का मार्ग प्रशस्त किया। उन्होंने हमें जो मार्ग दिखाया, उस पर चलकर ही हम धर्म,समाज व देश की रक्षा कर सकते हैं और अपने देश को पुनः विश्व गुरू के पद पर प्रतिस्थापित कर सकते हैंMahant avaedh Nath
श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर गाजियाबाद, अन्तर्राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीपंचदशनाम जूना अखाडा, संत महामंडल दिल्ली व यूनाइटिड हिंदू फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहन्त नारायण गिरि महाराज ने कहा कि नाथ संप्रदाय की परम्परा के महंत व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गुरू ,Mahant avaedh Nath,अवेद्यनाथ के गोरक्ष पीठाधीश्वर रहते हुए ही अयोध्या में राम मंदिर निर्माण आंदोलन परवान चढ़ा।
Mahant avaedh Nath,उनके ही नेतृत्व की वजह से हिंदुत्व को लेकर पूरी दुनिया भर में चर्चा हुई, उन्होंने ऐलान कर दिया कि राम जन्मभूमि की मुक्ति तक वे चैन से नहीं बैठेंगे, 1980 में राजनीति से संन्यास लेने के बावजूद राम मंदिर के लिए उनका संघर्ष चलता रहा, हिंदू समाज के अलग.अलग मतों के धर्माचार्यों को एक साथ जोड़कर उन्होंने रामजन्म भूमि आंदोलन को आगे बढ़ने का काम किया था।
जुलाई 1984 में राम जन्मभूमि यज्ञ समिति का गठन हुआ तो Mahant avaedh Nath,महंत अवैद्यनाथ को ही अध्यक्ष चुना गया था और जब तक जीवित रहे, तब तक इस पर बने रहे। सभी धर्माचार्य उन्हें अपना आदर्श मानते थे,
आज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री व गोरक्ष पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ महाराज की व राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन,Mahant avaedh Nath. महंत अवैद्यनाथ महाराज के कार्यों को आगे बढाकर पूरे विश्व में भारतीय संस्कृति व सभ्यता की पताका फहराने का कार्य कर रहे हैं,उन्होंने ऐलान कर दिया कि राम जन्मभूमि की मुक्ति तक वे चैन से नहीं बैठेंगे, 1980 में राजनीति से संन्यास लेने के बावजूद राम मंदिर के लिए उनका संघर्ष चलता रहा, हिंदू समाज के अलग.अलग मतों के धर्माचार्यों को एक साथ जोड़कर उन्होंने रामजन्म भूमि आंदोलन को आगे बढ़ने का काम किया था।
जगदगुरू स्वामी विद्यानंद भास्कर महाराज, स्वामी वासुदेवा महाराज रामानंदाचार्य, जगद्गुरू रामानुजाचार्य स्वामी विश्वेश प्रपन्नाचार्य महाराज सुग्रीव किला अयोध्या, दिगम्बर अखाडे से महन्त सुरेश दास महाराज,महंत व लोकसभा सांसद स्वामी बालकनाथ, डॉ रामकुमार वेदांती,
डॉ रामविलास वेदांती महाराज, स्वामी विद्या चेतन महाराज नैमिषारण्य, स्वामी शेर नाथ जूना गढ, महंत पंचानन पुरी, महामंडलेश्वर संतोष दास सतुआ बाबा आदि भी मौजूद रहे,Mahant avaedh Nath,