पंडित श्री शिव कुमार पांडे का आश्रम के अध्यक्ष तथा महंत पद पर पट्टा अभिषेक
हरिद्वार। भूपतवाला स्थित प्रसिद्ध आश्रम श्री ललिता आश्रम ट्रस्ट मे परम पूज्य ब्रह्मलीन गुरुदेव प्रातः स्मरणीय पंडित श्री दीनदयाल महाराज के ब्रह्मलीन हो जाने के पश्चात उनके भक्तजनों तथा ट्रस्ट द्वारा लगातार उनकी पावन पुण्यतिथि मनाई जाती रही है तथा सफलतापूर्वक आश्रम का संचालन किया जा रहा है आज तृतीय पावन पुण्यतिथि के अवसर पर आश्रम में आयोजित विशाल संत समागम में ट्रस्टी जनों तथा संत महापुरुषों ने परम पूज्य गुरुदेव पंडित दीनदयाल महाराज के जेष्ठ पुत्र तथा अनंत सेवाभावी शिष्य पंडित शिवकुमार पांडे को ट्रस्ट केब अध्यक्ष तथा ललिता आश्रम वृंदावन तथा हरिद्वार के श्री महंत पद पर विभूषित करते हुए उनका पट्टाभिषेक किया पट्टाभिषेक के दौरान सभी भक्त जनों ने फूलों की वर्षा कर पंडित शिव कुमार कुमार पांडेय का स्वागत सत्कार किया इस अवसर पर बोलते हुए महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानन्द महाराज ने कहा संस्था को सुचारू रूप से चलाये जाने हेतु ब्रह्मलीन संत के उत्तराधिकारी की आवश्यकता होती है तथा ब्रह्मलीन पंडित दीनदयाल जी महाराज की इच्छा थी कि उनके ज्येष्ठ पुत्र को उनके स्थान पर विभूषित किया जाये उनकी इच्छा का मान रखते हुए ट्रस्ट तथा संत समाज ने वह भक्त जनों ने सर्व सहमति से शिवकुमार पांडेय को श्री महंत पद पर विभूषित किया इस अवसर पर बोलते हुए पंडित श्री शिव कुमार पांडेय ने कहा परम पूज्य प्रातः स्मरणीय ब्रह्मलीन गुरुदेव पंडित दीनदयालु जी महाराज ज्ञान का एक विशाल सागर थे उनका दिया गया ज्ञान भक्तजनों तथा आश्रम में उनके तपोबल के रूप में सुख शांति और समृद्धि के रूप में सदैव बना रहेगा हम सब तो परम पूज्य गुरुदेव के सेवक हैं उनके बतायें गये मार्गदर्शनों के अनुसार यथाशक्ति आपकी सेवा करते रहेंगे श्री भरत पांडेय ने कहा आश्रम भक्तों की सेवा हेतु होते हैं संत महापुरुष तो अपना जीवन टाट की कुटिया में भी काट देते हैं यह आश्रम गुरुदेव ने भक्तजनों के लियें बनाये यह आप सभी भक्तजनों की गुरु निधि है जो सदैव आपने और हमने मिलकर सजोये रखनी है थे इस अवसर पर श्री महंत कमलेशा नंद सरस्वती महाराज महंत ज्ञानानंद महाराज महंत रवि देव महाराज महंत सूरज दास महाराज ललिताश्रम के ट्रस्टी श्री योगेश बंसल श्री सतपाल सिंगला मदनलाल सचदेवा सुनील कुमारतिन्ना आचार्य भारत भूषण पांडे वेद भारती पंडित कृष्णम तिवारी श्री हनुमान दास मनोजानंद परवीन कश्यप सहित भारी संख्या में संत महापुरुष तथा भक्तगण उपस्थित थे।